क्षत्रियों के कुलनाशक नहीं समाज संगठक थे परशुराम

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वैशाख शुक्ल तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया सनातन हिंदू समाज की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण तिथि है। यह दिवस केवल हमारे सकल हिंदू समाज के आराध्य भगवान् परशुराम के अवतरण का ही नहीं अपितु इसी दिन परमात्मा के हयग्रीव, नर नारायण और महाविद्या मातंगी अवतार का भी अवतरण दिवस है। वस्तुतः…

भारतीय राष्ट्रभाव का मूल आधार हिन्दू संस्कृति है

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भारतीय राष्ट्रभाव अतिप्राचीन है। इसका मूल आधार हिन्दू संस्कृति है। सम्प्रति हिन्दू राष्ट्र पर विमर्श है। हिन्दू संस्कृति के कारण यह हिन्दू राष्ट्र है। कुछ लोग भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं। उनका मंतव्य स्पष्ट नहीं है। राष्ट्र राजनैतिक इकाई नहीं है। यह सांस्कृतिक अनुभूति…

हिन्दू नववर्ष : सृष्टि चक्र का शाश्वत सनातन प्रवाह

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चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि भारतीय संस्कृति में अपना विशिष्ट महत्व रखती है। यह तिथि नवसम्वत्सर - हिन्दू नववर्ष के उत्साह पर्व की तिथि है। यह तिथि भारतीय मेधा के शाश्वत वैज्ञानिकीय चिंतन - मंथन के साथ - साथ लोकपर्व के रङ्ग में जीवन के सर्वोच्च आदर्शों से एकात्मकता…

अद्भुत है भारतीय नववर्ष की संकल्पना

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विश्व भर में भले नववर्ष मनाए जाते हों पर भारतीय नववर्ष का स्वागत प्रकृति भी करती हुई प्रतीत होती है, परंतु विडम्बना यह है कि वर्तमान पीढ़ी 31 जनवरी की रात की मदिरा एवं नृत्य संस्कृति को सर्वोपरि मानती है। भारतीय संस्कृति के बढ़ाव के लिए उनके बीच हमारे नववर्ष…

भारत में उत्साहपूर्वक मनाएं नवसंवत्सर

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भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति के अनुसार फागुन और चैत्र माह वसंत ऋतु में उत्सव के महीने माने जाते हैं। चैत्र माह के मध्य में प्रकृति अपने श्रृंगार एवं सृजन की प्रक्रिया में लीन रहती है और पेड़ों पर नए नए पत्ते आने के साथ ही सफेद, लाल, गुलाबी, पीले, नारंगी,…

सुसंस्कृत व्यक्तियों का निर्माण

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Man standing on a ledge of a mountain, enjoying the sunset over a river valley in Thorsmork, Iceland. With lens flare.
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सुसंस्कारिता जिसे मिली उसने वह सब कुछ पा लिया जिसे पाकर मनुष्य जीवन का अमृतोपम रसास्वादन करने का अवसर मिलता है । "आध्यात्मिकता", "दृष्टिकोण की उत्कृष्टता" और "धार्मिकता", "व्यवहार की शालीनता" को ही कहते हैं । शब्दों की ऊँचाई से किसी रहस्यवादी कल्पना में भटकने की आवश्यकता नहीं है ।…

हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में सरकार का पहला कदम

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-लोकसभा के अंदर एक सवाल पूछा गया था कि क्या श्रीमद्भगवद्गीता को स्कूलों के पाठ्यक्रम में लागू किया जाएगा ? तो इस सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने यह कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 का पैरा नंबर 4.27 भारत सरकार को इस बात के…

2024 में पूरी दुनिया का भारत को नमस्कार होगा

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-मित्रों 2024 में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा इस मंदिर के बारे में अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं वह निम्नलिखित हैं -भगवान राम का मंदिर अष्टकोणीय होगा । मंदिर में 44 दरवाजे होंगे सभी दरवाजे सागौन की लकड़ी से बनेंगे…

पूजा में प्रयोग होने वाले कुछ शब्द और उनके अर्थ

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पंचोपचार – गन्ध , पुष्प , धूप , दीप तथा नैवैद्य द्वारा पूजन करने को ‘पंचोपचार’ कहते हैं | पंचामृत – दूध , दही , घृत , मधु { शहद ] तथा शक्कर इनके मिश्रण को ‘पंचामृत’ कहते हैं | पंचगव्य – गाय के दूध , घृत , मूत्र तथा…

सभी कर्मों का फल हो जाता है अक्षय

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सभी कर्मों का फल हो जाता है अक्षय, इसलिए यह तिथि कहलाती है, अक्षय तृतीया वैशाख शुक्लपक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया, आखातीज, या आखा तृतीया कहते हैं। इस दिन दिए हुए दान और किए हुए स्नान, होम, जप आदि का फल अनन्त होता है, अर्थात् सभी शुभ कर्म अक्षय…

धर्म परंपरा : जैसा बोएंगे, वैसा ही पाएंगे

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मेरा एक मित्र हैदराबाद के एक पाठशाला में प्रधानाध्यापक हैं। उनके घर में दूध देने वाला कृष्णा एक दिन अचानक भागा भागा आया और उनके पैरों में पड़ गया। बोला की उनकी लड़की ने घर से भागकर एक मुसलमान लड़के से शादी कर ली है, और उसके परिवार के साथ…

स्त्री शक्ति और आस्था का पर्व गणगौर

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गणगौर का पर्व भक्ति श्रृंगार और लोकगीत से जुड़ा है, जिसके गीत जीवन में उमंग भरते है। साथ ही प्रकृति और संस्कृति को एक सूत्र में बांधते है। गणगौर हमें सभी को प्रेम के बंधन में जोड़ने की सीख भी देता है। गणगौर माता के गीतों में जीवन का हर…

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