विरोध करना हर किसी का संवैधानिक अधिकार है लेकिन उसके भी कुछ दायरे होते है अगर आप का विरोध किसी और के लिए परेशानी बनता है तो फिर उसे विरोध नहीं हिंसा कहते है। बांग्लादेश में भी ऐसा ही विरोध देखने को मिला जहां फ्रांस के विरोध के नाम पर हिन्दूओं के घरों को जलाया गया और उन्हे बुरी तरह से पीटा गया। बंग्लादेश के कट्टरपंथियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति के समर्थन में पोस्ट करने को लेकर हिंदू समुदाय को अपना निशाना बनाया। इन लोगों का आरोप है कि बांग्लादेश के कुछ हिंदू परिवार फ्रांस के फैसले को सही बता रहे है।
बांग्लादेश सहित तमाम देशों में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। भारत के भी अलग अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है लेकिन बाग्लादेश में जिस तरह से अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया गया वह गलत है। बांग्लादेश की घटना से यह समझ आता है कि कहीं और का गुस्सा कहीं और निकाला जा रहा है। यह सभी को अधिकार है कि वह अपना समर्थन और नाराज़गी कहीं पर भी जाहिर कर सकता है इसके लिए उसे किसी से भी सहमति लेने की जरुरत नहीं है और ना ही इसके लिए वह कहीं से दोषी बनता है।
रिपोर्ट के मुताबिक बाग्लादेश के कोमिला जिले में यह अफ़वाह कहीं से फैल गयी कि एक हिंदू परिवार ने फ्रांस के फैसले का स्वागत किया है और इस्लाम के खिलाफ बयान दिया है जिसके बाद कट्टर भीड़ ने हिन्दुओं के घरों को जलाना शुरु कर दिया। झूठी अफवाह के बाद कट्टरपंथी बड़ी संख्या में इकट्टठा हो गये और जमकर लूटपाट और तोड़फोड़ की। काफी समय तक खुलकर आगजनी और मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना के दौरान करीब 15 से अधिक मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। घटना के बाद पुलिस दल मौके पर पहुंचा और हालात पर काबू किया। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है और कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।
फ्रांस का गुस्सा बंग्लादेश के हिंदुओं पर क्यों निकाला जा रहा है यह बात विचार करने योग्य है। सवाल यह है कि अगर फ्रांस सरकार के फैसले से नाराजगी है तो उसका कानूनी तौर पर विरोध किया जाना चाहिए और उस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में आपील करनी चाहिए जिससे सही और सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद हो जबकि बांग्लादेश में फ्रांस के फैसले का गुस्सा कहीं ना कहीं हिंन्दु अल्पसंख्यकों पर निकाला जा रहा है जिनका फ्रांस के फैसले में कोई भी सहयोग नहीं रहा है। अब अगर सोशल मीडिया पोस्ट की बात करें तो किसी पोस्ट को लाइक या शेयर करना इतना बड़ा गुनाह नहीं होता कि उनकी पूरी बस्ती को ही आग लगा दी जाए।
बांग्लादेश की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ हिन्दू घरों पर पत्थर बरसा रही है और लाठी डंडे से तोड़फोड़ कर रही है। घटना के बाद पुलिस ने कुछ हिन्दुओं को सोशल मीडिया पर नफरत भरे पोस्ट डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है और बाकी लोगों के खिलाफ जांच चल रही है।
Thread
Here’s the video,Muslim fanatics destroying Hindu houses, over just fb react given in boycott France post by Muslim. 2 Hindu arrested in blasphemy act. No action on this though it lasted for 5 hours.Dear fellow hindus We never asked for money,we asked for support from u . pic.twitter.com/JTPBGnrdSM— joy chakraborty (@imrjoy) November 2, 2020
Why muslim targeting hindu minority in Bangladesh ? This is not unacceptable .we will not allow such incident in india.