रक्तरंजित ‘ममता’राज

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वैसे बात केवल राजनैतिक हिंसा का नहीं है बल्कि राज्य में जिस तरह से हिन्दुओं पर हमले की घटनाओं में वृद्धि हुई है उससे यह लगता है कि राज्य में हिन्दुओें के दमन और पलायन के लिए सुनियोजित ढंग से हिंसा हो रही है या कार्रवाई की जा रही है। 24 परगना, मुर्शिदाबाद, बीरभूम, मालदा आदि ऐसे कई उदाहरण सामने हैं। हालात तब से ज़्यादा बिगड़ने लगे हैं जब से बांग्लादेशी और रोहिंग्या शरणार्थी भी राज्य में डेरा जमाए हुए हैं।

किसान आंदोलन या कोई बड़ा खेल

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किसान आंदोलन का आरंभ तो संभवत: पंजाब में मोदी विरोध के कारण कांग्रेस ने किया, पर लगता है कि अब यह हाइजैक होकर उन्हीं शक्तियों के हाथों में चला गया जिन्हें हम टुकड़े-टुकड़े गैंग के नाम से जानते हैं।

सावित्रीबाई फुलेः स्त्री शिक्षा की अग्रणी प्रणेता

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दुनिया में लगातार विकसित और मुखर हो रही नारीवादी सोच की ऐसी ठोस बुनियाद सावित्री बाई और उनके पति ज्योतिबा ने मिल कर डाली, जिसने भारत में महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण की नींव रखी।

पाकिस्तान की ‘रेफरेंडम 2020’ योजना और पंजाब

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पंजाब और दिल्ली में किसानों के भड़कते आंदोलन में ‘इमरान हमारा भाई है’, ‘हमारा दुश्मन दिल्ली में बैठा है’, ‘इंदिरा गांधी को ठोक दिया, मोदी को भी ठोक देंगे’, ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ सरीखे नारे यदि लगाए जा रहे हैं, तो क्या यह वास्तव में किसान आंदोलन है? क्या यह रेफरेंडम 2020 का एक भाग नहीं है?

कंधा किसान का, बंदूक मोदी विरोध की

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विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में आंदोलन होना कोई नई बात नहीं है। स्वतंत्रता आंदोलन से शुरू हुआ यह सिलसिला अभी भी जारी है। शाहीन बाग के बाद दिल्ली में किसान आंदोलन की गूंज है।

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