विज्ञान और सनातन का कोई संस्थापक नहीं

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हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित ‘सनातन भारत’ ग्रंथ के विमोचन समारोह में रामजन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने भारत की सनातन संस्कृति और उसके सभी पहलुओं पर व्यापक प्रकाश डाला। मैंने सनातन भारत ग्रंथ का अवलोकन किया। सनातन भारत को समझने के लिए एक साथ जो सामग्री चाहिए…

‘तिरुक्कुरल’ की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ सोमवार को तमिल काव्य रचना ‘तिरुक्कुरल’ की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन किया जो इस दक्षिणपश्चिमी प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र के लोगों को भारतीय विचारों और संस्कृति को जानने समझने का मौका देगी। टोक…

हिंदी साहित्य के प्रकृति प्रेमी कवि सुमित्रानंदन पंत

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कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को उत्तराखंड के कुमाऊं की पहाड़ियों में स्थित बागेश्वर के एक गांव कौसानी में हुआ था।उनके पिता का नाम पंडित गंगादत्त एवं मां का नाम सरस्वती देवी था। उनके जन्म के कुछ घंटों के भीतर ही उनकी मां का निधन हो गयाअतः…

मानस के अंग्रेजी अनुवादक एफ.एस.ग्राउस

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गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री रामचरितमानस केवल भारत ही नहीं, तो विश्व भर के विद्वानों के लिए सदा प्रेरणास्रोत रही है। दुनिया की प्रायः सभी भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। अंग्रेजी में सर्वप्रथम इसका अनुवाद भारत में नियुक्त अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी श्री एफ.एस.ग्राउस ने किया।  श्री ग्राउस का जन्म 1836 ई.…

मध्य प्रदेश की साहित्यिक राजधानी

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इंदौर न केवल एक अर्थ समृद्ध शहर है, अपितु यहां पर साहित्यिक विकास भी प्रचूर मात्रा में हुआ। इंदौर की साहित्यिक संस्थाओं एवं साहित्यकारों ने हिंदी, मराठी सहित अन्य भाषाओं को समृद्ध करने में भरपूर योगदान दिया है। मालवा की धीर, वीर, गम्भीर और रत्नगर्भा धरती की यह एक खासियत…

विश्वकवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर

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बंगला और अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से भारत को विश्व रंगमंच पर अमिट स्थान दिलाने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री देवेन्द्रनाथ तथा माता का नाम शारदादेवी था। बचपन से ही काव्य में रुचि रखने वाले इस प्रतिभाशाली…

धार्मिक साहित्य के प्रचार में अग्रणी गीता प्रेस

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धार्मिक विचारों के प्रसार में साहित्य का बहुत बड़ी भूमिका है। इस नाते हिन्दू साहित्य के प्रचार व प्रसार में गीता प्रेस, गोरखपुर का योगदान विश्व इतिहास में अतुलनीय है।  पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर नगर महायोगी गुरु गोरखनाथ, गौतम बुद्ध और महात्मा कबीर की तपस्थली व कर्मस्थली रहा है।…

काव्य नाटक – सम्भवामि युगे -युगे का लोकार्पण

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मीना अरोड़ा द्वारा रचित काव्य नाटक 'सम्भवामि युगे-युगे' का 'आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था' काव्यधारा रामपुर उत्तरप्रदेश तथा उत्तराखण्ड प्रान्तीय शाखा रुद्रपुर के तत्वाधान में लोकार्पण किया गया। रामपुर रोड,मंगलम् बैंकेट लॉन हल्द्वानी,अप्रैल 9.4.2023 रविवार को सम्मान - समारोह एवम् कवि सम्मेलन का आयोजन परम् आदरणीय गुरुदेव जितेन्द्र कमल 'आनन्द' जी की…

राष्ट्र परम्परा की द्योतक

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पुस्तक : हिन्दुत्व : एक विमर्श लेखक : डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष प्रकाशक : दृष्टि प्रकाशन, प्रतापनगर जयपुर (राजस्थान) मूल्य : 250   युगों युगों से अपने वैशिष्ट्य एवं सर्वसमावेशी विचार प्रवाह को समेटने वाले हिंदू-हिंदुत्व के प्रति प्रायः विमर्श चलते ही रहते हैं। इन विमर्शों में कई धाराएं होती हैं…

‘हिंदुत्व’ राजनीति नहीं बल्कि जीने का विषय है…

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हिंदुत्व कालविसंगत होने वाला तत्वज्ञान नहीं है, और न ही केवल चिंतन, विचार एवं जीवनशैली है. हिंदुत्व राजनीति या सामाजिकता का विषय नहीं है बल्कि हिंदुत्व जीने का विषय है. सा. विवेक द्वारा प्रकाशित हिंदुत्व ग्रन्थ हिन्दू विरोधियों के लिए नहीं अपितु स्वयं को हिन्दू बोलने वालों के लिए है.…

नयी कविता के प्रमुख हस्ताक्षर भवानी प्रसाद मिश्र

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साहित्य के क्षेत्र में कविता सबसे प्राचीन एवं लोकप्रिय विधा है, चूँकि इसमें कम शब्दों में बड़ी बात कही जा सकती है। काव्य को अनुशासित रखने हेतु व्याकरण के आचार्यों ने छन्द शास्त्र का विधान किया है; पर छन्द की बजाय भावना को प्रमुख मानने वाले अनेक कवि इस छन्दानुशासन…

मातृभाषा में हो सम्पूर्ण शिक्षण- करुणाशंकर उपाध्याय

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अमेरिका की 33 करोड़ की आबादी में से मात्र 25 करोड़ लोग ही लोग ही अंग्रेजी भाषा बोलते हैं। इंग्लैंड में अंग्रेजी के साथ-साथ आयरिश भाषा भी बोली जाती है। इस प्रकार यदि हम सारी भाषाओं का विश्लेषण करें तो पहली, दूसरी और तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी का…

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