पीएम मोदी के जन्मदिन पर ऐसा उपहार !

Continue Readingपीएम मोदी के जन्मदिन पर ऐसा उपहार !

देश के प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर को अपना 71वां जन्मदिन मनाया लेकिन यह बाकी जन्मदिन से बिल्कुल अलग था। हम अपने जन्मदिन पर केक काटते हैं और दोस्तों व परिवार के साथ पार्टी करते है जबकि पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर ऐसा कुछ भी नहीं किया। उन्होंने अपना जन्मदिन…

भारतीय राजनीति में नरेंद्र “मोदी” होने के मायने

Continue Readingभारतीय राजनीति में नरेंद्र “मोदी” होने के मायने

भारत 'नवनिर्माण' की अमृत बेला से गुजर रहा है। 'अंत्योदय' के दर्शन में विकास को ढाल कर 'राष्ट्रोदय' की स्वर्णिम संकल्पना को साकार करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस युगांतरकारी 'नव निर्माण' के वास्तुकार हैं। वंचितों, शोषितों, उपेक्षितों, उपहासितों, किसानों और महिलाओं के सर्वांगीण उत्थान को समर्पित यह  'निर्माण प्रक्रिया' भारत…

चुनौतियों से भरा जीवन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जन्मदिन की शुभकामनाएं

Continue Readingचुनौतियों से भरा जीवन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जन्मदिन की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन बहुत ही संघर्षों के बीच गुजरा है और अब भी शायद कुछ ऐसा ही बीत रहा है हालांकि उन्होने जो मुकाम हासिल किया है वह आम लोगों के बस की बात नहीं है उसके लिए एक विशेष संघर्ष की ही जरूरत होती है। बेहद साधारण परिवार से…

हिंदुत्व के खिलाफ बैठक करने वाले हिंदुत्व से अज्ञान, यह कोई सामान नहीं जिसे खत्म किया जा सके

Continue Readingहिंदुत्व के खिलाफ बैठक करने वाले हिंदुत्व से अज्ञान, यह कोई सामान नहीं जिसे खत्म किया जा सके

डिस्मेंटल (Dismantle) का अर्थ होता है किसी भी चीज को तोड़ना या ध्वस्त करना लेकिन किसी धर्म के लिए आप का डिस्मेंटल से अर्थ क्या हो सकता है जी हां हम बात कर रहे हैं हाल ही में अमेरिका में हुए डिस्मेंटल ग्लोबल हिन्दुत्व (Dismantle global hindutva) के बारे में जहां…

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

Continue Readingकर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

भगवान श्रीकृष्ण का स्वयं का भी जीवन उतार-चढ़ाव से ओत-प्रोत है। वे जेल में पैदा हुए, महल में जिये और जंगल से विदा हुए। उनका यह मानना था कि व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है। उनके द्वारा कुरुक्षेत्र के मैदान में गीता-ज्ञान का ऐसा उपदेश दिया गया जो कर्तव्य से विमुख हो रहे हर व्यक्ति को दिशा व उर्जा प्रदान करने वाला है। वस्तुतः श्रीमद्भगवद्गीता उनके उपदेश का एक ऐसा दर्शन है जो हमें नश्वर जगत में अपना कर्तव्य निस्पृह भाव से निभाने के लिए प्रेरित करता है।

बिहार में सांप्रदायिक मामलों में कार्रवाई की रफ्तार धीमी 

Read more about the article बिहार में सांप्रदायिक मामलों में कार्रवाई की रफ्तार धीमी 
Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar speaks during the International Conference on Crop Residue Management in Patna, Monday, Oct. 14, 2019. (PTI Photo)(PTI10_14_2019_000064B) *** Local Caption ***
Continue Readingबिहार में सांप्रदायिक मामलों में कार्रवाई की रफ्तार धीमी 

- थाना स्तर पर सांप्रदायिक घटनाओं या मामलों में धारा 153-ए और 295-ए लगाने के बाद इसमें आगे की कार्रवाई करने के लिए लेनी पड़ती है सरकार से अनुमति - थाना स्तर पर बिना गहन समीक्षा के इन दोनों धाराओं का कर देते उपयोग, इससे विभागीय जांच में 25-30 फीसदी…

राष्ट्र निर्माण में वित्तीय संस्थानों की भूमिका

Continue Readingराष्ट्र निर्माण में वित्तीय संस्थानों की भूमिका

निज़ी बैंक का मुख्य उद्देश्य मुनाफ़ा कमाना है, जबकि सरकारी बैंकों का उद्देश्य सामाजिक सरोकारों को पूरा करते हुए मुनाफ़ा कमाना है। इसी वजह से देश में समावेशी विकास की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। हालांकि, बीते 73 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था काफ़ी मज़बूत हुई है।

हिन्दू पंचांग : ‘रक्षा-सूत्र’ का त्यौहार

Continue Readingहिन्दू पंचांग : ‘रक्षा-सूत्र’ का त्यौहार

आख़िर  ‘रक्षा-सूत्र’  प्रेम, शक्ति और सौहार्द्र का प्रतीक है। दुर्लभ समय में आपके प्रियजन की रक्षा और सुरक्षा के लिए यह सूत्र बांधा जाता है तो फिर ये केवल भाईयों की कलाई पर ही क्यों सजे! हर उस कलाई पर होना चाहिए जिसके सुख, समृद्धि, लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना की जाती है।

बहन बेटियों की रक्षा का कवच बनना होगा

Continue Readingबहन बेटियों की रक्षा का कवच बनना होगा

आज फिर से जरूरत है उसी देश भक्ति और देश प्रेम की जिसमें आक्रोश था! गुस्सा था! गुलामी की जंजीरों को उखाड़ फेंकने का जज्बा था l हालांकि विद्रोह की आग तो 1857 से भड़कनी शुरू हो गई थी, और तमाम क्रांतिकारियों  ने आजादी के इस यज्ञ में अपने जीवन…

हार न मानने वाले भारतीय वैज्ञानिक

Continue Readingहार न मानने वाले भारतीय वैज्ञानिक

अंग्रेजों के मन में भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति उपेक्षा का भाव इतना अधिक गहरा था कि भारत की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत और आजादी के संघर्ष काल में जगदीश चंद्र बसु, प्रफुल्ल चंद्र राय और सी.वी. रामन जैसे प्रतिभाशाली विज्ञानियों के वैज्ञानिक शोध व चिंतन को नकारने की उन्होंने पूरी कोशिश की। लेकिन प्रतिभा का दमन भला कब तक किया जा सकता है। ब्रिटिश शासन की उपेक्षा और तिरस्कार ने हमारे वैज्ञानिकों को और ज्यादा कठोर विज्ञान साधना करने को प्रेरित किया और फिर आगे चलकर उनके ज्ञान का लोहा पूरी दुनिया ने माना।

संकल्पशक्ति से होगा अखंड भारत का निर्माण

Continue Readingसंकल्पशक्ति से होगा अखंड भारत का निर्माण

जो राष्ट्र अपनी सीमाओं का विस्तार नहीं करता वह धीरे-धीरे सिमटता चला जाता है और अपने पतन को प्राप्त होता है. भारत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ इसलिए आज हम सिमट कर रह गए है. ऐसे समय में अखंड भारत की संकल्पना ही वह एकमात्र उर्जा शक्ति है…

14 अगस्त विशेष : भारत विभाजन की त्रासदी

Continue Reading14 अगस्त विशेष : भारत विभाजन की त्रासदी

कहते हैं आगे बढ़ने के प्रयासों के दौरान पड़ने वाले आराम दायक पड़ावों को मंजिल मान लिया जाए, तो फिर प्रगति के रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं। यही बात भारत की खंड-खंड आजादी को संपूर्ण आजादी मान लिए जाने पर लागू होती है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि…

End of content

No more pages to load