उत्तरबौद्धकाल से ही शिल्पकारों के लिए वर्धकी या वढ्ढकी संज्ञा का प्रयोग होता आया है। 'मिलिन्दपन्हो' में वर्णित शिल्पों में...
ये समूचा विश्व ही मेरा घर है, ऐसी संकल्पना सामने रखकर यदि संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर की भूमिका के बीच इस विश्व...
घर की सुख-शांति के लिए छोटी-छोटी बातों की ओर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, इसीलिए रसोईघर के निर्माण में भी वास्तुशास्र...
नये घर का निर्माण करना और उसमें विधि-विधान से प्रवेश करके जीवन-यापन करना हरेक व्यक्ति की इच्छा होती है। नये...
स्नानगृह के लिए सब से बढिया स्थान माने पूर्व दिशा, क्यों कि सबेरे स्नान करते समय सूर्यकिरणें बदनपर फैलना माने...
संपूर्ण घर के आग्नेय कोने के कमरे में रसोई घर होना चाहिए। रसोईघर में ओटला पूर्व की ओर की दीवार...
घरों में लगाए जाने वाले पौधों के लिए कई किस्म के गमर्ले बाजार में उपलब्ध हैं। घर की साज-सज्जा, सुविधा...
वास्तुशास्त्र के दृष्टिकोण से विचार करते हुए हम आठ दिशाओं को महत्व देते हैं। क्योंकि शास्त्र का मूल दिशा पर...
वास्तुशास्त्र वाकई क्या हैं? उससे वास्तव मेंं क्या होता हैं? यह विज्ञान है कि अंधश्रद्धा? ऐसे के कई सवाल आम...
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