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यहूदियों की तरह हिन्दुओं का हुआ है कई बार नरसंहार

यहूदियों की तरह हिन्दुओं का हुआ है कई बार नरसंहार

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, मनोरंजन, सामाजिक
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आज से लगभग 100 साल पहले जब तुर्की में खलीफा राज के लिए मालाबार में हिन्दुओं की गर्दनें उतारी जा रही थीं और पूरा देश गांधीवाद और अहिंसा की भांग खाकर सेक्युलरिज्म की नींद सो रहा था…. तब रत्नागिरी जेल में बंद पूज्य सावरकर अकेले सच लिखने की हिम्मत कर रहे थे कि कैसे कांग्रेस के नेता खिलाफत आंदोलन के नाम पर जिन हिन्दुओं से चंदा ले रहे थे बाद में उसी चंदे से हाथियार खरीद कर उन्हीं लोगों का नरसंहार किया जा रहा है।

जातिवाद पर कटाक्ष से लेकर नरसंहार पर पर्दा डालने की नीति तक पर सावरकर ने अपनी किताब में सब लिखा। तब पूरे सेक्युलर इकोसिस्टम क सामना करने के लिए सावरकर अकेले थे, संघ भी तब शुरू नहीं हुआ था लेकिन आज ऐसा नहीं है।

और सच कहूँ…तो तब भी हिन्दुओं की आवाज बनने के कारण हीं सावरकर पर तात्कालीन राजनीति व विधर्मी राजनेताओं ने लाँछन लगाए उन्हें गुमनाम रखने की साजिश रची।

आज़ एक निर्देशक/निर्माता कश्मीर में हमारे नरसंहार पर फिल्म बनाने का साहस कर पा रहा है । इस फिल्म को 100-200-300 करोड़ रुपए की कमाई करा दीजिए । ये अन्य धार्मिक कार्यों से भी ज्यादा जरूरी है,

ताकि कल को कोई दूसरा फिल्मकार बता सके कि…

★ गोधरा में खड़ी उस ट्रेन के साथ क्या हुआ था?

★ आॉपरेशन सर्चलाइट क्या था?

★ मुस्लिमों की नागरिकता जा रही है बोलकर दिलबर नेगी से लेकर अकिंत शर्मा के साथ क्या हुआ?

★ डायरेक्ट एक्शन डे क्या था?

★ पाकिस्तानी में हिन्दुओं की क्या दुर्दशा है ?

★ गोवा के हिन्दुओं का क्या इतिहास है ?

★ हमारा एक तिहाई देश कहां चला गया ?

★ हम अपने ही देश में विस्थापित कैसे हो गए ?

नाजियों द्वारा यहुदियों के नरसंहार पर दुनियां भर में दर्जनों विश्वस्तरीय फिल्में हैं, और हम जो पिछले एक सदी में ही दर्जनों नरसंहार झेल चुके हैं हमारी कहानी कहने-सुनने वाला कोई नहीं है । मालाबार से लेकर कश्मीर तक जो दोषी हैं वामपंथियों ने उन्हें हीं पीड़ित बनाकर रख दिया कि गरीब किसान क्रांति कर रहे थे

100 साल पहले सावरकर अकेले थे , लेकिन इस फिल्म को 200-250 रुपए खर्च कीजिए ताकि आज एक हिन्दू इकोसिस्टम बन सके और जो 100 साल पहले मालाबार में हो रहा था जो 30 साल पहले कश्मीर में हो रहा था वो फिर कभी किसी की करने की हिम्मत न हो सके।

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Tags: hindi vivekhindu genocideislamic radicalismKashmirterrorismterrorism terroriststhe kashmir filesvivek ranjan agnihotri

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