गांधी, नेहरू के साथ नेता जी का भी है देश!

भारत को गांधी और नेहरू का देश कहा जाता रहा है लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में इसकी परिभाषा बदली नजर आ रही है। अहिंसा के पथ पर चलने वाले गांधी के देश में सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता भी थे लेकिन उन्हें प्रमुख विचारधारा से हमेशा अलग रखा गया और इसको लेकर ऐसा विवाद है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से उनके आपसी विवाद मतभेद थे इसलिए उन्हें आजादी के बाद कोई विशेष महत्व नहीं दिया गया लेकिन वर्तमान की मोदी सरकार नेता जी को अपना आराध्य मानकर चल रही है। मोदी सरकार के काल में हुआ सर्जिकल स्ट्राइक शायद नेता जी की ही प्रेरणा रही होगी? नेता जी पहले ऐसे भारतीय थे जिन्होंने अपनी खुद की सेना खड़ी की थी और अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था। ‘आजाद हिंद फौज’ के गठन के बाद उन्होंने अंग्रेजों से सीधे तौर पर युद्ध की घोषणा की थी लेकिन गांधी जी उनकी इस रणनीति के खिलाफ थे और वह अहिंसा के द्वारा देश को आजादी दिलाना चाहते थे जबकि नेता जी ने कहा था कि हमें आजादी भीख में नहीं चाहिए। 

हाल ही में नेता जी की 125वीं जयंती पर मोदी सरकार द्वारा इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया। दरअसल दो दिन पहले ही केंद्र सरकार की तरफ से यह ऐलान किया गया कि नेताजी के जन्मदिन पर इंडिया गेट परिसर में उनकी ग्रेनाइट प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा लेकिन जब तक यह प्रतिमा तैयार नहीं हो जाती है तब तक उस स्थान पर होलोग्राम प्रतिमा सभी को नजर आती रहेगी। अब इस स्थान पर नेता जी की प्रतिमा का अनावरण किया जायेगा। इंडिया गेट पर आने वाले लोग अब नेता जी के दर्शन कर उनसे प्रेरणा ले सकेंगे। 

केंद्र सरकार की तरफ से नेताजी को जन्मदिन पर प्रतिमा का अनावरण कर श्रद्धांजलि देने का काम किया गया लेकिन पीएम मोदी के एक बयान ने विरोधी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। पीएम ने अपने बयान में कहा कि देश के कई महापुरुषों के बलिदान की अनदेखी की गयी है और कुछ लोगों को ही देश का मसीहा बनाया गया जिसे अब बीजेपी सरकार सुधारने की कोशिश कर रही है। देश की आजादी में किसी एक परिवार या पार्टी का हाथ नहीं था बल्कि करोड़ों लोगों की मेहनत और बलिदान के बाद यह आजादी हमें नसीब हुई है फिर ऐसे में सभी योद्धाओं की वीरगाथा को जनता के सामने लाना होगा। नेता जी के परिवार के लोगों ने स्वागत किया और कहा कि यह नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।    

केंद्र सरकार के फैसलों पर अक्सर चुनावी फायदा लेने का आरोप लगता रहता है लेकिन इस बार नेता जी की प्रतिमा ऐसे समय में लगाई जा रही है जब पश्चिम बंगाल का चुनाव खत्म हो चुका है और उत्तर प्रदेश सहित बाकी राज्यों में नेता जी के नाम पर वोट का गणित ना ही बनता है और ना ही बिगड़ता है लेकिन मोदी द्वारा यह कहना है कि इस देश में सिर्फ कुछ लोगों को ही मसीहा बनाया गया और बाकी लोगों को नजरअंदाज किया गया यह कितना सही है? कांग्रेस ने करीब 70 सालों तक देश पर राज किया इस दौरान करीब लाखों योजनाएं, अस्पताल, सड़क और स्कूल खोले गए जिसमें अधिकतम योजनाओं को गांधी परिवार के नाम पर लांच किया गया जबकि देश में बलिदान देने वालों और महापुरुषों की कमी नहीं है फिर एक परिवार को देश का हीरो क्यों बनाया गया। 

Leave a Reply