किसान विरोध की पुरानी तस्वीर शेयर कर रहे कांग्रेसी नेता, माहौल को बिगाड़ने की हो रही साज़िश!

मोदी सरकार की तरफ से कृषि सुधारों को ध्यान रखते हुए तीन नये अध्यादेश 5 जून 2020 को पारित किया गया। दोनों सदनों में यह अध्यादेश पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास गया और वहां से पास होने के बाद अब यह कानून बन चुका है। मोदी सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस अध्यादेश की जरुरत अब देश के किसानों को है और इससे देश के किसानों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए पारित हुआ यह अध्यादेश 21वीं सदी की जरुरत है और इससे किसानों को बड़ा फायदा होने वाला है लेकिन इससे उलट विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे है और सरकार के इस फैसले को किसानों के विरुद्ध बता रहे है।

तमाम पार्टियों के द्वारा संचालित हो रहे किसान संगठन अब अपने विरोध को लेकर दिल्ली पहुंचने लगे है। दिल्ली चलो मार्च के नाम पर पंजाब और हरियाणा के कई हजार किसान अब दिल्ली पहुंच रहे है। किसान इस बिल के विरोध को लेकर प्रधानमंत्री आवास तक जाना चाहते है लेकिन हरियाणा, पंजाब और दिल्ली पुलिस किसानों को दिल्ली की सीमा पर ही रोक कर रख रहा है। पुलिस की तरफ से कठोर कार्रवाई भी किसानों पर की गयी लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नही है। पुलिस ने किसानों को बैरिकेडिंग कर के रोक रखा है और उन्हे पीछे हटाने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरोना को ध्यान में रखते हुए किसानों को भीड़ खत्म करने के लिए बार बार कहा जा रहा है और इसके लिए प्रशासन कड़ाई का इस्तेमाल कर भीड़ खत्म करना चाहती है जबकि किसान अपने विरोध को खत्म करने के लिए तैयार नहीं है।

किसानों के विरोध का कुछ राजनीतिक दल फायदा उठाने की भी कोशिश कर रहे है और किसानो के विरोध की गलत तस्वीरों को वायरल कर रहे है। कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता सन 2018 की किसान विरोध रैली की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे है और लोगों को सरकार के खिलाफ भड़का रहे है। यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से दो साल पुरानी तस्वीर वायरल की जा रही है और सरकार के खिलाफ एक गुटबंदी तैयार करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेता शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने ट्वीटर हैंडल से पुरानी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है, “ये मेरे प्यारे देश की तस्वीर नहीं है हरियाणा की शरहद है यह कश्मीर नहीं है रोकेगा भला कौन किसानों को आने से, दिल्ली किसी के बाप की जागीर नहीं है”

कांग्रेस नेता अर्चना डालमिया ने भी ऐसी ही फर्जी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि क्या किसान की उपज पर पूरा देश निर्भर नही है? सरकार गरीब किसान की आवाज को दबाना चाहती है। डालमिया ने भी किसान आंदोलन की पुरानी तस्वीर को आधार बना कर सरकार पर हमला बोला है। इस फेक फोटो के आधार पर देश की जनता को भी गुमराह किया गया और इस आंदोलन को और भड़काने की कोशिश की गयी है।

कांग्रेस की तरफ से जो तस्वीर शेयर की गयी है उसमें पीले रंग के बैरिकेड से रास्ता रोका गया है और पुलिस किसानों पर पानी की बौछार कर रही है। यह सन 2018 के किसानों के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर है जिसे करीब एक दर्जन काँग्रेसी नेताओं ने शेयर कर वर्तमान की तस्वीर बताई है।

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