ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने की खबर ने देश की राजनीति को गरमा दिया है। हिन्दू पक्ष ने दावे की बात कही है वहीं कोर्ट ने भी शिवलिंग वाली जगह को सील करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेश दिया है कि हर हाल में सील किये गये स्थान की सुरक्षा होनी चाहिए और किसी को भी उस स्थान पर जाने की अनुमति न हो। कोर्ट के आदेश के बाद मस्जिद के संवेदनशील इलाके को संरक्षित कर दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद अब मस्जिद में सिर्फ 20 लोग ही नमाज पढ़ सकते हैं। कमिश्नर अजय कुमार सर्वे रिपोर्ट को मंगलवार को कोर्ट में पेश करेंगे जिसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
सोमवार को ज्ञानवापी सर्वे का आखिरी दिन रहा और जैसे ही सर्वे टीम बाहर निकली तभी हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया। इस खबर ने पूरे देश में एक अलग ही लहर पैदा कर दी जिससे अब मस्जिद पर हिन्दू दावे की बात कही जाने लगी है। हिन्दू पक्ष के मुताबिक जैसे ही वजू खाने का पानी निकाला गया तभी वहां शिवलिंग नजर आया। यह 12.8 फीट व्यास का शिवलिंग है जो पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ था। यह शिवलिंग नंदी के ठीक सामने है। हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन ने बताया कि शिवलिंग के साथ अन्य कई और साक्ष्य मिले हैं जो यह साबित करते हैं कि यह हिन्दुओं का धार्मिक स्थल रहा है। शिवलिंग के दावे को मुस्लिम पक्ष गलत बता रहा है और उनके मुताबिक ऐसा कुछ भी नहीं मिला है।
17 मई को सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी और उसके आधार पर ही कोर्ट आगे का फैसला सुनाएगा। मुस्लिम पक्ष की तरफ से इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। अब ज्ञानवापी का मामला सेशन कोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी चलेगा। ज्ञानवापी में शिवलिंग की खबर ने देश की राजनीति को गरमा दिया है। अगल अलग राजनीतिक दलों की तरफ से बयानबाजी भी शुरु हो गयी है और कुछ नेता इसे बीजेपी की राजनीति बता रहे हैं जबकि हिन्दू संगठन इसे अपनी जीत बता रहे हैं। अब सभी की नजर कोर्ट के फैसले पर है कि क्या कोर्ट ज्ञानवापी को मंदिर के रूप में परिवर्तित होने का आदेश देगी।