बाबरी केस फैसला: सभी आरोपी बरी

बाबरी केस में सभी को राहत
आखिरकार 28 साल बाद लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने 2 हजार से अधिक पेज का फैसला सुनाया जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं सहित कुल 32 लोगों को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार के खिलाफ कोई चार्ज साबित नहीं होता है जिसके बाद सभी को आरोपों से बरी किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई द्वारा पेश किये गये सबूत आरोपों को सिद्ध नहीं कर सके, बाबरी विध्वंस को लेकर कोर्ट ने कहा कि यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया कार्य है। 
 
राज्य की बढ़ायी गई सुरक्षा व्यवस्था
बाबरी विध्वंस केस को देखते हुए पूरे राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त कर दी गयी है और पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है जिससे किसी भी गैर कानूनी घटना को रोका जा सके। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अयोध्या, वाराणसी और लखनऊ जैसे शहरों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किये गये है। प्रशासन को ऐसी उम्मीद है कि कोर्ट के फैसले के बाद पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से जुलुस निकाले जा सकते है। बाबरी केस में कुल 49 आरोपी थे लेकिन 17 आरोपियों के निधन के बाद कुल 32 लोगों पर आज कोर्ट फैसला सुनाएगी।आरोपियों में प्रमुख रुप से भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह का नाम भी शामिल है।
बाबरी मस्जिद विवाद
अयोध्या के विवादित बाबरी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा था कि यह मस्जिद मुगल शासक बाबर के शासनकाल में राम मंदिर को तोड़कर उसके उपर बनाई गयी है। इन 500 वर्षों में अब तक हिंदुओ ने राम मंदिर के लिए करीब 76 युद्ध लड़े है जिसमें लाखो हिन्दुओं ने अपना बलिदान दिया है। 90 के दशक में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने चुनाव से पहले रथ यात्रा निकाली थी जिसके बाद से राम मंदिर का मुद्दा जोर पकड़ लिया और फिर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही कारसेवकों ने 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद को जमीदोज कर दिया।

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  1. राजकुमार

    सही न्याय

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