क्षत्रियों के कुलनाशक नहीं समाज संगठक थे परशुराम

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वैशाख शुक्ल तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया सनातन हिंदू समाज की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण तिथि है। यह दिवस केवल हमारे सकल हिंदू समाज के आराध्य भगवान् परशुराम के अवतरण का ही नहीं अपितु इसी दिन परमात्मा के हयग्रीव, नर नारायण और महाविद्या मातंगी अवतार का भी अवतरण दिवस है। वस्तुतः…

नव सम्वत् पर संस्कृति का सादर वन्दन करें

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नवरात्र हवन के झोंके, सुरभित करते जनमन को। है शक्तिपूत भारत, अब कुचलो आतंकी फन को॥ नव सम्वत् पर संस्कृति का, सादर वन्दन करते हैं। हो अमित ख्याति भारत की, हम अभिनन्दन करते हैं॥ 22 मार्च से विक्रम सम्वत् 2080 का प्रारम्भ हो गया है। विक्रम सम्वत् को नव संवत्सर…

हिन्दू नववर्ष : सृष्टि चक्र का शाश्वत सनातन प्रवाह

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चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि भारतीय संस्कृति में अपना विशिष्ट महत्व रखती है। यह तिथि नवसम्वत्सर - हिन्दू नववर्ष के उत्साह पर्व की तिथि है। यह तिथि भारतीय मेधा के शाश्वत वैज्ञानिकीय चिंतन - मंथन के साथ - साथ लोकपर्व के रङ्ग में जीवन के सर्वोच्च आदर्शों से एकात्मकता…

अद्भुत है भारतीय नववर्ष की संकल्पना

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विश्व भर में भले नववर्ष मनाए जाते हों पर भारतीय नववर्ष का स्वागत प्रकृति भी करती हुई प्रतीत होती है, परंतु विडम्बना यह है कि वर्तमान पीढ़ी 31 जनवरी की रात की मदिरा एवं नृत्य संस्कृति को सर्वोपरि मानती है। भारतीय संस्कृति के बढ़ाव के लिए उनके बीच हमारे नववर्ष…

परम कल्याणकारी – भगवान शिव

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महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। ईशान संहिता के अनुसार ज्योर्तिलिंग का प्रादुर्भाव होने से यह पर्व महाशिवरात्रि के नाम से लोकप्रिय हुआ। यह शिव और पार्वती के विवाह के रूप में हर घर में मनाया जाता है। इस पवित्र दिन पूरा…

गूढ़ार्थ के पर्यायवाची – भगवान शिवशंकर !

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सृष्टि में असीम आनंद का वातावरण हैं. वसंत की उत्फुल्लता चहुं ओर दृष्टिगोचर हो रही हैं. ऋतुओं के संधिकाल का यह महापर्व अपने पूरे यौवन पर हैं. वातावरण में बाबा भोलेनाथ के जयकारों की गूंज हैं. ‘कंकर – कंकर में शंकर’ की उक्ति पर दृढ़ श्रध्दा रखनेवाला हिन्दू समाज, उत्सव…

पंच महायोग का दुर्लभ अवसर 100 साल बाद

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अक्षय तृतीया पर्व को अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व 3 मई 2022  के दिन मनाया जाएगा। मूलतः इस पर्व को भारतवर्ष के खास त्यौहारों की श्रेणी में रखा जाता है। अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन…

पवन पुत्र हनुमान के जन्म की कहानी

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ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म 1 करोड़ 85 लाख 58 हजार 114 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 06:03 बजे हुआ था। वाल्मीकि रचित रामायण (मतान्तर से) के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष…

वसई में भव्य रामनवमी शोभा यात्रा का आयोजन

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भये प्रगट कृपाला दीन दयाला कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी।। लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी। भूषन वनमाला नयन बिसाला  सोभासिंधु खरारी।।  कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौ अनंता। माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता।।  करुना सुख सागर सब गुन…

स्त्री शक्ति और आस्था का पर्व गणगौर

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गणगौर का पर्व भक्ति श्रृंगार और लोकगीत से जुड़ा है, जिसके गीत जीवन में उमंग भरते है। साथ ही प्रकृति और संस्कृति को एक सूत्र में बांधते है। गणगौर हमें सभी को प्रेम के बंधन में जोड़ने की सीख भी देता है। गणगौर माता के गीतों में जीवन का हर…

भारतीय सनातन काल-गणना चान्द्र-सौर है

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भारत विविधताओंका देश है। यहाँ वर्षारम्भ भी अलग-अलग होते हैं। कुछेक राज्योंमें सौर है तो कुछमें सौर-चान्द्र। उदाहरणार्थ आसाम, बङ्गाल, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, तमिलनाडु तथा केरलमें सौरमास है तो आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्णाटकमें अमान्त सौर-चान्द्रमास है और उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार एवं पूर्वोत्तर राज्योंमें पूर्णिमान्त। यहाँ तक कि जो सौरमास…

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा : हिंदू नववर्ष का महत्व

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प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक दिवस : प्रभु राम ने भी इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या में राज्याभिषेक के लिये चुना। लंका विजय के पश्चात विभीषण और सुग्रीव के साथ। पुष्पक विमान द्वारा विदेहकुमारी सीता को वन की शोभा दिखाते हुए योद्धाओं में श्रेष्ठ श्रीरामचन्द्र जी ने…

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