हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
बिहार में सांप्रदायिक मामलों में कार्रवाई की रफ्तार धीमी 

Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar speaks during the International Conference on Crop Residue Management in Patna, Monday, Oct. 14, 2019. (PTI Photo)(PTI10_14_2019_000064B) *** Local Caption ***

बिहार में सांप्रदायिक मामलों में कार्रवाई की रफ्तार धीमी 

by राघव झा
in राजनीति, विशेष, सामाजिक
0
– थाना स्तर पर सांप्रदायिक घटनाओं या मामलों में धारा 153-ए और 295-ए लगाने के बाद इसमें आगे की कार्रवाई करने के लिए लेनी पड़ती है सरकार से अनुमति
– थाना स्तर पर बिना गहन समीक्षा के इन दोनों धाराओं का कर देते उपयोग, इससे विभागीय जांच में 25-30 फीसदी मामले पाये जाते हैं गलत
राज्य के किसी इलाके में कोई सांप्रदायिक स्थिति या तनाव या ऐसी कोई घटना होने पर संबंधित थाना धारा 153-ए और 259-ए को जोड़ते हुए एफआइआर दर्ज करते हैं, परंतु इन दोनों धाराओं को जोड़ने के बाद ऐसे मामलों में आगे की कार्रवाई करने के लिए सरकार के स्तर से अनुमति लेना अनिवार्य हो जाता है। ऐसे में राज्य के किसी थाने में इन दोनों धाराओं को अंतर्गत मामला दर्ज होने के बाद यह एफआइआर एसपी के स्तर से गृह विभाग और फिर विधि विभाग के पास समीक्षा के लिए आती है। विधि विभाग के स्तर पर समीक्षा के बाद यह फाइल मुख्य सचिव के स्तर तक जाती है।
अगर, किसी स्तर पर समीक्षा के दौरान कोई मामला गलत पाया जाता है, तो उसे निरस्त कर दिया जाता है और इन दोनों धाराओं में कार्रवाई करने की अनुमति नहीं मिलती है। विधि विभाग में समीक्षा के लिए फाइल इतने स्तर से गुजरती है कि ऐसे एक-एक मामले की गहन समीक्षा में सात से 10 दिन तक का समय लग जाता है। इससे अनावश्यक रूप से प्रक्रियात्मक विलंब होता है। इस कारण से इन दोनों धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई करने के लिए अंतिम अनुमति प्रदान होने में महीनों का समय लग जाता है। विधि विभाग में 2019 से अब तक करीब 300 मामले सिर्फ अनुमति प्राप्ति के इंतजार में पड़े हुए हैं।
बड़ी संख्या में गलत भी पाये जाते हैं मामले : विभागीय स्तर पर समीक्षा के दौरान धारा 153-ए एवं 295-ए से जुड़े 25 से 30 फीसदी मामले गलत पाये जाते हैं। थाना स्तर पर बिना वजह या किसी छोटे-मोटे विवाद में भी इन दोनों धाराओं का प्रयोग करते हुए एफआइआर दर्ज कर दी जाती है। कई बार गुटों के बीच सामान्य मारपीट या किसी आयोजन के दौरान किसी सामान्य झड़प में भी इन धाराओं को जोड़ देते हैं। इससे जबर्दस्ती इन मामलों की संख्या बढ़ती है। इस मामले में कानूनविदों का कहना है कि अगर इन मामलों में डीएम के स्तर पर ही समीक्षा करके अंतिम रूप से अनुमति प्रदान करने की व्यवस्था कर दी जाये, तो ऐसे मामलों का निबटारा तेजी से होगा। सिर्फ कार्रवाई शुरू करने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ये हैं धाराएं 153-ए और 295-ए :
अलग-अलग धर्म, समुदाय, भाषा, नस्ल से जुड़े लोगों या इनके समुदाय या गुटों के बीच विवाद, मारपीट, खून-खराबा या झड़प होती है, तो इन दोनों धाराओं का उपयोग किया जाता है। किसी तरह का धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए या किसी धर्म का अपमान करने से संबंधित हरकत, अगर कोई व्यक्ति किसी तरह से करता है, तो उस पर भी धारा 295-ए के तहत मामला दर्ज होता है। सीआरपीसी की धारा 196 के तहत राज्य सरकार को इन दोनों धारों में आगे की कार्रवाई करने या मुकदमा चलाने की अनुमति देने का अधिकार प्राप्त है।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: indiaindian politicsinformativenarendra modinationfirstpeoplepolitical newsभारतीय इतिहास

राघव झा

Next Post
काबुल हमले का संदेश समझे विश्व समुदाय

काबुल हमले का संदेश समझे विश्व समुदाय

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0