अटल जी के साथ कुछ अविस्मरणीय पल
‘अटल जी के साथ बीते हुए क्षण अविस्मरणीय थे। उनका एक सामान्य से व्यक्ति से आत्मीयता से मिलना, हास-परिहास उनके असाधारण व्यक्तित्व का एहसास दिला जाता है। अनंत अटल को शत-सहस्र प्रणाम!”
‘अटल जी के साथ बीते हुए क्षण अविस्मरणीय थे। उनका एक सामान्य से व्यक्ति से आत्मीयता से मिलना, हास-परिहास उनके असाधारण व्यक्तित्व का एहसास दिला जाता है। अनंत अटल को शत-सहस्र प्रणाम!”
डॉ. अच्युत सामंता उड़ीसा के शिक्षा-पुरुष हैं। उन्होंने अभावग्रस्त वनवासी छात्रों की सामान्य और टेक्नालॉजी दोनों की शिक्षा के लिए विशाल परिसर स्थापित किया, जो देश-विदेश के लिए अनूठा उदाहरण हैं। यह एक ज्ञानतीर्थ ही है, जहां आज हजारों छात्र शिक्षा ग्रहण कर सफलता के नए आयाम रच रहे हैं।
जब अंतःकरण की सभी वृत्तियां शुभ कार्य में लगती हैं, तो वे सेवा के रूप में प्रकट होती हैं| भारतीय मनीषा की सभी चराचर के प्रति यही भावना रही है, अध्यात्म की वास्तविक फलश्रुति भी यही है|
हरियाणा की पवित्र भूमि ने देवकीनंदन जिंदल नाम के सपूत को जन्म दिया जिसने आगे चल कर विश्व हिंदू परिषद कोंकण प्रांत में हिंदू संस्कृति की अनन्य उपासना कर अपनी सेवा साधना से समाज में हिंदू चेतना के निर्माण में एक नवीन व अनुपम अध्याय जोड़ा।
अमेरिका के लास वेगास में जो नरसंहार हुआ वह सिहरन पैदा करता है। इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक का उत्तरार्द्ध हमें सचेत कर रहा है कि अब भी समय है कि हम इस भस्मासुरी प्रवृत्ति से बचें और सनातन जीवन मूल्यों को आत्मसात करते हुए विज्ञान और टेक्नालाजी से प्राप्त सुविधाओं और संपन्नता का सम्यक तथा संतुलित उपयोग और उपभोग करें। पिछले दिनों एक दिल दहला देने वाला समाचार दुनिया के सब से समृद्ध और सभ्य कहे जाने वाले देश अमेरिका से आया। वहां के एक शहर लास वेगास में एक संगीत समारोह चल रहा था। १४०००० लोग उस समारोह का आनंद
अपनी बुद्धि, श्रम से अर्जित संपत्ति के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए दीप जलाए जाते हैं| यह दीप केवल बाहर प्रकाश के लिए ही नहीं बल्कि अपने अर्ंतमन को प्रकाशित करने के लिए अर्पित किए जाते हैं| इनको बिजली के बल्बों की लड़ियों से नहीं बदला जा सकता है, अतएव दीपावली घरों में तेल के दिए जला कर प्रकृति और परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है|
मध्यप्रदेश के १६ जिलों तथा ५१ विकास खण्डों से होती हुई १०७७ कि.मी. की नर्मदा सेवा यात्रा का १५ जून को अमरकंटक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में समापन हुआ। लगभग १५० दिनों तक नर्मदा तट पर चली यह यात्रा विश्व का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान था, ज
राम नवमी के पवित्र अवसर पर जब संपूर्ण हिंदू समाज भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मना कर स्वयं को धन्य अनुभव करता है, उसीके साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि राम जी के चरित्र और उनके आचरण को अपने जीवन का ध्येय बना लेंऔर श्रेष्ठ भारत, समर्थ भारत के निर्माण में अपना योगदान दें|
गीता केवल मरणोपरांत मोक्ष या मुक्ति का ग्रंथ नहीं है, बल्कि वह इसी जीवन में व्यक्ति को विषाद से प्रसाद की ओर, पलायन से पुरुषार्थ की ओेर, भागने से जागने की ओर तथा मरण से अमृतत्व की ओर ले जाने वाला ग्रंथ है। विश्व का यही एकमात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। यही भारत का विश्व को वरदान भी है।
ऋषि और कृषि, भारतीय ग्राम्य संकल्पना और व्यवस्था के आधार रहे हैं| इस परंपरा ने केवल मानव को जीवन जीना सिखाया, बल्कि जीवन को सुख शांति, सफलता और आनंद के साथ जीने के विचार और संस्कार भी दिए| ...इसी कारण से महात्मा गांधी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, विनोबा भावे तथा अन्य चिंतकों ने ग्राम स्वराज्य के माध्यम से भारत के नवनिर्माण का चिंतन दिया है|
भारत गांवों का देश है। यहां के 5 लाख 50 हजार गांव ही भारत की वास्तविक पहचान हैं। इन गांवों में भारत की 60% जनता निवास करती है। गांव ही भारत की ऊर्जा और उसकी शक्ति हैं। अत: भारत की शासन-प्रशासन को सर्वस्पर्शी बनाने के लिए जब भारत के संविधान का निर्माण हुआ तो उसमें भारत के शासन को चलाने के लिए हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया,
सुशासन का सीधा अर्थ जन विकास को जन आंदोलन में परिवर्तित करना है, जिसमें शासन के नेतृत्व में जनता की सक्रिय भागीदारी हो। भारत में सुशासन की उपर्युक्त अवधारणा आज की नहीं है; बल्कि भारतीय मनीषा एवं चिंतन परंपरा में यह पुरातन-सनातन काल से चली आ रही है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल की है।