हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
अफगानिस्तान : महिलाओं के मिनी स्कर्ट से बुर्का तक की कहानी

अफगानिस्तान : महिलाओं के मिनी स्कर्ट से बुर्का तक की कहानी

by हिंदी विवेक
in देश-विदेश, महिला, विशेष, सामाजिक
0
तालिबान का कब्जा करीब पूरे अफगानिस्तान पर हो चुका है और यह पूरी दुनिया देख रही है। तालिबानी हुकूमत में क्या क्या बदलने वाला है उसके कयास भी लगाए जा रहे है क्योंकि यह सभी को पता है कि तालिबान इस्लामिक राष्ट्र के तर्ज पर कानून बनाने वाला है और शरीया कानून महिलाओं पर बहुत ही सख्त पहरा लगाता है। इसमें पुरुषों को खुली छूट मिल जाती है जबकि महिलाओं को एक तरह से कैद कर लिया जाता है। हालांकि तालिबान की तरफ से अभी तक यह कहा गया है कि वह महिलाओं को भी छूट देगा लेकिन तालिबान से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह महिलाओं को मिनी स्कर्ट पहनने की इजाजत देगा। 
अफगानिस्तान पर जब से तालिबान ने कब्जा किया तभी से सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है इन तस्वीरों में कुछ लड़कियां शार्ट कपड़ों में घूमती नजर आ रही है इसे देखकर लोगों का कहना है कि अब ऐसा वाला अफगानिस्तान कभी देखने को नहीं मिलेगा। इन तस्वीरों को शेयर करने वाले का कहना है कि अफगानिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र होने के बाद भी बहुत हद तक पश्चिमी सभ्यता को मानता था। 70 के दशक में महिलाएं अपने खुले विचारों की वजह से नौकरी, छोटे कपड़े और बाहर घूमने व खाने के लिए स्वतंत्र थी लेकिन 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन की याद आते महिलाओं की रूह कांप जाती है क्योंकि इस दौरान पुरूषों को दाढ़ी बढ़ाना और महिलाओं को बुर्का पहनना अनिवार्य था। अफगानिस्तान में चल रहे हालात एक बार फिर से इसी तरफ इशारा कर रहे है कि महिलाओं को फिर से बुर्के में कैद कर दिया जायेगा। 
अफगानिस्तान में 70 के दशक में कम्युनिस्ट सरकार थी जिसकी वजह से सभी को स्वतंत्रता मिली हुई थी अगर हम सिर्फ काबुल की बात करें तो वह लंदन या फिर पेरिस का अनुभव कराता था जबकि बाहरी इलाके में लोग इतने स्वतंत्र नहीं थे वहां महिलाएं बुर्के में ही नजर आती थी। काबुल में आदमी व महिलाएं ज्यादातर वेस्टर्न ड्रेस में नजर आते थे। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि उस समय वहां के हालात सामान्य थे और किसी पर भी कोई दबाव नहीं था। 
अफगानिस्तान में 1880-1901 के बीच में काफी सुधार हुआ था। उस समय के शासक अब्दुल रहमान खान ने महिलाओं के अधिकार को मजबूत किया और उन्हें तमाम रूढिवादी परंपरा से भी मुक्त किया। अब्दुल रहमान ने महिला के पति की मौत के बाद उसके भाई से निकाह की परंपरा को खत्म कर दिया और मृतक पति की संपत्ति में अधिकार भी दिलाया। महिलाओं को तलाक का अधिकार दिया और उनकी शादी की उम्र को भी बढ़ा दिया। इसके साथ ही अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकार में सुधार होता गया लेकिन फिर से तालिबानी कब्जे ने सब कुछ बदल कर रख दिया है और महिलाओं को फिर से बुर्के में कैद करने की कवायद शुरु हो गयी है।
तालिबान शरीया कानून के तहत जो कुछ भी करने जा रहा है या फिर कर रहा है वह सब 21वीं सदी के हिसाब से बिल्कुल गलत है और ऐसा होने की परमिशन कोई भी देश नहीं दे सकता है लेकिन अपने रूढ़िवादी विचारों की वजह से तालिबान ऐसा तुगलकी फरमान तैयार कर रहा है जहां महिलाओं पर सबसे पहले पाबंदी लगाई जाने की तैयारी चल रही है। विश्व के बाकी देशों में महिलाओं को आगे किया जा रहा है और उन्हें सेना से लेकर चंद्रमा तक भेजा जा रहा है जबकि तालिबान जैसे कुछ देश अभी भी महिलाओं को बुर्के में कैद करना चाहते है। 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: afghan womenburqahindi vivekhindi vivek magazinekabulselectivespecialsubectivetaliban

हिंदी विवेक

Next Post
तालिबान का कब्जा, पाक की जीत और भारत की हार कैसे हुई?

तालिबान का कब्जा, पाक की जीत और भारत की हार कैसे हुई?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0