हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर नामा

सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर नामा

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, राजनीति, विशेष, सामाजिक
0

‘सुषमा स्वराज’ यह नाम सुनते ही एक ऐसी महिला की तस्वीर आंखों में आ जाती है जो अपनी कड़ी आवाज और बेजोड़ भाषण के साथ अपनी बात को लोगों के सामने रखती थी। कालेज के दिनों से ही राजनीति में भाग लेने वाली सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री तक का किरदार बखूबी निभाया। दरअसल यह भी कहना गलत नहीं होगा कि जब यह विदेश मंत्री थी तो इन्होने उस पद को लोगों के सामने एक अलग ही तरह से पेश कर दिया था, वर्ना लोग विदेश मंत्री को यही जानते थे कि इनका आम जनता से कोई सरोकार नहीं होता है लेकिन जब सुषमा स्वराज ने मात्र एक ट्वीट पर लोगों की मदद करनी शुरु की तो जाने कितने लोगों की समस्या मिनटो में खत्म होने लगी और लोग अपनी विदेश मंत्री को बार बार धन्यवाद देने को मजबूर होने लगे। 

14 फरवरी 1952 को पंजाब के अंबाला में पैदा हुई सुषमा स्वराज ने अपनी पढ़ाई पंजाब से ही पूरी की और कानून की डिग्री हासिल किया। सुषमा स्वराज NCC की भी कैडेड थी और इन्हे सर्वश्रेष्ठ कैडेड के लिए पुरस्कृत किया गया था। इसके साथ ही स्कूल और कालेज की तरफ से भी सुषमा को कई बार पुरस्कार मिला था। 13 जुलाई 1975 को सुषमा स्वराज का विवाह स्वराज कौशल के साथ हुआ। स्वराज कौशल सुषमा स्वराज के साथ सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता और उनके सहयोगी थे। स्वराज कौशल सबसे कम उम्र में मिजोरम के राज्यपाल बने उससे पहले उन्हे राज्यसभा का सदस्य बनाया गया था।    
 
इंदिरा गांधी के खिलाफ जारी जय प्रकाश नारायण के आंदोलन में सुषमा स्वराज ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। इसके बाद देश में लगे आपातकाल का भी पुरजोर विरोध किया। यह कह सकते है कि यहीं से सुषमा स्वराज सक्रिय राजनीति में आ गयी थी और देश के नेताओं की नजर इन पर पड़ने लगी थी। इसके बाद इनका राजनीति से रोज का नाता हो गया और फिर इन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 
 
सुषमा स्वराज अपने भाषण के लिए जानी जाती थी लेकिन उस भाषण में इस्तेमाल होने वाले शब्द और उसकी मधुरता सभी को कायल करती थी। वह ज्यादातर हिन्दी भाषा का इस्तेमाल करती थी लेकिन उनकी अंग्रेजी भी अच्छी थी। विदेशी मंच पर वह अंग्रेजी में ही भाषण देती थी लेकिन कभी कभी विदेशी मंच पर भी हिन्दी का प्रभुत्व स्थापित कर देती थी। विदेश मंत्री रहने के दौरान सितंबर 2016 में उन्होने संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में भाषण दिया था जो बहुत प्रभावशाली था और उसकी पूरे देश में चर्चा हुई थी। सुषमा स्वराज ने हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनाने का भी प्रयत्न किया था। सुषमा स्वराज को हिन्दी के साथ साथ संस्कृति में भी महारत हासिल थी इसलिए ही वह ज्यादातर संस्कृत में अपनी शपथ लेती थी उन्होने संस्कृत में कई बार भाषण भी दिया था। सन 2012 में सुषमा स्वराज को उनकी अच्छी संस्कृत के लिए एक संस्था द्वारा पुरस्कृत किया गया था लेकिन पुरस्कार में जो धनराशि उन्हे मिली थी उन्होने उसे उस संस्था को ही दान कर दिया और कहा कि इसकी जरुरत मुझसे कहीं ज्यादा संस्था को है। 
 
सुषमा स्वराज का राजनीतिक करियर
1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी 
1975 में सोशलिस्ट नेता जॉर्ज फर्नांडिस की टीम में शामिल हो गयी
1977 में अंबाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनी
1977 सबसे कम उम्र (25 वर्ष) की महिला कैबिनेट मंत्री बनने का रिकार्ड बनाया
1979 मात्र 27 वर्ष की आयु में जनता पार्ट की अध्यक्षा बनी 
1987 में अंबाला छावनी से विधायक और शिक्षा मंत्री बनी
1990 राज्यसभा सदस्य के लिए चुनी गयी
1996 दक्षिण दिल्ली से चुनाव जीता और सूचना व प्रसारण मंत्री बनी
1998 दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी 
2009 में वह लोकसभा में विपक्ष की नेता बनी 
2014 में भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनी
 
सुषमा स्वराज एक महान नेता, वक्ता, विनम्र दिल महिला और एक कुशल राजनीतिज्ञ थी। हमारे आज के राजनीतिक और गैर राजनीतिक महिला-पुरुषों को उनके जीवन से बहुत कुछ सीखना चाहिए। सुषमा स्वराज की भाषा शैला को भी हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए और हिन्दी का भरपूर प्रचार करना चाहिए। हम सुषमा स्वराज जी को दिल से श्रद्धांजली अर्पित करते है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।  
 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: breaking newshindi vivekhindi vivek magazinelatest newstrending

हिंदी विवेक

Next Post
चौरी-चौरा कांड: आखिर प्रदर्शनकारियों को क्यों फूंका था पुलिस स्टेशन?

चौरी-चौरा कांड: आखिर प्रदर्शनकारियों को क्यों फूंका था पुलिस स्टेशन?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0