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प्राकृतिक आपदा में ‘समस्त महाजन’ के राहत कार्य

प्राकृतिक आपदा में ‘समस्त महाजन’ के राहत कार्य

by गिरीश शाह
in संस्था परिचय, सामाजिक, सितंबर- २०२१
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समस्त महाजन पिछले दो दशक से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। जैसे- जीव दया, पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, मानव सेवा, गौ संरक्षण, ऑर्गेनिक खेती, संसाधन विकास, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं बचाव कार्य आज में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। संस्था के योगदान को देखते हुए उसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा भी जा चुका है।

समस्त महाजन देश के अग्रणी स्वयंसेवी संस्थाओं में से एक हैं। संस्था पर्यावरण संरक्षण, जीव जंतु कल्याण, मानव सेवा से लेकर समय-समय पर प्राकृतिक आपदा के समय मनुष्य एवं पशु-पक्षी के सेवा में अग्रणी रही है। भूकंप, सूखा-अकाल, बाढ़ तथा अन्य प्राकृतिक आपदा काल में समस्त महाजन की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। सबसे ज्वलंत कोरोना काल के दौरान की गई सेवाएं सर्वश्रेष्ठ रही हैं। अपने जान की बाजी लगाकर संस्था के सभी वॉलिंटियर अपनी अहम भूमिका निभाने में सफल रहे हैं, जिसका नतीजा है कि हजारों मनुष्यों तथा पशु-पक्षियों की रक्षा करने में सफलता प्राप्त हुई है, जो आज एक मिसाल बन गया है। इस कार्य को देखकर जहां महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने संस्था को महाराष्ट्र के राजभवन में सम्मानित किया। वहीं गुजरात के पशु प्रेमी एवं कुशल जनसेवक मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी और जाने-माने जैविक खेती के जानकार एवं महामहिम राज्यपाल गुजरात श्री आचार्य देवव्रत ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।

देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत के ऐतिहासिक धरोहर को इंगित करती एक ऐसी सांस्कृतिक एवं पारंपरिक जीवन पद्धति संस्था है, जो देश की सबसे बड़ी तथा पहली संस्था है। वह आज भी उतने ही सक्रिय और रचनात्मक सेवाएं बेरोक-टोक दे रही है। इसके बाद समस्त महाजन संस्था का नाम आता है, जो सबसे बड़ी संस्था है। समस्त महाजन पिछले 5 वर्षों में कई महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन अभियान में शामिल हुए हैं और सेवा की नई लकीर खींच करके पहले पायदान पर पहुंचने पर कामयाब रहे हैं, जिसमें वर्ष 1915 में नेपाल का भूकंप में रेस्क्यू कार्य के लिए 46 वॉलिंटियर की एक टीम 2 माह तक सेवाएं दी गई।

वर्ष 2016 तथा 2019 में राजस्थान में अकाल-सूखा के दौरान जनमानस की सेवा से लेकर पशु-पक्षियों की रक्षा के लिए डेढ़ महीने का योगदान दिया। इसी वर्ष सबसे अधिक भूस्खलन प्रभावित बद्री-केदारनाथ के प्रभावित इलाकों की 3 सप्ताह की सेवाओं में शरीक सभी वॉलिंटियर्स को एक नया पहचान दी। इसी प्रकार वर्ष 2017 में कश्मीर में आपदा प्रबंधन, वर्ष 2018 में केरल के बाढ़ प्रबंधन में लोगों को भोजन प्रदान कर उन्हें विस्थापित करने का कार्य किया और वर्ष 2020- 21 में आए कोरोना काल में लोगों को भोजन, कपड़ा और दवाई प्रबंधन कर के लोगों की जान बचाई। साथ-साथ गुजरात तथा महाराष्ट्र के तटवर्ती क्षेत्र में आए तूफान से रेस्क्यू कार्य में भागीदारी का कार्य समस्त महाजन के कर्मयोग का परिणाम है।

लातूर जल समस्या समाधान में योगदान

समस्त महाजन का 48 गांव में किए गए जल प्रबंधन का कार्य उस समय से विशेष प्रकाश में आया जब लातूर में पानी की समस्या विकट रूप धारण कर चुकी थी। लातूर को पानी के संकट से उबारने के लिए कई विशेष इंतजाम किए गए, जिसमें पानी वाली विशेष ट्रेन चलाई गई। उस समय समस्त महाजन ने लातूर में जल संरक्षण और प्रबंधन की मुकम्मल व्यवस्था के लिए नई योजना लेकर आया और जल संकट से उबरने के लिए तालाबों की सफाई, जल स्रोतों को जोड़कर जल एकत्र करने से लेकर नदी-नाले के पानी को एकत्र करने का अद्भुत प्रयास किया।

राजस्थान के सूखे से प्रभावित क्षेत्रों का गोदनामा कार्यक्रम

वर्ष 2019 में सूखे तथा अकाल से प्रभावित बाड़मेर तथा सीमावर्ती जनपदों में भीषण अकाल की स्थिति बनी हुई थी, जहां समस्त महाजन ने 25 गांव को गोद लिया।

ट्रकों में लादे गए कंकाल

समस्त महाजन के एक सर्वे के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि सैकड़ों की संख्या में पशु मरे पाए गए। जब उस स्थान का भ्रमण किया गया तो पाया गया कि ट्रकों में कंकाल लादकर ले जाया जा रहा है। एक स्थान ऐसा देखा गया जहां पर जल्दी ही मरे हुए पशुओं को फेंका गया था और उन्हें मांसाहारी जानवर अपना भोजन बना रहे थे। ये हृदय विदारक दशा देखकर समस्त महाजन ने यह निश्चय किया कि अति प्रभावित गांवों को गोद लिया जाएगा और वहां चारा-पानी की व्यवस्था की जाएगी। समस्त महाजन की 19 वॉलिंटियर की टीम 3 महीने तक दिन-रात काम करती रही।

कोरोना काल में समस्त महाजन की सेवाएं

वर्ष 2020 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान मानव ही नहीं पशु पक्षी के लिए भी भोजन पानी व्यवस्था काफी कठिन हो गया था। उस विपत्ति जनक तथा जोखिम से भरी परिस्थिति में समस्त महाजन सामने आए और अपने रोटी बैंक कार्यक्रम से लोगों का मन जीत लिया। इसी प्रकार वर्ष 2021 में महावीर का प्रसाद-भोजन रथ कार्यक्रम ने स्वादिष्ट, पौष्टिक एवं स्वच्छ भोजन पानी प्रदान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। रोटी बैंक के तहत सबसे पहले रोजाना 1,000 रोटियों को एकत्र कर उसके साथ अन्य सामग्री मिलाकर लोगों को उपलब्ध कराने का अभियान 300 हाउसिंग सोसायटी के सहयोग से अपने चरम शिखर तक पहुंचते-पहुंचते प्रतिदिन  30,000 रोटियों के प्रबंधन पर पहुंच गया, जिसका संचालन श्री हीरालाल जैन के के नेतृत्व में किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2021 में महावीर का प्रसाद-भोजन रथ के माध्यम से कोरोना काल में  भोजन प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।

महावीर का प्रसाद-भोजन रथ का शुभारंभ  24 फरवरी 2021 से किया गया था जो आज तक अभी जारी है। यह कार्यक्रम अब तक (अगस्त 2021 के पहले पखवाड़े तक) 169 दिन पूरा कर चुका है और इस कार्यक्रम के तहत 165 वें दिन में 1,25,000 पैकेट भोजन का आवंटन किया जा चुका था। प्रतिदिन औसतन 300 से 1800 फूड पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के संचालक श्री परेश भाई शाह हैं, जो अपने टीम के साथ प्रतिदिन प्रातः काल से लेकर शाम तक जुटे हुए हैं। इस कार्य में उनकी पत्नी का भी अमूल्य योगदान है। अभी तक यह कार्यक्रम बिना किसी दिन ब्रेक किए संचालित किया जा रहा है।

अन्य आपदा राहत कार्य

प्राकृतिक आपदा से ग्रसित परिवारों को सहायता देना तथा संभालने का कार्य किया जाता है। अब तक समस्त महाजन ने  समुद्री इलाकों के बड़े शहर  जैसे हैदराबाद चेन्नई तिरुवनंतपुरम भुवनेश्वर जैसे समुद्री तूफान से ग्रसित जनजीवन को संभालने से लेकर नेपाल कर्नाटक, गुजरात और उड़ीसा में कार्य कर चुका है। अभी कोविड-19 के दौरान 21 संस्थाओं को लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान आदि राज्यों में जरूरतमंदों को भोजन-पानी, कपड़ा, औषधि आदि रोजमर्रा की जरूरत पूरी कर सेवा दी गई जो निरंतर जारी है।

महामहिम राष्ट्रपति से अनुरोध

समस्त महाजन प्राकृतिक आपदा जैसे- बाढ़, सूखा, अकाल, भूकंप तथा तूफान द्वारा उत्पन्न विपत्ति के परिस्थिति में मानव तथा पशु-पक्षी के बचाव कार्य में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। हाल ही में कोरोना के विपत्तिजनक परिस्थितियों में पशु-पक्षियों के लिए भोजन-पानी व्यवस्था हेतु भारत के महामहिम राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया था कि देश भर के जीव-जंतु तथा पशु-पक्षियों के लिए अतिरिक्त बजट जारी करें। राष्ट्रपति भवन से प्राप्त चिट्ठी के अनुसार महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने हमारे अनुरोध को स्वीकार किया है और उस पर कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग को अग्रसारित कर दिया है ।

राहत एवं बचाव के लिए सम्मान

समस्त महाजन पिछले दो दशक से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। जैसे- जीव दया, पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, मानव सेवा, गौ संरक्षण,ऑर्गेनिक खेती, संसाधन विकास, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं बचाव कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रही है। संस्था के योगदान को देखते हुए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। अब तक प्रस्तुत सम्मान एवं अलंकरण में प्रमुख है- जीव दया रत्न पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्ष मित्र अवार्ड और हाल में महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल द्वारा आचार्य चाणक्य अवार्ड 2020 प्रमुख है।

 

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