चुनौतियों को अवसर के रूप में परिवर्तित करना यह हर भारतवासी का परम कर्तव्य होना चाहिए। मुझे लगता है कि भारतवासियों में यह अद्भुत क्षमता है। सवा सौ करोड़ भारतवासियों की श्रम शक्ति के आधार पर भारत फिर से उठ खड़ा होगा और देश दुनिया का नेतृत्व करेगा।
जब भी हमारे शरीर में बुखार आता है तो हमें यह संकेत देता है कि संभल जाओ। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखो। उसी तरह कोरोना संक्रमण का संकट भी हमें संभलने का मौका दे रहा है। यह संकेत दे रहा है कि सावधानीपूर्वक भविष्य की तैयारी करो, आपका वर्तमान और भविष्य उज्ज्वल है। जैसे स्पीडब्रेकर हमारी ही सुरक्षा व फायदे के लिए होता है, ठीक उसी तरह कोरोना नामक स्पीडब्रेकर हमारे राष्ट्र के लिए हितकर साबित होगा। बस हमें सावधानी बरतते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करना है। इस वायरस के कारण पूरी दुनिया में चीन बुरी तरह से बदनाम हुआ है और चीन से दुनिया भर की बड़ी – बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियां चीन छोड़कर भारत आने का मन बना चुकी हैं। यह हमारे लिए बेहतरीन सुनहरा अवसर है। इस अवसर का लाभ उठाना ही हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
मैं डायमंड व्यापारी हूं। मुंबई के बीकेसी स्थित डायमंड मार्केट में रोजाना 50 हजार कर्मचारी आते थे। इससे मुंबई के लाखों परिवार जुड़े हुए हैं। निर्यात पूरी तरह से ठपपड़ा हुआ है। कर्मचारी अपने घरों में बैठे हुए हैं। लेकिन जब बाजार खुलेगा तब हम एक नई ऊर्जा के साथ अपने व्यापार को बुलंदियों पर लेकर जाने का पूर्ण प्रयास करेंगे। भारत में भले ही 4जी चल रहा है लेकिन दुनिया के साथ कदमताल करने के लिए हम 6जी की गति से काम करेंगे। लॉकडाउन के कारण हमने एकांतवास में स्वयं को आंतरिक रूप से सशक्त किया है। अपनी आत्मशक्ति को पहचाना है। पहले की अपेक्षा अब हमारा मनोबल और अधिक मजबूत हुआ है। राष्ट्र के आर्थिक पहिये को गति देने के लिए हम भी अपना पूर्ण योगदान देंगे, ताकि देश जल्द से जल्द आर्थिक नुकसान से उबर जाए।
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना के खिलाफ जंग को जरूर जीतेगा और हमारा प्राचीन सनातन राष्ट्र दुनिया में विेश विजेता के रूप में सामने आएगा। प्रधानमंत्री मोदी जी का प्रखर नेतृत्व, देश का वातावरण और सस्ते श्रमिकों की अति उपलब्धता दुनिया भर की कम्पनियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उपयुक्त है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के कारण भारत के प्रति दुनिया का दृष्टिकोण सकारात्मक है। व्यापारी चाहे हमारे देश का हो या दुनिया के किसी भी देश का हो, उसका लक्ष्य केवल आर्थिक लाभ होता है। वह सर्वप्रथम यह देखता है कि किस देश में व्यापार करने से हमें मुनाफा होगा। उस लिहाज से चीन के बाद एकमात्र भारत ही व्यापार की दृस्टि से दुनिया में सबसे उपयुक्त है। दुनिया के दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत में अपार कुशल मानव संसाधन, प्रतिभा से संपन्न युवा और सस्ती श्रम शक्ति यहां आसानी से उपलब्ध है इसलिए बहुत जल्द ही भारत दुनिया का औद्योगिक केंद्र बनेगा।