लोकतंत्र का पर्व मनाने हम निश्चित मतदान करें..! मौसम की गर्मी को भूलें, परखें देश का तापमान, उज्ज्वल...
तुकांत-अतुकांत, छंदयुक्त-छंदमुक्त, हायकू इत्यादि कविता के कई रूप हैं। कम शब्दों में भावों की अभिव्यक्ति ही कविता की पहचान रही...
मैं कठौती की गंगा मैं सीधा मेरूदंड मैं अगरबत्ती का गंध धूम मैं ज्योति शिखा निषकम्प मैं विनय मै अभय...
इस तपोवन मे है बिखरी ज्योती एक तेजवान पुण्यश्लोक जननी है वो नाम अहिल्या है महान अहिल्या अहिल्या अहिल्या अहिल्या...
दिवाली दे सुषमा निराली विश्व को नव ज्ञान दे। शांति दे इस विश्व को गौरवमयी पहचान दे। चिर पुरातन हिंद...
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