मंदिर का अर्थ तंत्र

अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन के बाद या तो आप पांच सितारे होटल में रुक सकते है। शॉपिंग मॉल में खरीदारी के साथ ही जंक-फूड का मजा ले सकते है। इसके बाद आप हवाई यात्रा से सफर कर घंटों में अपने गंतव्य तक पहुंच सकते है। ये सारी सुविधाएं आपके लिए और इससे आर्थिक सबलीकरण अयोध्या को मिलने वाला है, जो बड़ी आर्थिक प्रगति का संकेत है।

जहां श्रीराम रहते हैं, देवी लक्ष्मी वहां स्वत: चली आती हैं। अयोध्या में यह प्रमाणित हो रहा है। जैसे-जैसे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पूर्ण रूप ले रहा है वैसे-वैसे अयोध्या और समीपवर्ती क्षेत्रों में विकास के साथ ही आर्थिक उन्नति के चिह्न दृष्टिगोचर होने लगे हैं।

राम मंदिर निर्माण के साथ ही पुन: अयोध्या नगरी विकास की अंगड़ाई लेने लगी है। 2017 में जब से योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री बने हैं अयोध्या में विकास कार्य में तेजी के साथ ही निवेश भी बढ़ता जा रहा है। दो साल पहले तक अयोध्या का वांछित निवेश 10 प्रतिशत था, आज यह 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है जो कि एक बड़ी आर्थिक प्रगति का संकेत है, साथ ही राम मंदिर निर्माण कार्य जैसे-जैसे तेजी पकड़ता गया है,  यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी लगातार वृद्धि होती गई है। वर्तमान में सालाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ है जो कि 2024 के अंत तक 4-5 करोड़ होने की उम्मीद है। इससे न केवल होटल उद्योग को फायदा होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। पहले अयोध्या की अर्थव्यवस्था वहां  होने वाले मेलों पर निर्भर थी। लेकिन मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या की अर्थव्यवस्था बदल गई है, क्योंकि रामनगरी में पर्यटक चार गुना बढ़ गए हैं।

वर्तमान में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के पास कुल तीन हजार करोड़ रुपए हैं। इसमें से 1800 करोड़ रुपए श्रीराम मंदिर के निर्माण में खर्च हो रहे हैं। अयोध्या में बढ़ती जमीन के मूल्य इसके विकास की गाथा गा रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही अयोध्या में जमीन की कीमत आसमान छू रही हैं। मूलत: अयोध्या निवासी दिनेश पाठक बताते है कि जो भूमि कुछ वर्षों पूर्व कौड़ियों के भाव थी उसके मूल्य इतने अधिक बढ़ गए हैं कि उनकी साढ़े 6 मीटर भूमि के अधिग्रहण के लिए उनको लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपयों का मुआवजा प्राप्त हुआ है। इसी के साथ वहां होटल इंडस्ट्री भी फल-फूल रहीे है। ताज, सरोवर पोर्टिको जैसे पांच सितारा होटलों के साथ 25 हजार पर्यटकों के रहने के लिए मध्यम वर्गीय होटलों की श्रृंखला भी आ रही है। 25 से अधिक राज्यों के यात्री निवास भी बन रहे हैं। पिज्जा हट, डोमिनोज, करी लीफ, पेंटालून, स्मार्ट बाजार, रिलायन्स ट्रेंडस, काब इटली, सेंट स्टाइल आदि ब्रांड अपने शो रूम स्थापित करने के लिए भूमि ले चुके हैं।

चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग, रिंग रोड (अयोध्या न्यू ग्रीनफील्ड सिटी प्लान क्षेत्र), लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग क्षेत्र में रियल स्टेट सेक्टर फल-फूल रहे हैं। 4 साल पहले जो जमीन 1000 प्रति वर्ग फीट में आसानी से मिल जाती थी, आज वह 12,000 रुपये प्रति वर्ग फुट में भी नहीं मिल रही है। चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के आसपास 1350 वर्ग फुट जमीन की कीमत 4 लाख से बढ़कर 65 लाख रुपए हो गई है। नई अयोध्या के सबसे क्रीम क्षेत्र रिंग रोड के पास जमीन की कीमतें बीस गुना तक बढ़ गई हैं, क्योंकि इसी सरयू तटीय क्षेत्र में अयोध्या ग्रीनफील्ड सिटी प्लान तय है। यहीं पर सारे सरकारी व कमर्शियल प्रोजेक्ट आ रहे हैं। होम स्टे – पेंईग गेस्ट योजना में उन भू-स्वामियों को शामिल किया जा रहा है जिनके मकान में 2 से 5 या अधिक कमरों की सुविधा है व यातायात आवागमन की दृष्टि से पर्यटकों के लिए अनुकूल हैं। अब तक के अनुमानित आंकड़ों में करीब 600 भू-स्वामियों को ऑन बोर्ड किया जा चुका हैं और जनवरी तक इसकी संख्या 1000 पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ ही पर्यटकों के रोज बढ़ती आवक से स्थानीय पटरी व्यवसाई भी इससे लाभान्वित होंगे।

इन सबसे अलग अयोध्या में उद्योग स्थापना के लिए अब तक 4012 करोड़ से 108 इकाई व प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गई है। इसमें पर्यटन, हाउसिंग, लघु एवं मध्यम उद्योग, अस्पताल, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। अयोध्या में सबसे ज्यादा निवेश पर्यटन के क्षेत्र में होने वाला है। 108 में से 46 इकाई व प्रतिष्ठान केवल पर्यटन क्षेत्र से हैं। एमएसएमई, धार्मिक पर्यटन, उच्च शिक्षा दूसरे स्थान पर है। इनके अलग स्व रोजगार के साथ जुड़कर एक बड़ी संख्या में स्थानीय भी लाभान्वित होंगे। सिर्फ लघु उद्योगों से 20 हजार से अधिक रोजगार पैदा हो रहे हैं। टूरिस्ट गाइड बड़ी संख्या में रोजगार से जुड़ेंगे। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने इसके लिए एक पाठ्यक्रम भी शुरू किया है। सरयू नदी पर स्टीम बोट ऑपरेशन भी इन्हीं व्यावसायिक अवसरों का एक हिस्सा है।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी रामायण सर्किट योजना में अयोध्या एक केंद्र है। रामायण सर्किट योजना में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 9 राज्यों के 15 स्थानों की पहचान की हैं। इस योजना के तहत इन सभी शहरों को रेल, सड़क और हवाई यात्रा के माध्यम से आपस में जोड़ा जाएगा। देश के उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक रामायण सर्किट में आने वाले राज्य है। यूपी के अयोध्या, श्रृंगवेरपुर, नंदीग्राम और चित्रकूट, बिहार के सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं। मध्य प्रदेश के चित्रकूट, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर को भी इसमें शामिल किया गया है। ओडिशा के महेंद्रगिरी को और दक्षिण राज्यों में तेलंगाना के भद्राचलन, तमिलनाडु के रामेश्वरम और कर्नाटक के हम्पी को रामायण सर्किट परियोजना का हिस्सा बनाया गया है। महाराष्ट्र के नागपुर और नासिक शहर को भी इसमें शामिल किया गया है। कुल मिलाकर पूरब से लेकर दक्षिण तक सभी राज्यों को इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया है। इन सभी चुने गए 15 शहरों को एयरपोर्ट, रेलवे संपर्क और नेशनल हाईवे से जोड़ने की योजना है। इससे अयोध्या के साथ ही उत्तर प्रदेश और पूरे भारत का आर्थिक सबलीकरण होगा।

                                                                                                                                                                                  निशीथ जोशी 

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