इस समय विश्व का शायद ही कोई देश या शहर होगा जहाँ पर मुसलमानों ने कई नामों से ऐसे संगठन और संस्थान नहीं बना रखे हों , जिनके माध्यम से कुरआन की जिहादी शिक्षा नहीं दी जाती हो . जिसके फलस्वरूप मुस्लिम उग्रवादी जगह जगह , विस्फोट , जनसंहार और अनेकों जघन्य अपराध करते रहते हैं . दुनिया का हर देश मुसलमानों के इस जिहाद से परेशान है . भारत भी जिहादी आतंक का शिकार है . और जब भी भारत में कोई जिहादी आतंकी वारदात करते हैं , तो हर बार सख्त कार्यवाही करने के दावे किये जाते हैं . लेकिन देखा गया है कि जब एक आतंकी पकड़ा जाता है , तो दस आतंकी पैदा हो जाते हैं . आज हमें गंभीरता से यह सोचने की जरुरत है कि देश में इतनी सरकारें बदल जाने पर भी इस्लामी जिहादी आतंक पर पूरी तरह से रोक क्यों नहीं लगाई जा सकी है ?
1-आतंकवाद रोकने में विफलता के कारण ?
इसके मुख्य कारण इस प्रकार हैं
1.हमने मान लिया है कि इस्लाम शांति का धर्म है .
2.हम मानते हैं कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता .
3.हम मानते हैं कि हरेक मुसलमान आतंकवादी नहीं होता .
4.हम नहीं मानते कि बिना स्थानीय लोगों की मदद के आतंकवादी सफल हो सकते .
5.हम भूल जाते हैं कि यहाँ के मुसलमानों के रिश्ते पाकिस्तान के मुसलमानों से हैं
6.और हमें इस्लाम ,कुरान और जिहाद के बारे में पूरा ज्ञान नहीं है . हम सिर्फ आतंकवाद को ही जिहाद समझते हैं . जबकि मुसलमानों ने जिहाद के नए नए तरीके खोज लिए हैं .
2-जिहाद के पारम्परिक चार तरीके
हरेक मुसलमान कैसा भी हो ,कहीं भी रहता हो वह हमेशा ,मनसा ,वाचा , कर्मणा किसी न किसी प्रकार जिहाद के इन चार तरीकों में से पहले दो का प्रयोग करता जरूर करता रहता है , और मौका मिल जाने पर बाकी दो का प्रयोग भी करने से नहीं चूकता है ,यह तरीके इस प्रकार हैं .
1-जिहाद बिल कल्ब (الجهاد بالقلب)-Jihad by the heart/soul .अर्थात ,मन से जिहाद ,अपने दिलों में सभी गैर मुस्लिमों प्रति घृणा रखना और सदैव उनका अहित चाहना .
2-जिहाद बिल कलाम (الجهاد بالكلام )-Jihad by the tongue/pen-अर्थात ,वचन से जिहाद ,गैर मुस्लिमों पर झूठे आरोप लगाना , उनकी निंदा करना और उनके अखबारों में उनके खिलाफ लिखना
3-जिहाद बिल यद (الجهاد باليد )-Jihad by the hand -अर्थात ,कर्मों से जिहाद ,हिन्दुओं के धर्मस्थान तोडना , अपवित्र करना , हिन्दुओं के आयोजनों में बाधा उत्पन्न करना
4-जिहाद बिस्सैफ़ ( الجهاد بالسيف )-Jihad by the sword-अर्थात ,शस्त्रों से जिहाद ,हिन्दू बहुल क्षेत्रों में विस्फोट करना , मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिन्दुओं को क़त्ल कर देना ,
3-जिहाद का उद्देश्य
वैसे तो जिहाद का अंतिम लक्ष्य सारी दुनिया को इस्लामी झंडे के नीचे करना ,यानी इस्लामी हुकूमत कायम करना है ,चूँकि एक साथ ऐसा करना संभव नहीं है , इसलिए मुसलमान चरणबद्ध रूप ( Step by step ) अपना लक्ष्य प्राप्त करने यह काम करते हैं ,1.अपने अधीन लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करा देना 2.उनको तीसरे दर्जे का नागरिक ” जिम्मी ” यानि गुलाम बना देना 3. या उनको अपने देश या प्रदेश से खदेड़ देना 4.और जो भी इसका विरोध करे उनकी निर्ममता से हत्या कर देना .
4-जिहाद के आधुनिक प्रकार
जैसे ही बड़े जिहादी आतंकवादी या तो मारे जाने लगे हैं ,या पकड़े जाने लगे हैं , मुसलमानों ने जिहाद के नए नए तरीके खोज लिए हैं ,लेकिन दुर्भाग्य से लोग इन पर ध्यान नहीं देते . वह सिर्फ बम विस्फोट करने वाले जिहादियों को आतंकवादी मान कर बैठ जाते हैं , जबकि जिहाद के यह तरीके देश और समाज के लिए अधिक् हानिकारक हैं , जिहाद के नए तरीके यह हैं
1-जिहाद अल जैश (الجهاد الجيش )-military Jihad.
अरबी में जैश का अर्थ सेना होता है , जब किसी मुस्लिम देश के जिहादी वहां की सरकार की मदद से विभिन नामों से दल बनाकर आधुनिक अस्स्त्र शस्त्रों से पड़ौसी देश में घुसपैठ , हमला और हत्या करते हैं , उस गैर मुस्लिम देश के गद्दार उनका साथ देते हैं , जैसे पाकिस्तान की मदद से भारत के मुसलमान आतंक फैलाते रहते हैं .इसे सैन्य जिहाद कहते हैं
2-जिहाद अल हिजरत (الجهاد الهجرة )Migration Jihad
अवैध रूप से किसी गैर मुस्लिम देश में घुसपैठ करके वहां के नागरिक बन जाना , वहां की औरतों से शादी करके बच्चे पैदा करके जनसँख्या का संतुलन बिगाड़ देना , वहां मस्जिद , दरगाह , मदरसे बना कर अपना हक़ जाताना , जैसे बंगला देशी मुस्लिम कर रहे हैं . इसका नाम घुसपैठ जिहाद है
3-जिहाद अल असकान (الجهاد السكان )-Population Jihad-
अधिक से अधिक बच्चे पैदा करना ,और गैर मुस्लिम क्षेत्रों में अपनी संख्या बल पर लोगों को डराना उनकी जमीन हथियाना ,जब मुस्लिम अधिक हो जाएँ तो उस जगह के हिन्दुओं को भगा देना ,जैसा कश्मीर से पंडितों को भगा दिया .इसका नाम जनसंख्या जिहाद है
.4-जिहाद अल फिकरी (الجهاد الفكري )Intellectual Jihad
कुछ हिन्दू विरोधी क्षद्म कुबुद्धिजीवियों को बुला कर सेमिनार आयोजित कराना , और बिकाऊ मीडिया के माध्यम से इस्लाम को शांति का धर्म साबित करना , और लोगों के दिमागों में यह बात भर देना कि मुसलमान आतंकी नहीं होते , बल्कि आतंकवाद के विरोधी हैं , आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता . इसे बौद्धिक जिहाद कहा जाता है .
6-जिहाद अल इक्तिसाद (الجهاد الاقتصاد )-Economic Jihad-
हमारी सेना और रेल को बड़ी मात्रा में पेट्रोल की जरुरत होती है , जो हम मुस्लिम देशों से खरीदते हैं , यहाँ के कुछ मुस्लिम नेता उन पेट्रोल उत्पादक मुस्लिम देशों के शासकों से मिले हुए हैं , जिनके इशारे पर वहां के शासक जब चाहे पेट्रोल के दाम बढ़ा देते हैं , और भारत पर यहाँ के मुसलमानों के लिए सुविधाएँ देने पर परोक्ष रूप से दवाब डालते रहते हैं , यह आर्थिक जिहाद है
7-जिहाद अल सियासत (الجهاد السياسة )-Political Jihad
भारत में प्रजातंत्र है , यहाँ वोटों संख्या के आधार पर सरकार चुनी जाती है। इसलिए मुसलमान अपने वोटों के बल पर राजनीतिक दलों को बलैकमेल करते हैं . और उन पर दवाब डालते हैं कि वह इस बात को स्वीकार करें कि मुसलमान आतंकवादी नहीं होते . यही नहीं उन से अपने लिए तरह तरह की सुविधाओं की मांग करते रहते हैं . यह राजनीतिक जिहाद है
8-जिहाद अद्दीनी (الجهاد الديني)-Religious Jihad
धर्म के आधार पर आरक्षण मांगना , मदरसों में उर्दू अरबी और कुरान की तालीम के लिए अनुदान मांगना , मस्जिदों , दरगाहों के रख रखाव के लिए सरकार से आर्थिक सहायता मांगना , हाजियों के किराये में रियायत मांगना , और हिन्दू धर्म स्थलों पर कब्ज़ा करना इत्यादि धार्मिक जिहाद है .
5-कुरान में जिहाद का आदेश
“क्या तुम्हें एक ऐसा व्यापार बताऊँ ,जो तुम्हें सभी कष्टों से मुक्ति दिला देगा , और अल्लाह तुम्हें अच्छे अच्छे घर दिलवा देगा ,जहाँ तुम हमेशा रहोगे “
सूरा – अस सफ़्फ़61 :10 -12
” जोभी तुम्हारी राह में रूकावट पैदा करे , तो उन शक्तियों को कुचल दो . और उन लोगों की गर्दनें काट देना , या कैद कर लेना , फिर फिरौती लेकर ही छोड़ना “सूरा – मुहम्मद 47:4
“सभी गैर मुस्लिम पुरुष और स्त्रियां एक जैसे होते हैं , जो तुम्हें इस्लाम से रोकते हैं “सूरा -तौबा9 :67
” मुस्लिम देशों के जिहादी ,गैर मुस्लिम देशों में रहने वाले जिहादियों की सहायता करें , ऐसा करना मुसलमानों के लिए अनिवार्य है “
सूरा -अनफाल 8:72
6-जिहाद पर भंडाफोडू ब्लॉग के लेख
भारत के मुसलमान हिन्दुओं की एकता भंग करने , देश में अराजकता फ़ैलाने और हिन्दुओं को गुमराह करने के लिए ,जब भी जिहाद के नए नए तरीके निकालते रहते थे , तो भंडाफोडू ब्लॉग हमेशा अपने लेखों से हिन्दू समाज को सचेत करता आया है , उदहारण के लिए सन 2010 से सन 2014 तक ब्लॉग ने जिहाद के विभिन्न रूपों के बारे में 7 लेख प्रकाशित किये थे , जिनके शीर्षक इस प्रकार हैं ,
1 लव जिहाद -17 /04 2010
2 क्रिकेट जिहाद -30 /04 /2010
3. ब्लॉगिंग ज़िहाद -27 /06 2011
4. धर्म प्रदुषण जिहाद -03 /04 /2011
5. अवतारी जिहाद -06 /05 /2011
6.सेकुलर जिहाद -24/04/2013
7.कांग्रेसी जिहाद -15/03/2014
पाठकों से विनम्र निवेदन है कि सेकुलरिज्म का चश्मा उत्तर कर इन लेखों को ध्यान से पढ़ें , हमने तो यथा संभव अपना कर्तव्य निभा दिया अब आप भी भारत को इस्लामी जिहाद से मुक्त करने में आगे बढ़िए . वरना आने वाली पीढ़ी हमारी उदासीनता के लिए कोसती रहेगी।