- चीन से मोबाइल कंपनियां हो रही बाहर
- भारत में 1.5 अरब डालर को होगा निवेश
- भारत सरकार हर सहयोग के लिए तैयार
- चीन के बढ़ते विवाद से बाहर हो रही कंपनियां
भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बाद से लगातार भारत आर्थिक तौर पर चीन को झटका दे रहा है और चीन को किसी ना किसी तौर पर नुकसान हो रहा है वहीं चीन अपने नुकसान के लिए कुछ हद तक खुद जिम्मेदार है। चीन अपने हट और जिद्दीपन की वजह से भी बाकी देशों से दूर होता जा रहा है और व्यापार के लिए कंपनियां भी अब चीन से बाहर निकलने की तैयारी में है। खबरों की मानें तो करीब 2 दर्जन से अधिक कंपनियां अब चीन से बाहर निकलने की तैयारी में है क्योंकि कोरोना वायरस के बाद से उपजे संकट अब खत्म होने का नाम नहीं ले रहे है जिससे कंपनियों को काम करने में परेशानी हो रही है। चीन में व्यापार कर रही कंपनियों को अब सरकार की तरफ से भी सहयोग नहीं मिल रहा है जिससे कंपनियों का चीन से मोह भंग होने लगा है।
भारत को अगर व्यापार की दृष्टि से देखें तो यह एक ऐसा देश है जहां आसानी से व्यापार किया जा सकता है और यही वजह है कि दुनिया की बाकी कंपनियां अब भारत में अपना व्यापार स्थापित करना चाहती है क्योंकि उन्हे बाकी देशों के मुकाबले यहां आसानी से उनकी सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया है। इसके साथ ही भारत एक बड़ी जनसंख्या वाला देश है जिससे जो भी सामान भारत में तैयार किया जायेगा उसे देश के अंदर ही आसानी से बेचा जा सकता है।
चीन का भारत के साथ साथ अमेरिका से भी विवाद जारी है और अमेरिका भी खुलकर चीन को धमकी देता रहता है ऐसे में अमेरिकी कंपनियों ने भी अब चीन से व्यापार खत्म करने का फैसला लिया है और उनके लिए भारत सबसे उपयुक्त जगह है। भारत सरकार ने भी खुलकर यह ऐलान कर दिया है कि अगर कोई भी कंपनी भारत में अपना व्यापार शुरु करना चाहती है तो उसका ज़ोरदार स्वागत है। वहीं खबरों की मानें तो सैमसंग और एप्पल जैसी बड़ी मोबाइल कंपनियां अब चीन के व्यापार खत्म कर अब भारत में अपना प्रोडक्शन शुरु करना चाहती है।
चीन से हुए सीमा विवाद के बाद से भारत लगातार चीन को झटका दे रहा है वहीं अगर चीन से करीब 2 दर्जन कंपनियां भारत में अपना व्यापार शुरु करती है तो इससे जहां चीन को बड़ा झटका लगेगा वहीं भारत को बड़ा फायदा होगा। भारत में करीब 1.5 अरब डालर का निवेश होगा और इससे करीब लाखों के लिए रोज़गार पैदा होगा।