मुद्रा स्फीति पर अंकुश क्यों जरूरी

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Rising food cost and grocery prices surging costs of supermarket groceries as an inflation financial crisis concept coming out of a paper bag shaped hit by a a finance graph arrow with 3D render elements.
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कोरोना महामारी के बाद से पूरे विश्व में मुद्रा स्फीति बहुत तेजी से बढ़ी है। भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति 7 प्रतिशत के ऊपर एवं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्फीति 13 प्रतिशत के ऊपर निकल गई थी। कई विकसित देशों में तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित…

विकसित देशों के मुद्रा स्फीति की समस्या

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कोरोना काल के बाद से कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रा स्फीति की समस्या विकराल रूप धारण करते हुए यह पिछले 40 से 50 वर्षों के अधिकतम स्तर पर पहुंच गई है। मुद्रा स्फीति की समस्या को हल करने के लिए इन देशों की केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में लगातार…

मुद्रास्फीति: नियंत्रण करने का भारतीय आर्थिक चिंतन

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दरअसल भारत का कृषक अब जागरूक हो गया है एवं पदार्थों की मांग के अनुसार नई तकनीकी का उपयोग करते हुए उत्पादन करने लगा है। आवश्यकता अनुसार पदार्थों का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है, इससे उन पदार्थों की आपूर्ति बाजार में बढ़ रही है एवं इस प्रकार मुद्रा स्फीति पर…

2023 में भारत देगा वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति

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अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक फण्ड (आईएमएफ) ने बताया है कि वर्ष 2023 में वैश्विक स्तर पर विशेष रूप से चीन, अमेरिका एवं यूरोपीयन यूनियन से प्राप्त हो रहे आर्थिक क्षेत्र से सम्बंधित संकेतों के अनुसार इन देशों सहित विश्व की एक तिहाई अर्थव्यवस्थाओं पर मंदी का असर दिखाई…

मुद्रा स्फीति पर अंकुश हेतु आरबीआई ने रेपो दर बढ़ाई

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अभी हाल ही में दिनांक 04 मई 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 40 अंकों की वृद्धि कर इसे 4 प्रतिशत से बढ़ा कर 4.40 प्रतिशत कर दिया है। रेपो दर में उक्त वृद्धि 45 महीनों पश्चात अर्थात अगस्त 2018 के बाद की गई है। इसके तुरंत…

आय में वृद्धि के चलते महंगाई का कम होता असर

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महंगाई (मुद्रा स्फीति) का तेजी से बढ़ना, समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से समाज के गरीब एवं निचले तबके तथा मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विपरीत रूप में प्रभावित करता है। क्योंकि, इस वर्ग की आय, जो कि एक निश्चित सीमा में ही रहती है,…

महंगाई से त्रस्त सामान्य जनता !

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किसी भी वस्तु की मांग जब तेज होती है तो उसकी कीमत बढ़ने लगती है और उसे महंगाई का नाम दिया जाता है। यह व्यक्ति के हर दिन के खर्चे को भी प्रभावित करती है और उसका असर पूरे परिवार पर नजर आता है। महंगाई के कारण देश की अर्थव्यवस्था…

अंधाधुंध उत्पादन से बेहतर है संयम से खर्च

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बिजली बनाने के हर सलीके में पर्यावरण के नुकसान की संभावना है। यदि उर्जा का किफायती इस्तेमाल सुनिश्चित किए बगैर उर्जा के उत्पादन की मात्रा बढ़ाई जाती रही तो इस कार्य में खर्च किया जा रहा पैसा व्यर्थ जाने की संभावना है और इसका विषम प्रभाव अर्थ व्यवस्था के विकास पर पड़ेगा।

बीजेपी की जंग: कोरोना, महंगाई और चुनाव

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बीजेपी फिलहाल में देश की सबसे बड़ी पार्टी है और लगातार सबसे अधिक चुनाव जीतने का रिकार्ड भी उसके पास है। बीजेपी में मोदी और शाह की जोड़ी का कमाल देश की जनता 2014 से देख रही है और विकास की तेज रफ्तार भी सभी को नजर आ रही है…

पेट्रोल-डीजल के दाम से महंगाई का कनेक्शन

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दुनिया जिस तेजी से आगे बढ़ रही है उसी तेजी से महंगाई भी बढ़ती जा रही है। अब सवाल यह है कि आखिर यह महंगाई बढ़ती क्यों है? अगर हम सिर्फ देश के आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो यहां हर दिन या जनसंख्या वृद्धि तेजी से हो रही है।…

पेट्रोल के आंसू

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पेट्रोल की खुदरा कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर की हालिया बढ़ोतरी ने आम आदमी की खाली जेब भी काट ली। सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती महंगाई से त्रस्त जनता को मनमोहन सरकार ने ‘कहां जाई का करी’ की स्थिति में खड़ा कर ‘पेट्रोल’ के आँसू रोने पर विवश कर दिया है।

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