ऐसे करें शनिदेव की पूजा, कभी नहीं होगी पैसों की कमी

शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे।
केतवेयथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भवः।।  
शास्त्रों के अनुसार हिन्दू धर्म में कुल 33 करोड़ देवी देवता है और सभी देवी-देवताओं की अपनी अपनी मान्यता है लेकिन इनमें से  शनिदेव का विशेष प्रभाव आज भी देखने को मिलता है। शनिदेव की कृपा से आप का जीवन सुखमन और धन धान्य हो सकता है लेकिन अगर उनकी कुदृष्टि आप पर पड़ जाए तो आप का अनिष्ट होने से भी कोई नहीं रोक सकता है। शनिदेव की पूजा-पाठ के नियम भी बहुत कड़े है अगर इनकी पूजा में कोई भी त्रुटि होती है तो उसका भी नकारात्मक प्रभाव आप के जीवन पर पड़ने लगता है इसलिए ही बहुत से लोग शनिदेव की पूजा करने से डरते है उन्हे इस बात का डर होता है कि अगर पूजा विधि में कोई त्रुटि होती है तो उसका गलत प्रभाव उनके जीवन पर पड़ने लगेगा। 
 
धर्म गुरुओं की ऐसी मान्यता है कि शनिदेव के प्रभाव से बिगड़े काम भी बन जाते है। अगर आप के जीवन में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है आप व्यापार, नौकरी, निजी जीवन या फिर पैसों की कमी से परेशान है तो आप को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए जिसके बाद आप के यह सभी काम अपने आप सही हो जायेंगे। शनिदेव को प्रसन्न किये बिना विवाह और संतान सुख की प्राप्ति भी मुश्किल होती है अगर आप इन दोनों समस्याओं से परेशान है तो आप को भी शनिदेव की आराधना करनी चाहिए। 
 

 

शनिदेव की पूजा-पाठ विधि
शनिदेव की पूजा करने से पहले यह समझ लें कि आप किस लिए पूजा कर रहे हैं यानी कि आप किस तरह के कष्ट से निवारण चाहते है उसके आधार पर पूजा अलग अलग होती है। अगर आप सिर्फ शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते है और अपने जीवन में धनों की वर्षा करना चाहते है तो आप सुबह सूर्योदय से पहले अपने नित्य क्रिया और स्नान से निवृत्त हो जाए। अब आप स्वच्छ कपड़े पहने अगर आप के पास हो तो काले वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में तेल का दीपक जलाएं अगर आसपास पीपल या शमी का पेड़ हो तो वहां पर भी एक दीपक जलाएं। शनिदेव की पूजा शुरू करने से पहले गणेश भगवान की आरती करें और फिर शनिदेव की आरती करें। पूजा के दौरान शिवजी व हनुमान जी को फल और फूल चढ़ाना ना भूलें। भगवान शनि की पूजा सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए और दीपक जलाते में सरसो या फिर तिल के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। शनिवार को शनिदेव को तेल का स्नान कराएं। शनिदेव को काली उड़द की खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। 
घर में क्यों नहीं होती शनिदेव की मूर्ति
आप ने यह तो जरुर नोटिस किया होगा कि किसी के घर में शनिदेव की मूर्ति नहीं होती है। शनिदेव की मूर्ति सिर्फ घर के बाहर और मंदिरों में देखने को मिलती है। धर्म गुरुओं का कहना है कि शनिदेव को ऐसा श्राप मिला है कि उनकी नजर जिस पर हमेशा पड़ेगी उसका अनिष्ट हो जायेगा इसलिए ही उनको किसी के घर में विराजमान नहीं किया जाता है। मतलब आप को शनिदेव की पूजा करनी है लेकिन उन्हे घर के अंदर नहीं लाना है। 
अगर पंडित जी किसी से यह कह दें कि आप पर शनि की दशा खराब चल रही है तो समझों उसे दिन में ही तारे नजर आ जाते है आप इस बात से यह समझ सकते है कि शनिदेव के प्रभाव कितना खतरनाक है। सभी के लिए यह बेहद ही लाभदायक होगा कि आप हर शनिवार शनिदेव की पूजा करें और व्रत करें। शनिवार के व्रत आप कभी भी शुरू कर सकते है लेकिन अगर इसका शुभारंभ श्रावण मास से करते है तो यह ज्यादा लाभदायक माना जाता है। शनिवार को शनिदेव की पूजा के दौरान उनका मंत्र बोलना कभी ना भूले। पूजा के दौरान आप मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करें। शनिदेव के खुश रखने पर आप तन, मन और धन तीनों से सुखी रहेंगे।   
 
शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे।
केतवेयथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भवः।।  

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