‘हिंदुत्व’ राजनीति नहीं बल्कि जीने का विषय है…

हिंदुत्व कालविसंगत होने वाला तत्वज्ञान नहीं है, और न ही केवल चिंतन, विचार एवं जीवनशैली है. हिंदुत्व राजनीति या सामाजिकता का विषय नहीं है बल्कि हिंदुत्व जीने का विषय है. सा. विवेक द्वारा प्रकाशित हिंदुत्व ग्रन्थ हिन्दू विरोधियों के लिए नहीं अपितु स्वयं को हिन्दू बोलने वालों के लिए है. यह वक्तव्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने रविंद्र नाट्य मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित विमोचन समारोह के दौरान दिया. हिंदुत्व का वास्तविक अर्थ स्पष्ट करते हुए उन्होंने आगे कहा कि हिंदुत्व के विचार से ही वर्तमान भारत आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है.

हिंदुत्व में भूत, वर्तमान और भविष्य काल समाया हुआ है. हिंदुत्व आक्रामक नहीं है इसलिए पूरी दुनिया को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं हिंदुत्व की शक्ति बढ़ने से किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है. हिंदुत्व की बढ़ती शक्ति सभी के लिए संरक्षक है. विश्व को केवल अपनाना नहीं बल्कि ‘अपनत्व’ की भावना से अपनाना है. यही आज के भारत की आत्मीय भूमिका है. कोरोना काल की भारत की भूमिका, तुर्की को की गई सहायता या रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान किया गया मदद कार्य, आदि अनेक उदाहरण भारत का असली परिचय है इसलिए पूरे विश्व को ‘हिंदुत्व’ को समझना आवश्यक है.

सा. विवेक की कार्यकारी सम्पादक अश्विनी मयेकर ने विवेक समूह का विस्तार और प्रवास के बारे में जानकारी दी. हिंदुत्व ग्रन्थ में ५५ लेख और कुल १० खंडों में इसका विभाग किया गया है. कुल ४५८ पृष्ठ के इस ग्रन्थ की जानकरी हिंदुत्व ग्रन्थ के संपादक रविन्द्र गोले ने दी. कार्यक्रम के दौरान ही भैया जी जोशी के हाथों ‘विवेक प्रकाशन’ के नए वेबसाइट व लोगो (बोध चिन्ह) का प्रकाशन किया गया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्र द्वारा हिंदुत्व ग्रन्थ को शुभकामनाएं दी.

सा. विवेक के प्रधान सम्पादक दिलीप करंबेलकर, एमबीए नॉलेजवेयर लि. के व्यवस्थापकीय संचालक प्रकाश राणे, एस. एस. हायस्कूल (नवी मुंबई) के अध्यक्ष कमलेश पटेल आदि मान्यवर उपस्थित थे.

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१९४८ से सा. विवेक का स्तम्भ रहा ‘हिंदुत्व’ आज भी उसी तरह से विद्यमान है, उसमें कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. वर्तमान में रा. स्व. संघ एवं उनके विचारों की सहयोगी संस्था और हिंदुत्व के संदर्भ में स्वयं के विचार प्रस्तुत करने वाले विद्वान बुद्धिजीवी मंडली ऐसे दो गुट अस्तित्व में है. इसलिए हिंदुत्व की वास्तविक व्याख्या क्या है, इसे सही अर्थों में समझना आवश्यक है. हिंदुत्व एक जीवनशैली है, परिस्थिति अनुसार इसमें परिवर्तन होने पर भी उसके शाश्वत मूल्य विद्यमान है. हिंदुत्व अर्थात सामाजिक समरसता, सामाजिक सद्भाव, समन्वय और वैश्विक संकल्पना. हिंदुत्व के सोने के बर्तन को स्वच्छ करने का कार्य सा. विवेक ने इस ग्रन्थ से किया है.

–      पद्मश्री रमेश पतंगे,

अध्यक्ष, हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था

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प्रभु श्रीराम ने जिस तरह से हिन्दू धर्म का प्रसार किया उसे प्रत्येक व्यक्ति को समझना आवश्यक है. इस विचार को हमें आगे लेकर जाना है. सा. विवेक का हिंदुत्व ग्रन्थ प्रभु श्रीराम के हिंदुत्व को आगे लेकर जाने का कार्य कर रहा है. इसलिए इस तरह के ग्रन्थ का प्रकाशन होना वर्तमान समय की आवश्यकता है.

–      कृष्ण चैतन्य दास,

इस्कोन, सामाजिक कार्यकर्ता

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हिन्दुओं का मार्गदर्शन करनेवाला ग्रन्थ

‘हिंदुत्व’ यह एक ऐसा ज्वलंत शब्द है जिसने इतिहास का संज्ञान रखने वाले प्रत्येक के नस-नस में उफान ला दिया. सा. विवेक के हिंदुत्व ग्रन्थ द्वारा सत्य, करुणा व तपस्या के सही अर्थ से परिचित होंगे. रा. स्व. संघ के आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा हिंदुत्व के डाले गए बीज का आज वट वृक्ष में रूपांतरण हो गया है. ‘हिंदुत्व’ यह ग्रन्थ उसी का एक प्रतीक है. इस ग्रन्थ से समाज को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और आने वाले समय में निश्चित रूप से हिन्दुओं का मार्गदर्शन करने वाला आदर्श ग्रन्थ सिद्ध होगा.

–      मंगलप्रभात लोढ़ा

पर्यटन व महिला – बाल विकास मंत्री

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