योगी के शपथ ग्रहण समारोह का भव्य आयोजन

उत्तर प्रदेश में इतिहास रचने के बाद योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं यह तीन दशक में पहली बार होने जा रहा है जब कोई एक नेता लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहा है। उत्तर प्रदेश जनसंख्या और राजनीति दोनों ही मामलों में एक बड़ा राज्य है तो ऐसे में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का कार्यक्रम भी बड़ा होने वाला है। योगी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पीएम मोदी के भी शामिल होने की खबर है इसके साथ ही संत समाज भी बड़ी संख्या में भाग लेगा और कारोबार जगत की भी बड़ी हस्तियां इसमें शिरकत कर सकती है।

योगी का शपथ ग्रहण समारोह लखनऊ के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना इंटरनेशनल स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है जिसमें 12 राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। बाबा रामदेव सहित कई मंदिरों व मठों के महंत भी अपना आशीर्वाद देने आएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 49 कंपनियों को भी निमंत्रण पत्र भेजे गये है जिसमें टाटा, रिलायंस, अंबानी, महिंद्रा और बिड़ला ग्रुप के प्रमुख सदस्यों के शामिल होने की खबर है। अभी तक करीब 200 वीवीआईपी मेहमानों की सूची तैयार की जा चुकी है। शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेता अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, मायावती सहित सभी लोगों को आमंत्रित किया गया है।

मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह को देखकर ऐसा लगता है कि बीजेपी इसे ऐतिहासिक बनाने पर लगी हुई है। इस समारोह में सिर्फ 200 विशेष अतिथि आ रहे हैं तो इसकी सुरक्षा भी चाक चौबंद होगी। प्रशासन के मुताबिक 60 हजार की संख्या में हो सकती है लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के जोश को देखते हुए यह संख्या और भी अधिक हो सकती है। पूरे समारोह स्थल पर ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी। आसपास की ऊंची इमारतों पर सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे साथ ही जमीन पर एटीएस के कमांडो भी तैनात होंगे।

शपथ ग्रहण की तैयारी को लेकर लखनऊ को दुल्हन की तरह सजाने का काम भी शुरू हो चुका है। यहां करीब 130 चौराहों को सजाया जायेगा। अमौसी एयरपोर्ट से लेकर स्टेडियम तक और फिर वहां से बीजेपी कार्यालय तक की सड़कों को सजाया जा रहा है। समारोह में शामिल होने वाले सभी मेहमानों से यह भी आग्रह किया गया है कि वह अपनी कार पर पार्टी का झंडा लगाकर ही आएं।

बीजेपी ने एक बड़े अंतर से चुनाव जीत लिया है और मुख्यमंत्री पद के लिए योगी जी का नाम भी फाइनल हो चुका है जबकि बाकी मंत्रिमंडल को लेकर अभी भी बैठक जारी है। 2017 का चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा गया था जबकि 2022 का विधानसभा चुनाव बाबा बुल्डोजर यानी योगी जी के नाम पर लड़ा गया है इसलिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई संदेह नहीं है लेकिन इस बार उप-मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा इस पर चर्चा हो रही है।

दरअसल पिछली बार केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया था लेकिन इस बार केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार चुके हैं लेकिन पार्टी उन्हें बाहर नहीं करने के मूड में दिख रही है और एक बार फिर से उनका नाम उप-मुख्यमंत्री पद के लिए आगे किया जा रहा है। फिलहाल अभी तक बैठकों का दौर जारी है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर फिर से बैठक हुई है जहां मंत्रिमंडल को लेकर कुछ सहमति बनी है लेकिन वह अभी तक उजागर नहीं है।

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