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कानपुर की धरा बनी अयोध्या

कानपुर की धरा बनी अयोध्या

by हिंदी विवेक
in विशेष, संघ, समाचार.., संस्कृति, सामाजिक
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बैसाख कृष्ण प्रतिपदा, विक्रम सम्वत 2079, 17 अप्रैल 2022
आज भारतेश्वरी माता सीता एवं राष्ट्रपुरुष श्रीराम जी के पुत्रों लव-कुश की जन्मस्थली कानपुर से विश्व हिन्दू परिषद ने “भारतवर्ष के बच्चे बच्चे में प्रभु श्रीराम जी के चरित्र-गुण-धर्म के संस्कारों का प्रवेश हो, जो समाज से भेदभाव, वैमनस्यता आदि को मिटाते हुए एक समरसता के भाव को जागृत कर सम्पूर्ण समाज को एकीकृत कर                                                                                                                                                      ‘चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है। हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।’
की संकल्पना को साकार करते हुए यही बच्चे आगे चलकर रामराज्य की स्थापना करेंगे” इसी उद्देश्य का श्रीगणेश विहिप ने आज रामोत्सव के माध्यम से किया।
यह अद्भुत पावन बेला जब सदियों के संघर्षों के पश्चात हिंदुत्व के स्वाभिमान ‘श्रीराम जन्मभूमि में श्रीरामलला’ के भव्य मन्दिर का निर्माण हो रहा है, सनातन संस्कृति जागृत हो उठी है, अब भारतवर्ष को विश्वगुरु बनने हेतु रामराज्य की ही आवश्यकता है।
भव्य पुष्पक विमान पर बने मण्डप पर श्रीरामजानकी जी का सम्पूर्ण दरबार सजीव रूप में विराजमान, उनके पीछे प्रभुश्रीराम जी के हजारों स्वरूपों की शोभा देखते ही बनती है।
मुख्य मंच पर पूज्य साध्वी ऋतम्भरा दीदी, आरएसएस के कार्यकारिणी सदस्य भैय्याजी जोशी जी, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री मिलिन्द परांडे जी, दुर्गावाहिनी की प्रान्त संयोजिका प्रज्ञा महाला दीदी,  स्वामी डॉ रामविलास वेदान्ती जी, आरएसएस के क्षेत्र संघचालक वीरेन्द्र पराक्रमदित्य जी,
विहिप क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र जी, विहिप प्रान्त अध्यक्ष राजीव महाना जी, आयोजन की अध्यक्षता कर रहे डॉ उमेश पालीवाल जी, कार्यध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विहिप प्रान्त मन्त्री वीरेन्द्र पाण्डेय जी ने किया।
रामोत्सव का श्रीगणेश बटुकों द्वारा स्वस्तिवाचन के साथ हुआ, फिर विभिन्न लालित्य कलाओं का प्रदर्शन हुए।
मुख्य अतिथियों के उद्बोधन में श्री भैय्याजी जोशी जी ने कहा, कि “शिक्षा, सुरक्षा, शासन आदि क्षेत्रों में प्रभु श्रीराम जी के आचरण से सीख लें, एवं रामराज्य के निर्माण मेंअपनी भूमिका निभाएं”
श्री मिलिन्द परांडे जी ने कहा कि, कम्युनिस्टों ने कहा था रामभक्ति बंगाल में नही चलती, सिलीगुड़ी में डेढ़ लाख हिन्दू सड़को पर उतरा।
हिन्दू हर आसुरी शक्तियों का दमन करने में सक्षम है।
“साहस का, पराक्रम का संकल्प का नाम हैं राम”
केवल भगवान की पूजा ही पर्याप्त नहीं, जब हम कोदण्डधारी श्रीराम जी को हृदय में धारण कर समाज के दुश्मनों का समूलनष्ट करेंगे।
श्रीराम जी ने निषादराज को गले लगाया, माता शबरी के जूठे बेर खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
शक्ति का,समरसता का,
लोक संगठन का भाव जागृत करते हुए हिन्दू समाज को
‘रामो विग्रहवान धर्म:’
को धारण करें।
स्वामी वेदान्ती जी ने कहा कि, त्रेता में तो एक रावण वध हेतु एक राम ने जन्म लिया, आज तो हर गाँव में होने चाहिए, जिसका श्रीगणेश विश्व हिन्दू परिषद ने आज किया। हर वर्ग, हर समाज, हर घर से, हर समाज से राम आये हैं, विहिप ने श्रद्धेय अशोक सिंघल जी का स्वप्न साकार हुआ।
पूज्य साध्वी ऋतम्भरा दीदी ने कहा, कि ऋतम्भरा दीदी
रामोत्सव में हजारों श्रीराम स्वरूपों का वन्दन, सुंदर अवसर राम का भक्त होना सौभाग्य की बात है।
रामभक्त बनने हेतु रामत्व को धारण करना, क्योंकि राम अपराजित पौरुष के प्रतीक हैं।
राजनैतिक पार्टियों ने हिन्दुओं को बांटा, श्रीराम का आचरण सम्पूर्ण समाज को एक करेगा।
‘जीवन तो साधन है
उद्देश्य राष्ट्र आराधन है।
जातीय अभिमान हो, राष्ट्रीय स्वाभिमान हो, राष्ट्र सर्वोपरि का भाव हो।
हिन्दू समाज 4 सन्तानों को जन्म दे, दो बच्चे संघ, बजरंग दल को दीजिये,वो राष्ट्र यज्ञ के होता होंगे, ऋषियों के पदचिन्हों पर चलने वाली सन्ताने हैं।
हमारे पुरखे सिंह के दाँत गिनकर गणित सीखे हैं।
समरसता समता प्रेम स्नेह,
जातियों का अभिमान हमें कमजोर नही मजबूत करेगा।
अध्यक्षीय भाषण डा पालीवाल जी ने प्रभु श्रीराम जी के कर्मयोगी स्वरूप की महत्ता बताई।
विहिप प्रान्त अध्यक्ष श्री राजीव महाना जी ने आयोजन की सूत्रधार मधुराम जी समेत सभी कार्यकर्त्ताओं को, आये हुए सभी रामभक्तों  को धन्यवाद ज्ञापित किया।
पूज्य सन्तों के द्वारा प्रभुश्रीरामजानकी जी की महाआरती से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
व्यवस्था में अनिल दीक्षित जी, राजीव पोरवाल जी,आशीष जी, सुजीत जी, प्रियम जी, विनय चौबे जी अमित पाण्डेय जी, प्रवीण जी, शुभम समेत सभी कार्यकर्ता बन्धु उपस्थित रहे।
– ओमेन्द्र अवस्थी (प्रान्त प्रचार प्रसार प्रमुख, विश्व हिंदू परिषद, कानपुर प्रान्त)

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