असहाय पशुओं को चाहिए सहारा
भारत में पशुओं की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी होती जा रही है पर उस अनुपात में पशुचिकित्सकों की संख्या काफी कम है। लोगों का जीवन स्तर विकसित होने के साथ ही विगत दो दशकों से देश में कुत्ते, बिल्लियों समेत अन्य जानवर पालने का भी शौक बढ़ा है। इसलिए देशभर में पशु चिकित्सकों की नई पीढ़ी तैयार किए जाने की आवश्यकता है।