कितने दूर कितने फास
स्वामी विवेकानंद तथा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारदर्शन फर मुंबई में एक कार्यशाला का आयोजन करने का जब निर्णय हुआ, तब अनेक कार्यकर्ताओं ने तरह-तरह की आशंकाएं उफस्थित कीं।
स्वामी विवेकानंद तथा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारदर्शन फर मुंबई में एक कार्यशाला का आयोजन करने का जब निर्णय हुआ, तब अनेक कार्यकर्ताओं ने तरह-तरह की आशंकाएं उफस्थित कीं।
1970 में इस संख्या में 140 से 170 तक भारी कमी आई। उनके प्राकृतिक निवास का ध्वंस, पशु चराई, खेती के लिए जमीन पर अतिक्रमण इत्यादि कारणों से यह कमी आई। लेकिन घ्ळण्र् की सफल योजना के कारण 1983 में उनकी संख्या में 482 तक वृध्दि हुई।
24 दिसम्बर 1986 को राष्ट्रपति ने उपभोक्ता संरक्षण कानून को अपनी मंजूरी दी थी। इस तरह इस कानून ने अपने अस्तित्व के 25 साल पूरे कर लिए।
मानवीय चेतना की चरम अवस्था में ‘राम’ नाम की अनुभूति और प्रतीति शब्दातीत हो जाती है। राम के इस आध्यात्मिक भावनात्मक स्वरूप का आचमन करने हेतु किसी भी प्राणी के लिए तपबल से अर्जित पुण्य नितान्त आवश्यक है।
कोई सालभर से सोनियाजी अस्वस्थता के कारण रोजमर्रे के काम से दूर हैं और राहुलजी कोई करिश्मा नहीं कर फाए। अन्य फार्टियों में भी इस गड़बड़झाले का संक्रमण हो रहा है। सोचिए जरा, देश किधर जा रहा है?
वह जन्मी तो राजस्थान मेंं थी किंतु उसका लालन-फालन और कला की शिक्षा वर्धा और फुणे में हुई। उसका कार्यक्षेत्र फुणे और ‘आमची मुंबई’ ही रहा जब तक कि वह 1988 मेंं फ्रांस सरकार की छात्रवृत्ति फा कर फेरिस चली न गई।
खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश का मामला जल्दी सुलझने वाला नहीं है। फिर भी यदि निकट भविष्य में इस पर पुन: चर्चा हो तो इसका ध्यान रखा जाए कि भारतीय खुदरा बाजार को कोई हानि न पहुंचे।
अब तक हम सफल उद्योग के तीन सूत्र जान चुके हैं। उद्योग-व्यवसाय दूसरे के पैसे पर कीजिए, ईमानदारी से फायदे का व्यवसाय हो सकता है, कम मुनाफा और ज्यादा टर्नओवर यह तत्व किस तरह उपयोगी है, इसे आपने जाना पर इस सूत्र का उपयोग करने के लिए आपका उद्यमी होना
संसद के पिछले अधिवेशन में सहकारिता आंदोलन की नींव मजबूत बनाने, सहकारिता आंदोलन के माध्यम से देश की आर्थिक, सामाजिक स्थिति समृध्द और सक्षम होने के उद्देश्य से कृषि मंत्री ने संविधान में यह 111वां संशोधन पेश किया और उसे मंजूरी प्राप्त की।
‘बेडेकर’ नाम जनमानस में इस तरह से बैठ गया है कि उच्चारण करते ही अचार और मसाला स्मरण हो आता है। वस्तुत: बेडेकर अचार व मसाला का समानार्थी शब्द हो गया है। यह गौरव का विषय है कि विगत एक शताब्दी से एक उद्योग के रूप में बेडेकर लोकप्रियता में दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है।
बिहार-पटना के पाटलीपुत्र क्रीडा संकुल में महिला विश्वचषक कबड्डी स्पर्धा 2 मार्च से 4 मार्च 2012 तक संपन्न हुई। बिहार राज्य स्थापना दिन के अवसर पर बिहार कबड्डी असोसिएशन की ओर से इस स्पर्धा का आयोजन किया था।
हौसले बुलंद हो गए हैं, उम्मीदें जवां हो गई हैं। लंदन ओलंफिक खेलों के लिए भारतीय हाकी टीम का क्वालिफाय करना मानो देश में हाकी के लिए नई सौगात लेकर आया है।