हमारे देश का यह दुर्भाग्य ही है कि अगर कोई हिन्दू कट्टरता की बात करता है तो उसे समाज एक दोषी या गुंडे के रूप में देखता है और डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानन्द सरस्वती अपने इन्ही कट्टर हिन्दू विचारों की वजह से चर्चा में रहते है। हालांकि उनका कहना गलत नहीं होता है। भारत देश सभी धर्मों के मानने वालों का देश है सभी अपने धर्म को मानते है और उसका प्रचार करते हैं। इसके कुछ ऐसे भी धर्म वाले हैं जो अपने प्रचार के समय बाकी धर्मों को कमजोर और गलत बताते है जबकि हिन्दू धर्म में ऐसा कहीं पर नहीं होता है। सनातन धर्म में सिर्फ भगवान को पूजना सिखाया जाता है और यति नरसिंहानन्द सरस्वती भी ऐसा ही कुछ कहते और करते हैं।
यति नरसिंहानन्द सरस्वती की बात कुछ खास समुदाय के लोगों को अच्छी नहीं लगती है शायद इसलिए ही उन पर बार बार हमले की बात कही जाती है लेकिन मंगलवार को इस काम को अंजाम भी दे दिया गया और सुबह करीब 4 बजे यति नरसिंहानन्द सरस्वती के सहयोगी पर चाकू से हमला किया गया जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गये। मंदिर की तरफ से बताया गया कि बिहार से स्वामी नरेशानंद सरस्वती गाजियाबाद में किसी विशेष काम से आये हुए थे जिसके बाद उनके रुकने का प्रबंध डासना मंदिर में किया गया था जहां मंगलवार रात में करीब 4 बजे उन पर चाकू से हमला किया गया। घटना के बाद उन्हें गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गाजियाबाद पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। मंदिर में लगा सीसीटीवी भी खराब बताया जा रहा है जिससे आरोपियों को पकड़ने में परेशानी हो रही है।
यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने बताया कि इससे पहले भी उन पर हमले हुए है लेकिन पुलिस की तरफ से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं नजर आ रही है। हमले के बाद यति नरसिंहानन्द सरस्वती को पुलिस सुरक्षा मिली हुई है लेकिन उसके बावजूद भी आरोपियों ने मंदिर परिसर में साधुओं पर हमला किया। नरसिंहानन्द जी ने कहा कि यह हमला उन्हें की लक्ष्य बना कर किया गया था लेकिन भगवा वस्त्र में उन्हे पहचान नहीं हो सकी और उन्होंने नरेशानंद जी पर हमला कर दिया। जिस समय हमला हुआ यति नरसिंहानन्द सरस्वती बगल के कमरे में सोये हुए थे। पुलिस या मंदिर के लोगों को अभी तक यह पता नहीं है कि किस ने हमला किया था।
इससे पहले मंदिर उस समय विवाद में आया था जब एक मुस्लिम लड़के की पिटाई की गयी थी। उस समय सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद पुलिस ने खुद से संज्ञान लेते हुए मंदिर के दो पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन अब मंदिर पुजारी पर हमले के बाद अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।