हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
जयपुर की गणेशपुरी बस्ती के लिए स्वंय सेवक बने भगवान!

जयपुर की गणेशपुरी बस्ती के लिए स्वंय सेवक बने भगवान!

by हिंदी विवेक
in अवांतर, ट्रेंडींग, पर्यावरण, विशेष, सामाजिक
1

देश में जब भी कहीं पर आपदा आती है तो राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के कार्यकर्ता वहां जरुर होते है। चाहे कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों ना हो लेकिन संघ के कार्यकर्ता कभी भी अपने कर्म से पीछे नही हटते है। जब पूरा देश कोरोना से जंग लड़ रहा था, जब कोई घर से निकलने को तैयार नही था तब संघ के कार्यकर्ता लोगों के बीच भोजन पहुंचा रहे थे। कोरोना काल के दौरान ही अगस्त महीने में भारी बारिश ने भी तबाही मचायी थी। राजस्थान का मशहूर शहर जयपुर भी भारी बारिश की चपेट में आ गया था और वहां की कच्ची बस्ती गणेशपुरी पूरी तरह से तबाह हो गयी थी।

14 अगस्त 2020 की सुबह करीब 10 बजे भारी बारिश की वजह से एक बड़ा मिट्टी का टीला बहकर लोगों के घरों में घुस गया। जिससे सब कुछ ज़मीदोज हो गया। यह तबाही का ऐसा मंजर था कि लोग कुछ समझ भी नही पाये और इंसान क्या, घर का अनाज, बर्तन, सामान, घर के सामने खड़े वाहन सब कुछ मिट्टी में दब गया। गांव के करीब 150 घर पूरी तरह से मिट्टी में दब गये, चारो तरह चींख पुकार शुरु हो गयी। किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आने लगा लेकिन इसी बीच स्वंय सेवक एक सूरज की किरण के समान उस गांव में पहुंच गये जिसके बाद लोगों का अंधेरा धीरे धीरे खत्म होने लगा।

प्राकृतिक आपदा थी तो जाहिर है कि स्वंय सेवकों ने भी जल्दी जल्दी ही तैयारी की थी लेकिन उन्होने भी मौके को समझ लिया और सबसे पहले भोजन का प्रबंध किया। स्वंय सेवक करीब 2800 भोजन पैकेट के साथ गांव में पहुचे थे क्योंकि इस आपदा के बाद सभी का अनाज और बर्तन पूरी तरह से मिट्टी में दब गया था जिससे उन्हे भोजन नहीं मिल रहा था। जयपुर नगर के प्रौढ़ शाखा के कार्यवाह व इस राशन कार्य की संचालन व्यवस्था संभालने वाले राजकुमाार गुप्ता बताते है कि, शाम 3:30 बजे स्वयंसेवकों को इस विनाशकारी घटना की सूचना मिली जिसके बाद रात्रि 8:00 बजे तक नगर के संघ परिवारों से करीब 2800 भोजन पैकेट भी वहां पहुंच चुके थे। सभी को टार्च की रोशनी में खाना खिलाया गया। इस आपदा के बाद लोगों की आंखे रो रो कर थक चुकी थी जिसे देख सभी स्वंय सेवकों का मन विचलित हो गया। बस्ती से 2 किलोमीटर दूर बसे सामुदायिक भवन में सभी के सोने की व्यवस्था की गयी और फिर भारी मन से सभी स्वयंसेवक घर लौट आए।

इस विनाश लीला की शुरुआत 14 अगस्त 2020 की सुबह हुई जब गुलाबी नगरी जयपुर में इंद्र देवता इतना बरसे कि समूचा शहर तालाब बन गया।सामान और गाड़ियां खिलौनों की तरह पानी में तैरने लगी। निचले इलाके में बसा गणेशपुरी बस्ती भी उस समय बाढ़ की चपेट में गया जब पास में बने एक छोटे बांध की दिवार टूट गयी, जिसके बाद बालू के दो विशालकाय टीलों को बहाते हुए पानी इन कच्ची बस्तियों में घुस गया। इस आपदा के बाद प्रशासन ने जेसीबी से मिट्टी निकाल कर अपना काम पूरा कर लिया और गांव से निकल गये लेकिन संघ के स्वयंसेवक 8 दिन तक गांव में ही टिके रहे और हालात सामान्य होने तक गांव नहीं छोड़ा।

संघ दृष्टि से ऋषिगालव नगर के सामाजिक समरसता प्रमुख मनोज जैन ने बताया कि, स्वयंसेवक यहीं नहीं रुके, कुछ ने कुदाली और फावड़ा लेकर बस्ती वालों के साथ घरों से मिट्टी निकालने व उनके कपड़े एवं पुराने बर्तन सुखाने का भी काम शुरू कर दिया लेकिन कपड़े इतने ज्यादा खराब हो चुके थे कि नगर से संग्रहित कर कई जोड़ी कपड़े और जरूरत के कुछ बर्तन भी गणेशपुरी वासियों को दिए गए। इसके अलावा आगे भी इन लोगों को भोजन की परेशानी ना हो इसलिए करीब 150 अनाज के किट भी इन्हे दिये गये।

संघ की तरफ से 8 दिन तक चली इस कवायद में मिट्टी घर से निकल चुकी थी, सामान लगभग सूख चुके थे और लोगों का जीवन धीरे-धीरे पटरी पर भी लौटने लगा था। जिसके बाद इन लोगों की सुध लेने कुछ राजनीतिक लोग भी पहुंचे और इन्हे भोजन के पैकेट देने की कोशिश की लेकिन बस्ती वालों ने उसे लेने से इंकार कर दिया। बस्ती के लोगों ने साफ शब्दों में कहा आप यह दिखावा ना करें, हमें जब इसकी अधिक जरूरत थी तब इन खाकी निकर वाले लोगों ने हमारी हर तकलीफ को दूर किय अब हम अपना पेट पाल सकते है।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: avantarextrahindi vivekhindi vivek magazinenewsotherrsssubject

हिंदी विवेक

Next Post
राहुल हत्याकांड: मौत पर चुप्पी साधे सेक्यूलर समाज!

राहुल हत्याकांड: मौत पर चुप्पी साधे सेक्यूलर समाज!

Comments 1

  1. Rajkumar says:
    5 years ago

    Bharat Mata ki jay

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0