कृषि बिल को लेकर किसानों का विरोध लगातार जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अलग अलग किसानों से लगातार बात कर रहे है और किसानों को यह समझाने की कोशिश कर रहे है कि सरकार द्वारा लाया गया बिल किसानों के हित में है और इसका विरोध करना एक राजनीतिक साजिश है। शुक्रवार को पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के 35 लाख किसानों से बात की और बताया कि कैसे किसानों के हित के बिल का विपक्ष विरोध कर रहा है। पीएम ने कहा कि सरकार द्वारा लागू किया गया कृषि बिल किसानों के हित में है जबकि बिचौलिये और दलालों को इससे परेशानी होगी इसलिए यह लोग किसानों को भड़का रहे है और कृषि बिल का विरोध कर रहे है।
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के साथ किसी को भी खिलवाड़ नहीं करने दूंगा। कुछ राजनीतिक दल किसानों को भड़का रहे है और विरोध कर रहे है। सरकार लगातार बातचीत के लिए तैयार है और यह जानना चाहती है कि आखिर बिल में खामी कहा पर है लेकिन कोई भी दल इस पर चर्चा के लिए तैयार नही है। पीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में विपक्ष के पास कोई भी मुद्दा नहीं है जिससे वह सरकार को घेर सके इसलिए अब वह किसानों को भड़का रहा है।
विपक्ष पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि विपक्ष जिन मुद्दों को आधार बनाकर चुनाव लड़ता है उसे मोदी सरकार एक के बाद एक पूरा करती जा रही है जिससे विपक्ष परेशान है। मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल चालू है लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है जिससे विपक्ष परेशान है। मोदी ने किसानों के सामने हाथ जोड़ कर वादा किया कि उनकी सरकार कभी भी किसानों के विरोध में फैसला नहीं ले सकती है और अगर किसी को भी यह आशंका है कि उनके साथ गलत हुआ है तो उनकी सरकार हाथ जोड़कर और सिरझुकाकर देश के हर किसान से चर्चा करने के लिए तैयार है।
केंद्र सरकार ने उन मुद्दों को सुलझा दिया है जिस पर पिछले कई सालों से मंथन चल रहा था। किसानों के हित में यह फैसले रातो रात नहीं लिए गये है बल्कि इसे तैयार करने में सालों का समय लगा है और इन योजनाओं को तैयार करने में उच्च स्तर के वैज्ञानिक और अधिकारियों को लगाया गया है। मोदी सरकार ने कहा कि कृषि कानून को लेकर कहा कि इस कानून को लागू हुए करीब 6 महीने से अधिक हो गया लेकिन अचानक से इसका विरोध शुरु हो गया। सरकार ने विरोध कर रहे दलों से जब बिल की खामियों के बारे में चर्चा की तो उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं था। किसान संगठन सिर्फ एक ही मांग कर रहे है कि कृषि बिल को वापस लिया जाए।
किसान संगठन एमएसपी को लेकर सवाल उठा रहे है जिस पर पीएम मोदी ने सफाई देते हुए कहा कि, अगर सरकार को एमएसपी हटानी होती तो सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू क्यों करते? सरकार की तरफ से हर बार बुआई से पहले ही एमएसपी की घोषणा कर दी जाती है जिससे किसानों को यह पता चल जाये कि किस फसल पर कितना लाभ होगा और वह उसके अनुसार ही खेती करते है। नये कृषि बिल के लागू होने के बाद भी बुआई से पहले एमएसपी लागू की गयी है और मंडियों में खरीददारी भी चालू है। किसानों को विपक्ष की चाल को समझना होगा और अपने हित के बारे में सोचना होगा।