अमर बलिदानी मुरारबाजी देशपांडे
पांच जनवरी, 1665 को सूर्यग्रहण के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने माता जीजाबाई के साथ महाबलेश्वर मन्दिर में पूजा की। फिर वे दक्षिण के विजय अभियान पर निकल गये। तभी उन्हें सूचना मिली कि मिर्जा राजा जयसिंह और दिलेर खाँ पूना में पुरन्दर किले की ओर बढ़ रहे हैं।…