अमर बलिदानी मुरारबाजी देशपांडे
पांच जनवरी, 1665 को सूर्यग्रहण के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने माता जीजाबाई के साथ महाबलेश्वर मन्दिर में पूजा ...
पांच जनवरी, 1665 को सूर्यग्रहण के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने माता जीजाबाई के साथ महाबलेश्वर मन्दिर में पूजा ...
भारतवर्ष जब दासता के मकड़जाल में फंसकर आत्मगौरव से दूर हो गया था, तब शिवाजी महाराज ने ‘हिन्दवी स्वराज्य’ की घोषणा ...
हाराष्ट्र के ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज। एक अत्यंत कुशल महान योद्धा और रणनीतिकार थे। ...
सिंहगढ़ का नाम आते ही छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर सेनानी तान्हाजी मालसुरे की याद आती है। तान्हाजी ने उस ...
सूर्या फाउंडेशन के तत्वावधान में स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित ‘श्री शिवछत्रपति दुर्ग दर्शन यात्रा’ पूर्ण, गौरवशाली इतिहास को ...
छत्रसाल का जन्म टीकमगढ़ के कछार कचनई में 4 मई 1649 को चंपत राय और सारंधा के घर हुआ था। ...
भारतीय इतिहास की पाठय पुस्तकों में औरंगजेब और शिवाजी महाराज के संघर्ष के पश्चात चुनिन्दा घटनाओं को ही प्राथमिकता से ...
हमारे सनातनी संत केवल संत होकर तपस्या, धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ व मोक्षप्राप्ति के हेतु ही कार्य ही नहीं करते ...
छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों में पुणे का लाल महल बहुत महत्त्वपूर्ण था। उन्होंने बचपन का बहुत सा समय वहाँ बिताया ...
यह एक महान योद्धा और एक ऐसे नेता को उनकी जयंती पर याद करने का समय है, जिनके पास असाधारण ...
देश के कुछ लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि भारतीय नौसेना दिवस और स्थापना दिवस अलग अलग ...
भारत का इतिहास गवाह है कि जब-जब भारत पर विपत्तियां आई हैं या भारत का जन-मन टूटने के कगार पर ...
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