अमर बलिदानी मुरारबाजी देशपांडे
पांच जनवरी, 1665 को सूर्यग्रहण के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने माता जीजाबाई के साथ महाबलेश्वर मन्दिर में पूजा ...
पांच जनवरी, 1665 को सूर्यग्रहण के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने माता जीजाबाई के साथ महाबलेश्वर मन्दिर में पूजा ...
इंदौर एक शहर मात्र नहीं बल्कि वहां के लोगों के हृदय में बसा अहसास है। इंदौरी होने का अहसास, लोकमाता ...
इंदौर शहर अपने आप में बहुत सी विशेषताएं समेटे हुए है। पुण्यश्लोक अहिल्याबाई समेत होलकर वंश ने यहां के सर्वांगीण ...
पिछले डेढ़ हजार वर्षों में पूरे संसार का स्वरूप बदल गया है । 132 देश एक राह पर, 57 देश ...
पिछले दो हजार वर्षों में संसार का स्वरूप बदल गया है । बदलाव केवल शासन करने के तरीके या राजनैतिक ...
भारतवर्ष जब दासता के मकड़जाल में फंसकर आत्मगौरव से दूर हो गया था, तब शिवाजी महाराज ने ‘हिन्दवी स्वराज्य’ की घोषणा ...
द्वितीय विश्व युद्ध के प्रसिद्ध सेनानायक फील्ड मार्शल मांटगुमरी ने युद्धशास्त्र पर आधारित अपनी पुस्तक ‘ए कन्साइस हिस्ट्री ऑफ़ वारफेयर’ ...
हाराष्ट्र के ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज। एक अत्यंत कुशल महान योद्धा और रणनीतिकार थे। ...
मुगलों के आक्रमण का प्रतिकार करने में उत्तर भारत में जिन राजाओं की प्रमुख भूमिका रही है, उनमें भरतपुर (राजस्थान) ...
सिंहगढ़ का नाम आते ही छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर सेनानी तान्हाजी मालसुरे की याद आती है। तान्हाजी ने उस ...
सूर्या फाउंडेशन के तत्वावधान में स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित ‘श्री शिवछत्रपति दुर्ग दर्शन यात्रा’ पूर्ण, गौरवशाली इतिहास को ...
छत्रसाल का जन्म टीकमगढ़ के कछार कचनई में 4 मई 1649 को चंपत राय और सारंधा के घर हुआ था। ...
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