
स्कूटर वाला मुख्यमंत्री
13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे मनोहर पर्रीकर ने अपनी शुरुआती शिक्षा गोवा से ही पूरी की जबकि आईआईटी मुंबई से स्नातक हुए। वह किसी राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से स्नातक थे जबकि ऐसा रिकॉर्ड किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के साथ नहीं है। आपको बता दें कि मनोहर पर्रीकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी अपनी सेवाएं दी है और देश के लिए बड़ा योगदान दिया है। संघ में प्रचारक रहे मनोहर पर्रीकर को बाद में देश का रक्षा मंत्री बनाया गया और गोवा के मुख्यमंत्री भी बने लेकिन इस सब के बीच उनका साधारण व्यवहार हमेशा लोगों को उनके करीब लाता था। वह बिना किसी झिझक के अपनी स्कूटर से ही ऑफिस पहुंच जाते थे शायद इसलिए ही लोग उन्हें स्कूटर वाला सीएम कहने लगे लेकिन उन्हें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। मनोहर पर्रीकर का मानना था कि अगर कम समय और कम खर्च में काम हो सकता है तो फिर लोगों के टैक्स के पैसे को क्यों बर्बाद किया जाए।
मनोहर पर्रीकर के जीवन को देखा जाए तो वहां पर दो बातें प्रतीत होती है पहली की उनकी काबिलियत बहुत थी और बहुत ही प्रतिभा के धनी थे। आईआईटी से स्नातक होना, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक का दायित्व निभाना और फिर बाद में राजनीति में आकर देश की सेवा करना। सब कुछ कितना अलग है लेकिन उसे एक साथ लेकर चलने की कला मनोहर पर्रीकर जी में थी। आईआईटी जैसे उच्च संस्थानों से स्नातक होना और फिर आम आदमी से भी साधारण व्यक्तित्व का जीवन जीना यह अपने आप में एक अलग ही प्रतिभा दर्शाती है। आज कल देश का आम आदमी भी खुद को बहुत मेंटेन रखता है जबकि मनोहर पर्रीकर मुख्यमंत्री होने के बाद भी स्कूटर और साइकिल का इस्तेमाल करते थे और एक साधारण कपड़े के साथ चप्पल पहन कर काम करते थे। ऐसा नहीं कि उन्हें दुनिया के बारे में नहीं पता था लेकिन वह खुद से एक साधारण जीवन जीना चाहते थे। शायद उन्हें विशेष लोगों वाला वीआईपी (VIP) कल्चर पसंद नहीं था।


2017 में गोवा में आखिरी सरकार बनाने के करीब एक साल बाद से उनकी तबीयत खराब रहने लगी। 2018 के बाद से वह इलाज के लिए दो बार अमेरिका भी गये लेकिन कुछ खास फायदा नहीं हुआ। अमेरिका से आने के बाद वह फिर से काम में लग गये इस दौरान उनकी नाक में नली लगी थी तबीयत में सुधार ना होने के बाद उन्हें अंत समय में दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया जहां उन्होंने 17 मार्च को अंतिम सांस ली।
होटल में जाने से रोका मनोहर पर्रीकर की सादगी की चर्चा तो पूरे देश में है लेकिन आज हम उनसे जुड़ी एक कहानी साझा कर रहे हैं। दरअसल एक बार मनोहर पर्रीकर किसी कार्यक्रम में शामिल होने एक पांच सितारा होटल पहुंचे लेकिन अपनी कार से उतर कर जैसे ही होटल के अंदर प्रवेश करने लगे उन्हें होटल के गार्ड ने रोक लिया। गार्ड ने रोकने की वजह उनकी चप्पल बताई। दरअसल मनोहर पर्रीकर ने एक साधारण चप्पल पहन रखी थी जिससे गार्ड को लगा कि यह कोई आम आदमी हैं जबकि उस समय मनोहर पर्रीकर गोवा के मुख्यमंत्री थे। हालात को देखते हुए उनके सुरक्षाकर्मी भी पहुंच गये और पर्रीकर ने भी अपना परिचय बताया जिसके बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गयी।