हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
यह 1947 नहीं 2021 है, बंटवारे के बारे में सोचना भी नहीं- मोहनजी भागवत

यह 1947 नहीं 2021 है, बंटवारे के बारे में सोचना भी नहीं- मोहनजी भागवत

by हिंदी विवेक
in विशेष, संघ, सामाजिक
0
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ प्रमुख मोहनजी भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत का विभाजन कभी ना खत्म होने वाला दर्द है। यह तभी समाप्त होगा जब यह विभाजन पूरी तरह से निरस्त किया जाए। नोएडा में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि जब देश का विभाजन हुआ तब बड़ी संख्या में मानवता की बलि दी गयी थी जिसका दर्द अभी भी लोगों के दिलो में है। भारत का विभाजन उस समय इसलिए स्वीकार किया गया था क्योंकि खून की नदियां ना बह सके जबकि इसका ठीक उल्टा हुआ। संघ प्रमुख ने कहा कि भारत का विभाजन उस समय की परिस्थिति से ज्यादा इस्लाम और ब्रिटिश आक्रमण का परिणाम था। 
श्री मोहनजी भागवत ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि विभाजन को लेकर तमाम मतभेद थे लेकिन अंत में यही फैसला हुआ कि देश का दो हिस्सों में विभाजन होना ही देशहित में होगा जबकि ऐसा नहीं हुआ। विभाजन के बाद भी खून की नदियां बही और आज तक बह रही है। विभाजन के बाद देश में भी दो मानसिकता के लोग हो चुके हैं जिससे समय समय पर विरोध के स्वर देश में ही सुनाई देते हैं। 
मोहनजी भागवत ने कहा कि बंटवारे के समय जिन्होंने भी अपनी पूजा पद्धति बदल ली है हमें उससे कोई परेशानी नहीं है अगर आप आज भी अपने घर वापसी करना चाहते हैं तो हम वापस लेने को तैयार हैं लेकिन अगर कोई मातृ भूमि के बंटवारे की बात करेगा तो यह सही नहीं है। मातृभूमि कोई प्रापर्टी नहीं है जिसे तोड़ा या फिर बेचा जा सके यह हमारी मां है जिसका कोई सौदा नहीं हो सकता है। 
 
कुछ लोग देश में गुंडई करने की कोशिश कर रहे हैं हम उन्हें प्यार से समझाने का काम कर रहे हैंं क्योंकि हम नहीं चाहते कि देश में किसी भी प्रकार का खराब माहौल बने, उनकी कुछ बातों को इसलिए मान लिया गया क्योंकि उन्हें दुखी नहीं करना था। लेकिन अब कुछ लोग बोल रहे हैं कि ‘हंस के लिया पाकिस्तान, लड़ कर लेंगे हिन्दुस्तान, तो हम आप को बतां दे कि यह 1447 नहीं है बल्कि यह 2021 ऐसा कुछ सोचना भी मत। भारत का विभाजन एक बार संभव हो गया लेकिन यह दोबारा कभी संभव नहीं होगा। हमारी मातृभूमि एक बार खून की होली खेल चुकी है अब यह दोबारा नहीं होगा।     
 
नोएडा में संघ प्रमुख ने लेखक कृष्णानंद सागर की किताब “विभाजन कालीन भारत के साक्षी” का विमोचन किया। इस दौरान और भी कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थी। कृष्णानंद सागर की किताब “विभाजन कालीन भारत के साक्षी” में उन लोगों के दर्द को साझा किया गया है जिन्होंने इसे आंखों से देखा है। भारत पाकिस्तान के इस बंटवारे में लाखों लोगों ने अपना बहुत कुछ खोया था उसमें से कुछ लोगों का साक्षात्कार इस किताब में लिखा गया है।  

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: dr mohan bhagvathindi vivekhindi vivek magazinekrishnanada sagarNagpurnoidarss

हिंदी विवेक

Next Post
नए वेरिएंट के साथ देश में फिर से लगेगा लॉकडाउन!

नए वेरिएंट के साथ देश में फिर से लगेगा लॉकडाउन!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0