नई हिन्दी कविता के विविध रंग
तुकांत-अतुकांत, छंदयुक्त-छंदमुक्त, हायकू इत्यादि कविता के कई रूप हैं। कम शब्दों में भावों की अभिव्यक्ति ही कविता की पहचान रही है। समय के साथ इसमें कई धाराएं बनीं और कई धाराएं मिली परंतु कविता रूपी भागिरथी निरंतर प्रवाहमान है।