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ठाकुर अनिल सूरजनाथ सिंह

ठाकुर अनिल सूरजनाथ सिंह

by हिंदी विवेक
in सामाजिक, सितम्बर २०१३
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महाराष्ट्र में और खासकर मुबंई में आज कल जो खास राजनैतिक समस्या है और राजनैतिक पार्टियों द्वारा इसे समय-समय पर उठाया भी जाता है वह है परप्रान्तियों की समस्या। मुबंई में बढती जनसंख्या भले लोगों की समस्या हो परन्तु इसी मुबंई में कुछ ऐसे भी उत्तर भारतीय व्यक्ति है जिन पर सम्पूर्ण मुंबई नाज करती है। ऐसे ही एक शख्सियत का नाम है ठाकुर अनिल सूरजनाथ सिंह। अनिल सिंह जी का जन्म 13 फरवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद के पोस्ट गजपुर के गांव बासपार में माता रमादेवी के कोख से हुआ। मुबंई विश्वविद्यालय से बी.कॉम. की शिक्षा ग्रहण की और उसके बाद भवन निर्माण तथा फिल्म निर्माण के व्यवसाय से जुड़ गये। किस्मत के धनी अनिल सिंह ने एक बार जिस क्षेत्र में प्रवेश किया फिर वहां से पीछे मुड़कर देखने का सवाल ही नहीं उठता है।

भवन निर्माण के द्वारा जहां लोगों के लिए रैन बसेरे का महान कार्य कर रहे हैंवहीं पर सामाजिक पृष्ठभूमि पर फिल्में बनाकर लोगों को एक पारिवारिक स्वस्थ मनोरंजन भी उपलब्ध करा रहे हैं। अनिल सिंह जी के व्यवसाय के व्यवसाय भले अलग-अलग तरीके के हों, परन्तु वे दोनों में बखूबी तारतम्य बनाकर चलते हैं। अनिल सिंह जी व्यवसायी होने के साथ साथ स्वयं को एक सामाजिक कार्यकर्ता भी मानते हैं और समाज में होने वाली सभी गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। अनिल सिंह जी माया नगरी मुंबई से जुड़े तो हैं ही, अपनी जन्मभूमि से भी उनका लगाव और जुड़ाव आज भी उतना ही है जितना बचपन में था। अनिल सिंह जी ने श्रीमती रमादेवी एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित डिग्री कॉलेज का साढ़े तीन करोड़ रूपये की लागत से निर्माण करवाया है। इसके अतिरिक्त वहां पर अनेक सामाजिक गतिविधियों में उनका सहयोग एवं योगदान हमेशा रहता है। अनिल सिंह जी स्वभाव से मृदुभाषी तथा मिलनसार प्रवृत्ति के हैं।

अनिल सिंह जी के यहां सहयोग की अपेक्षा लेकर गया खाली हाथ नहीं लौटता है। आप अपने समाज के विकास के लिए हमेशा कटिबद्ध रहते हैं। समाज के प्रति उनकी लगनशीलता का नतीजा है कि उन्हें महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण जी ने मुंबई के विशिष्ट उत्तर भारतीय प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया है। उन्हें स्वर्गीय दिना बामा पाटिल प्रतिष्ठान द्वारा भी सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। आपकी दो फिल्में इस समय देशभर में दिखाई जा रही हैं। जिनमें पहली है ‘सत्यमेव जयते’ तथा दूसरी है ‘हवा में उड़ता जाये लाल दुपट्टा मलमल का’। अनिल सिंह जी जैसे व्यक्तियों ने मुबंई के विकास में चार चांद लगाये हैं। ऐसे समाजप्रिय माटी के लाल अनिल सिंह जी को शत-शत प्रणाम।
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