हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
खगोलशास्त्री आर्यभट : गणित एवं खगोल के हिमालय

खगोलशास्त्री आर्यभट : गणित एवं खगोल के हिमालय

by हिंदी विवेक
in ज्योतिष, विज्ञान, विशेष, संस्कृति
0

खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के आधार पर पंचांग का निर्माण, जिससे शुभ कार्यों के लिए उचित मुहूर्त निकाला जा सके। इस क्षेत्र में भारत का लोहा दुनिया को मनवाने वाले वैज्ञानिक आर्यभट के समय में अंग्रेजी तिथियाँ प्रचलित नहीं थीं। 

अपने एक ग्रन्थ में उन्होंने कलियुग के 3,600 वर्ष बाद की मध्यम मेष संक्रान्ति को अपनी आयु 23 वर्ष बतायी है। इस आधार पर विद्वान् उनकी जन्मतिथि 21 मार्च, 476 ई. मानते हैं। उनके जन्मस्थान के बारे में भी विद्वानों एवं इतिहासकारों में मतभेद हैं। उन्होंने स्वयं अपना जन्मस्थान कुसुमपुर बताया है। कुसुमपुर का अर्थ है फूलों का नगर। इसे विद्वान् लोग आजकल पाटलिपुत्र या पटना बताते हैं। 973 ई0 में भारत आये पर्शिया के विद्वान अलबेरूनी ने भी अपने यात्रा वर्णन में ‘कुसुमपुर के आर्यभट’ की चर्चा अनेक स्थानों पर की है।

कुछ विद्वानों का मत है कि उनके पंचांगों का प्रचलन उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक है, इसलिए कुसुमपुर कोई दक्षिण भारतीय नगर होगा। कुछ लोग इसे विन्ध्य पर्वत के दक्षिण में बहने वाली नर्मदा और गोदावरी के बीच का कोई स्थान बताते हैं। कुछ विद्वान आर्यभट को केरल निवासी मानते हैं।

यद्यपि आर्यभट गणित, खगोल या ज्योतिष के क्षेत्र में पहले भारतीय वैज्ञानिक नहीं थे; पर उनके समय तक पुरानी अधिकांश गणनाएँ एवं मान्यताएँ विफल हो चुकी थीं। पैतामह सिद्धान्त, सौर सिद्धान्त, वसिष्ठ सिद्धान्त, रोमक सिद्धान्त और पौलिष सिद्धान्त, यह पाँचों सिद्धान्त पुराने पड़ चुके थे। इनके आधार पर बतायी गयी ग्रहों की स्थिति तथा ग्रहण के समय आदि की प्रत्यक्ष स्थिति में काफी अन्तर मिलता था। इस कारण भारतीय ज्योतिष पर से लोगों का विश्वास उठ गया। ऐसे में लोग इन्हें अवैज्ञानिक एवं अपूर्ण मानकर विदेशी एवं विधर्मी पंचांगों की ओर झुकने लगे थे।

आर्यभट ने इस स्थिति का समझकर इस शास्त्र का गहन अध्ययन किया और उसकी कमियों को दूरकर नये प्रकार से जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने पृथ्वी तथा अन्य ग्रहों की अपनी धुरी तथा सूर्य के आसपास घूमने की गति के आधार पर अपनी गणनाएँ कीं।

इससे लोगों का विश्वास फिर से भारतीय खगोलविद्या एवं ज्योतिष पर जम गया। इसी कारण लोग उन्हें भारतीय खगोलशास्त्र का प्रवर्तक भी मानते हैं। उन्होंने एक स्थान पर स्वयं को ‘कुलप आर्यभट’ कहा है। इसका अर्थ कुछ विद्वान् यह लगाते हैं कि वे नालन्दा विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे।

उनके ग्रन्थ ‘आर्यभटीयम्’ से हमें उनकी महत्वपूर्ण खोज एवं शोध की जानकारी मिलती है। इसमें कुल 121 श्लोक हैं, जिन्हें गीतिकापाद, गणितपाद, कालक्रियापाद और गोलापाद नामक चार भागों में बाँटा है।

वृत्त की परिधि और उसके व्यास के संबंध को ‘पाई’ कहते हैं। आर्यभट द्वारा बताये गये इसके मान को ही आज भी गणित में प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त पृथ्वी, चन्द्रमा आदि ग्रहों के प्रकाश का रहस्य, छाया का मापन, कालगणना, बीजगणित, त्रिकोणमिति, व्यस्तविधि, मूल-ब्याज, सूर्योदय व सूर्यास्त के बारे में भी उन्होंने निश्चित सिद्धान्त बताये।

आर्यभट की इन खोजों से गणित एवं खगोल का परिदृश्य बदल गया। उनके योगदान को सदा स्मरण रखने के लिए 19 अपै्रल, 1975 को अन्तरिक्ष में स्थापित कियेे गये भारत में ही निर्मित प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम ‘आर्यभट’ रखा गया।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: aryabhatgreatest mathematicianheritagehindi vivekhindu cosmologyindianindian cosmologistmathematicianmathematics

हिंदी विवेक

Next Post
भगवान विश्वनाथ के आराधक भारतरत्न बिस्मिल्ला खां

भगवान विश्वनाथ के आराधक भारतरत्न बिस्मिल्ला खां

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0