धनतेरस: यम दीप और पूजा में स्वास्थ्य का महत्तव

धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास के त्रियोदशी को मनाया जाता है और इसके साथ ही पंच त्यौहार का आरंभ होता है। इस बार धनतेरस का त्यौहार 13 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है। धनतेरस के दिन भगवान कुबेर और धनवंतरी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन घर में नये सामान खरीदना चाहिए इससे धन और अक्षय बढ़ता है। धनतेरस का त्यौहार ज्यातादर दीवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है इसे छोटी दीवाली भी कहते है। इस दिन रात में एक दिया भी घर के बाहर जलाया जाता है जिसे यम (जम) का दिया कहा जाता है। यह दीप यमराज के लिए जलाया जाता है जिससे यमराज प्रसन्न होते है। मान्यता है कि इस दीप के जलाने से घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है।

धनतेरस पूजा विधि-
धनतेरस की पूजा का हिंदू समाज में विशेष महत्तव है। इस त्यौहार के दिन घर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और फिर उसे गंगा जल छिड़क कर पवित्र कर लें। चौकी पर माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और भगवान कुबेर की मूर्ति या फोटों को रखें। फोटो पर लाल फूल या फिर कमल का फूल चढ़ाएं फिर घी का दीपक जलाएं एवं धूम या अगरबत्ती भी जलाएं। धनतेरस के दिन आप ने जो भी नया सामान और सोना, चाँदी ख़रीदा है उसे भी भगवान को समर्पित करें। अंत में लक्ष्मी जी, कुबेर जी के मंत्र का जाप करें और आरती भी करें। इससे आप के धन की बढ़ोत्तरी होगी और मन को शांति भी मिलेगी।

धनतेरस के दिन व्यापारी भी दुकान और कंपनी में पूजा करते है। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन पूजा करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है और भविष्य में धन की कमी नहीं होती है। हिंदू धर्म में झाड़ू को देवी लक्ष्मी का रुप माना जाता है और इससे दरिद्रता दूर होती है इसलिए धनतेरस के दिन झाड़ू भी जरुर खरीदना चाहिए।

धनतेरस को कैसे बढ़ेगा धन!
धनतेरस के दिन पूजा करना जरूरी होता है और पूजा के बाद 21 चावल के दाने को लाल कपड़े में बांध कर धन वाले स्थान पर रखें इससे आप के धन में वृद्धि होगी। इस पावित्र त्यौहार पर सोना और चाँदी खरीदने को भी शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने से धन में वृद्धि होती है। वैसे धनतेरस के लेकर यह सभी को पता है कि इस दिन पूजा करने से धन में वृद्धि होती है लेकिन इससे अलग एक और सच्चाई है कि भगवान धनवंत्तरी धन के साथ साथ रोगों के भी भगवान माने जाते है और उनकी पूजा करने से बड़े से बड़े रोग भी दूर हो जाते है। लेकिन वर्तमान में लोग स्वास्थ्य के लाभ को पूरी तरह से भूल चुके है और सभी का आकर्षण सिर्फ धन हो चुका है।

धनतेरस पर स्वास्थ्य का महत्तव!
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन किया था तो भगवान धनवंत्तरी अपने हाथ में औषधि का कलश के आज के ही दिन प्रकट हुए थे। इसलिए उन्हे धन के साथ साथ स्वास्थ्य का भी देवता माना जाता है और उनकी पूजा करने वाला निरोगी होता है लेकिन अलग अलग पुस्तकों और टीवी कथाओं ने धनतेरस के महत्तव को ही बदल दिया और इसे धन का त्यौहार बना दिया।

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