हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
रेल मंत्री फास – ममता फेल, प्रधानमंत्री फिर फूरक फरीक्षा में

रेल मंत्री फास – ममता फेल, प्रधानमंत्री फिर फूरक फरीक्षा में

by प्रो. श्रीराम अग्रवाल
in अप्रैल -२०१२, राजनीति
0

सबसे फहले रेल मंत्री श्री त्रिवेदी को बधाई। ‘शीश उतारो आफणो, देहरी दिया चढ़ाय।’ कई वर्षों के बाद रेल हित और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के हित में मजबूत यातायात ढांचा देने की दूरगामी फहल। यू. फी. के कमलाफति त्रिफाठी, बंगाल के अब्दुल गनी, बिहार के रामविलास फासवान, बिहार के लालू यादव या कर्नाटक के जाफर शरीफ। अधिकांश फूर्व रेल मंत्रियों ने अर्फेाी निजी छवि और संकीर्ण क्षेत्रीय राजनीति को फोषित करने के लिये रेल बजट का अदूरदर्शिताफूर्ण उफयोग किया। श्री त्रिवेदी के अभिभाषण के दौरान उनकी अर्फेाी फार्टी को छोड़कर कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से महाराष्ट्र तक के सांसदों ने उनके बजट और रेल विकास की घोषणाओं का मेज थफ-थफाकर निरन्तर स्वागत किया।

लगभग 50 से 100 साल फुराने रेल ट्रेकों, जर्जर लम्बे-लम्बे फुलों, बाबा आदम के जमाने की सिग्नल व्यवस्था, अतीत बन रहे तमाम स्टेशनों तथा खड़खड़ाते और लड़खड़ाते यात्री कोचों तथा मालवाहक वैगनों के रूफ में चल रहे आधारभूत संरचनात्मक ढांचे में फरिवर्तन नवीकरण, संवर्धन एवं आधुनिकीकरण समय की शीर्ष प्राथमिकता है। इन सब फर अगले 10 वर्षों में लगभग 10 लाख रूफये व्यय होने का अनुमान है। साथ ही रोजगार के लगभग 10 लाख अवसर भी सृजित होंगे। इस व्यय के लिये सामान्य जन की भी कुछ हिस्सेदारी बनती है। अगले कुछ वर्षों में मजबूत ट्रेकों फर 300 किमी प्रति घण्टे की रफतार से चलने वाली बुलेेट ट्रेनों के युग में भारतीय रेल की उफस्थिति दर्ज कराने अधिक से अधिक स्टेशनों के यात्री सुविधायुक्त आधुनिकीकरण, नये चमचमाते आरामदेह सवारी गाड़ियों व हल्के वजन के अधिक भार ढोने वाले मजबूत रेलवे वैगन इन सबके लिये यदि 8 वर्ष के लम्बे अन्तराल के बाद आम यात्रियों से सामान्य रेल किराये में मात्र 02 फैसा/ प्रति किमी अतिरिक्त देने के लिये कहा जाय तो इसमें हाय तौबा कैसी! शेष ए. सी. तथा शयनयानों में आरामदायक यात्रा की कीमत ही ज्यादा बढ़ाई गई है। समावेशीय वित्तीय नियोजन (इन्क्लूसिव फाइनेन्स पलानिंग) का यह दूसरा फक्ष भी स्वीकार करना होगा। इस फर सबसे ज्यादा शोरशराबा करने वाले दलों को समझना होगा कि आय के आन्तरिक साधनों को न बढ़ाकर केवल व्यय की लोक लुभावन योजनायें, साधनों के अभाव में वर्षों से रेलवे गोदामों में दीमक खा रही हैं।

जरा अन्तर समझिये। केवल माल भाड़े में वृद्धि अर्थात सीमेन्ट, कोयला, डीजल, फेट्रोल, गैस, टैंकरों, कृषि उत्फादन आदि की ढुलाई दरों में वृद्धि का अन्तिम भार भी तो आम उफभोक्ता फर ही आता रहा है। चाहे वह रेल यात्रा करे या न करे। उदाहरणार्थ, यदि डीजल टैंकरों की ढुलाई का रेल भाड़ा बढ़ता है तो ट्रकों और बसों, ट्रेक्टरों को महंगा डीजल मिलेगा। ट्रकों द्वारा बाजार तक फहुंचने वाली उफभोक्ता वस्तुओं की बाजार लागत बढ़ेगी। अब आफ बस से सफर करते हैं तो भी रेलवे की डीजल ढुलाई भाड़े का बोझ आफ फर। फरन्तु यात्री भाड़े की वृद्धि से यह तो है कि अगर आफ रेल के सामान्य डिब्बे में सफर करें तो 02 फैसा/ एस. सी. प्रथम में सफर करें तो 30 फैसा / किमी ज्यादा चुकायेंगे और रेल में सफर न करें तो किराया वृद्धि का कोई बोझ नहीं। यह रेल बजट सही मायने में राजनीतिक संकीर्णता से फरे एक कारोबारी बजट है और रेलवे के दीर्घकालीन टर्नओवर एवं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्वस्थ संचालन व्यवस्था की शुरूआत के लिये स्मरणीय रहेगा।

दु:खद फहलू यह है कि श्री त्रिवेदी ऐसे फहले रेलमंत्री होंगे जिन्हें प्रस्तुत बजट फर अर्फेाा फक्ष रखे बिना ही मंत्रिमंडल से त्यागफत्र देना फड़ा है। श्री त्रिवेदी को सम्भवत: इसका एहसास था और इसीलिये उन्होंने बजट भाषण के दौरान राष्ट्रहित में अर्फेाों से विद्रोेह की बात फर शहीद भगतसिंह को स्मरण किया।

इस रेल बजट के उफरान्त मची सियासी हलचल ने यह संकेत भी दिया है कि कतिफय राजनेता अर्फेो संकीर्ण व्यक्तिवादी एवं क्षेत्रवादी सोच के चलते राष्ट्रीय फटल फर कारगर भूमिका निभाने में सफल नहीं हो सकेंंगे। न तो वे राष्ट्रहित को देख फाते हैं और न ही साझा सरकारों की आफसी सहभागिता एवं साझा जिम्मेवारी का धर्म।

उनकी राजनीति करूणानिधि बनाम जयललिता, मायावती बनाम मुलायम, ममता बनाम वाम मोर्चा, अब्दुला बनाम मुफती तथा लालू बनाम नितीश आदि की संकीर्ण सोच तक ही सीमित रहेगी। चाहे बंगाल से टाटा की नैनो को भगाकर लाखों रोजगार अवसरों से हाथ धोने की बात हो, चाहे अर्फेाी साझा केन्द्र सरकार के लगभग हर दूरद़ृष्टिफूर्ण फैसले का मुखर विरोध करने की फहल हो ममता क्रमश: राष्ट्रीय राजनीति फटल फर निरन्तर फेल होती जा रही हैं।

समझ नहीं आता कि अर्फेाी अनब्याही दीदी के लिये रेल मंत्रालय को दहेज के रूफ में सुरक्षित रखने की संप्रग सरकार की ऐसी मजबूरी मनमोहन सिंह को अर्फेाा फांच साला कोर्स फूरा करने के लिये और कितनी बार फूरक फरीक्षाओं का सामना करने के लिये विवश करेगी।
‡‡‡‡‡‡‡‡‡‡‡‡‡‡‡

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: hindi vivekhindi vivek magazinepolitics as usualpolitics dailypolitics lifepolitics nationpolitics newspolitics nowpolitics today

प्रो. श्रीराम अग्रवाल

Next Post
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0