डॉ. मदन गोपाल वार्ष्णेय जी द्वारा लिखित और हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित ‘रजनीगंधा’ पुस्तक का विमोचन समारोह पुणे में संपन्न हुआ. रा. स्व. संघ के अ. भा. कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी के करकमलों द्वारा इस पुस्तक का विमोचन किया गया. इस दौरान मंच पर जीबी एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. आदित्य कुमार मिश्रा, पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत संघचालक प्राध्यापक नाना साहेब जाधव, हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमोल पेडणेकर और डॉ. प्रवीण दबडघाव आदि उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भैया जी जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान समय में संघकार्य की आभा भारत के साथ सम्पूर्ण विश्व में दिखाई दे रही है. इसके पीछे संघ की स्थापना से लेकर अब तक समर्पित रूप से कार्य करने वाले स्वयंसेवकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. कृषि विशेषज्ञ एवं प्रो. डॉ. मदन गोपाल वार्ष्णेय अपने जीवनकाल में अब तक ३ यूनिवर्सिटी की स्थापना कर चुके है. इसके साथ ही उन्होंने इन यूनिवर्सिटी में उच्च कोटि की शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु विशेष योगदान दिया है. अनुशासन-प्रशासन और प्रस्तुतिकरण में इनका कार्य लक्ष्यभेदी रहा है.
मैं संघ का एक स्वयंसेवक हूं और जो दायित्व मुझे दिया गया है उसे निष्ठापूर्वक निभाना यह मेरा परम कर्तव्य है. इस भाव को मन में रखकर वार्ष्णेय जी ने समर्पित रूप से कार्य किया, इसलिए यह सकारात्मक परिणाम सामने आया है. एक स्वयंसेवक के रूप में उन्होंने जो महत्वपूर्ण योगदान दिया है, वह इस पुस्तक के माध्यम से आज के युवाओं तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक सही अर्थों में मार्गदर्शक और प्रेरणादायी सिद्ध होगी.