मेकअप जादू की छड़ी है

आपको और आकर्षक व सुंदर रूप में प्रस्तुत करना मेकअप आर्टिस्ट का मूल काम है। भारत में यह विधा अब तेजी से बढ़ रही है, नए-नए लोग अब इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। मेकअप की दुनिया, उत्पाद, कक्षाओं आदि पर प्रसिद्ध मेकअपमैन  श्री भरत गोडाम्बे से हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश-

मेकअप क्या है और क्यों जरूरी है?

हमारे सौंदर्य को निखारने व आकर्षक दिखने हेतु आज मेकअप हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। मेकअप करने के बाद हर कोई बेहद सुंदर दिखने लगता है, जिससे उस व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ जाता है। मेकअप आज खूबसूरती की गारंटी है।  सगाई-शादी, समारोह, त्यौहार और अन्य विविध प्रकार के कार्यक्रमों के दौरान सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए मेकअप जरूरी हो गया है। इसके अलावा फिल्म, सीरियल, फोटोशूट, मॉडलिंग आदि में मेकअप बेहद जरूरी है। आज के युग में मेकअप का महत्व बढ़ता ही जा रहा है।

आजकल गृहणियां, ऑफिस जानेवाली लड़कियां-महिलाएं अपने साथ मेकअप किट जरूर रखती हैं। वे ऐसा क्या करें जिससे वे रोजाना सुंदर दिखें?

आपने बहुत ही अच्छा सवाल पूछा है। गृहणियां हों या ऑफिस जाने वाली लड़कियां, महिलाएं सभी को फैशनेबल, प्रेजेंटेबल लगना है। इसलिए वे अपने साथ स्टैंडर्ड मेकअप किट रखती हैं। उन्हें अच्छा दिखने हेतु मेकअप के साथ ही अपने बालों और पहनावे का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए।

एक सफल मेकअपमैन बनने के लिए कौन से गुण आवश्यक होते हैं?

मेकअप व हेयर करियर अब इतना व्यापक होता जा रहा है कि हर कोई इस क्षेत्र में आना चाहता है। मुझे ऐसा लगता है कि एक सफल मेकअपमैन बनने के लिए शिक्षा, आत्मविश्वास, स्मार्ट, साफ- सुथरा, समझदार और अपने कार्य के प्रति पूरी निष्ठा, समर्पण एवं निपुणता होनी चाहिए। इसके साथ ही देश-विदेश में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी होनी आवश्यक हैं। मीडिया के साथ मधुर व बेहतर सम्बंध भी जरूरी है।

आपने मेकअप आर्टिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत कैसे की?

एसएससी की परीक्षा देते ही मुझे नौकरी करनी थी, क्योंकि तब हमारी माली हालत ठीक नहीं थी। सो, स्वाभाविक है कि घर चलाने हेतु मुझे चार पैसे कमाने थे, तब मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। उषा हजारे नामक हेयर ड्रेसर्स हमारी चाल में ही रहती थीं, मैं उनके पास गया और उनसे कहा कि मुझे कोई भी नौकरी चाहिए, तब उन्होंने कहा की आप तो बचपन से ही अच्छे आर्टिस्ट हैं, आपके लिए आर्टिस्ट का फील्ड अच्छा रहेगा। मैं एक बड़े आदमी को जानती हूं, उनके साथ बात करती हूं लेकिन शुरुआत में पैसा नहीं मिलेगा। मैंने कहा ठीक है। इसके बाद उन्होंने मुझे पंडित दादा जी से मिलाया, जिसे सभी गुरूजी कहते थे। मेरी गुरूजी से बात हुई तब उन्होंने कहा कि कल से आ जाना और इस तरह मेरे करिअर की शुरुआत हुई। मैं स्वयं को बहुत ही सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे सही इंसान गुरूजी के रूप में मिले, जिसने मेरी दुनिया ही बदल दी।

कहते हैं कि जो अच्छा चित्रकार होता है वह मेकअप करने का सही मर्म जानता है?

हां, यह बात सत्य है। जिसे चित्रकारी आती है उसे मेकअप का काम करने में आसानी रहती है। केनवास पर जैसे पेंटर पेंटिंग करता है, चित्रकारी करता है, फीचर्स देता है, ठीक उसी प्रकार मेकअप में भी करना होता है। फेस आपका केनवास है, फेस पर जब आप मेकअप करते हैं तब प्लस पॉइंट एवं माइनस पॉइंट को ध्यान में रख कर काम करना होता है। जब मैं आठवीं में था तब से ही मैं ग्रीटिंग बनाने का कार्य करता था, इसके अलावा चित्रकारी भी मेरी अच्छी थी, मुझे अच्छे अंक भी मिलते थे। इसलिए मुझे भी मेकअप में सहायता मिली। बावजूद इसके यह जरुरी नहीं कि आपको चित्रकारी या पेंटिंग आनी ही चाहिए।

मेकअप को एक प्रकार से जादू भी कहा जाता है, जिसे लगाने के बाद चेहरा पूरी तरह से बदल जाता है। इस पर आपकी क्या राय है?

परफेक्ट व अच्छा आर्टिस्ट उसे ही कहते हैं जो चेहरा रूपी केनवास को बेहतरीन ढंग से निखार कर इतना सुंदर बना दें कि लोग बस सिर्फ तारीफ ही करते जाए। एक अच्छे आर्टिस्ट की यह खूबी होती है कि चेहरे के प्लस पॉइंट एवं माइनस पॉइंट का बारीकी से निरीक्षण करें। फिर माइनस पॉइंट को ध्यान में रख कर त्वचा के अनुरूप मेकअप करें, जिससे देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह जाए। किसी भी बदसूरत चेहरे को मेकअप द्वारा सुंदर बनाया जा सकता है, इसलिए कुछ लोग इसे जादू भी कहते हैं।

आप किसी मॉडल के साथ अपना व्यक्तिगत अनुभव बताइये जिसकी खूबसूरती निखारने में आपको प्रयोग करना पड़ा हो?

जी हा, मॉडलिंग जगत में बीते 20 वर्षों के कार्यकाल में ऐसा कई बार हुआ है जब मुझे प्रयोग करना पड़ा। ऐसा कई बार अनुभव में आया कि एकदम साधारण सामान्य सी दिखने वाली मॉडल पर मेकअप के जरिये जब प्रयोग किया गया और वह हेयर स्टाइल, ड्रेसिंग के साथ पूरी तरह से तैयार हो कर लाइट-कैमरे के सामने आई तब सभी आश्चर्यचकित रह गए। लोग चर्चा करते रहते थे कि एकदम साधारण दिखने वाली अब किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही।

मेकअप के सौंदर्य प्रसाधनों में तब से अब तक में कितना बदलाव आया है?

30 वर्ष पूर्व जब मैं इस क्षेत्र में आया था तब भारत में आधुनिक सौंदर्य प्रसाधन उपलब्ध नहीं थे। हमें विदेशों से मेकअप के सारे सामान मंगवाने पड़ते थे। विदेशी मेकअप प्रोडक्ट वहां के लोगों के अनुसार बनाए जाते थे, जिससे हमें मिक्स एण्ड मैच करने में दिक्क़तें आती थीं। शेड बनाने हेतु हमें हाथों का प्रयोग करना पड़ता था। आज के समय में मेकअप आर्टिस्ट को यह सब नहीं करना पड़ता। उन्हें सारे प्रोडक्ट रेडीमेड मिल जाते हैं, जिससे मेकअप करने में आसानी होती है। पहले से बहुत अधिक बदलाव आया है। आज सहजता से सभी प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन यहां उपलब्ध हैं।

उस समय कठोर साधना कर के आपने जो मेकअप की बारीकियां सीखीं क्या आज भी वे प्रासंगिक हैं?

बिलकुल है। उसी साधना का फल है कि आज मैं क्लासेस चला रहा हूं और स्टूडेंट्स को सिर्फ एक से डेढ़ महीने में सिंपल ब्यूटीफूल मेकअप की सारी बारीकियों सहित ‘मेकअप आर्टिस्ट’ का सम्पूर्ण कोर्स पूरा कर पा रहा हूं। जिस कोर्स को सीखने में कई -कई वर्ष बीत जाते थे उसे महज महीनों में पूरा करने का जो सामर्थ्य मुझ में आया है वह मेरे गुरूजी द्वारा सिखाई गई विद्या से ही संभव हो पाया है। इसलिए उस समय सीखी हुई मेकअप की बारीकियां मेरे लिए सदैव प्रासंगिक रहेंगी।

आपके कार्यकाल के दौरान कुछ ऐसा अनुभव बताइये जिससे आप सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?

शुरूआती दिनों की बात है जब मैं मेकअप सीखने के दौरान ही मेकअप किया करता था तो कुछ कमियां रह जाती थीं। मुझे बहुत ख़राब लगता था और डर भी लगता था कि कहीं मेरी कोई शिकायत न कर दें। धीरे -धीरे समयानुसार सब कुछ अच्छा होता गया। उन गलतियों से सीख कर और स्वयं में सुधार कर मैं सतत आगे बढ़ता गया। जब मुझे दिलीप कुमार के मेकअप के लिए बुलाया गया तो मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। क्रांति एवं कर्मा फिल्मों के दौरान दिलीप कुमार का मेकअप करने का मुझे सौभाग्य मिला, जो मेरा बड़ा अनुभव था। जिससे मैं बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ।

ऐसे प्रमुख 5 फ़िल्मी हस्तियों का नाम बताइए जिनका मेकअप करके आपको प्रसन्नता हुई?

मशहूर एक्टर दिलीप कुमार, सुनील दत्त, धक-धक गर्ल के नाम से मशहूर माधुरी दीक्षित, विश्व सुंदरी ऐश्वर्या राय एवं सुश्मिता सेन का मेकअप करना अच्छा लगा। इसके अलावा संजय दत्त, मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण का मेकअप कर के भी मुझे प्रसन्नता हुई। वैसे मैं बता दूं कि हमारे कर्तव्य के अनुसार हर किसी का मेकअप करने में हमें प्रसन्नता होती है।

आपने खुद का मेकअप प्रोडक्ट लॉन्च किया है। सौंदर्य प्रसाधन बनाने एवं इस व्यवसाय में कदम रखने का क्या उद्देश्य है?

जैसा कि मैंने आपको पूर्व में बताया कि स्टेंडर्ड मेकअप प्रोडक्ट हमें विदेशों से मंगवाने पड़ते थे। ये प्रोडक्ट विदेशियों के स्किन अनुसार बनाए जाते थे, जिससे भारतीय लोगों की त्वचा पर वे मैच नहीं होते थे। इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर मैं अमेरिका गया और वहां से सीख कर भारतीय लोगों के लिए विशेषतः स्टेंडर्ड मेकअप प्रोडक्ट को मैंने भारत में ’भारत एण्डोरीज’ नामक कम्पनी के रूप में स्थापित किया। ऑनलाइन के जरिये हमारा व्यापार बढ़ता ही जा रहा है।

मेकअप आर्ट क्लासेस शुरू करने का क्या उद्देश्य था और इस क्लासेस की विशेषता  क्या है?

मेकअप आर्टिस्ट के क्षेत्र में शुरुआत करने के लगभग 12 से 15 वर्षों के दरम्यान जिन कठिनाइयों -परेशानियों व चुनौतियों का  मैंने सामना किया और केवल मेकअप कला को सीखने में कई वर्षों का समय गंवाया था, वैसी परेशानी अन्य लोगों को न उठानी पड़े, इस क्षेत्र में आने वाले लोग कम समय में मेकअप आर्टिस्ट बन जाए इस उद्देश्य से उक्त क्लासेस की शुरुआत की गई। इसके अलावा इस क्लासेस की विशेषता यह है कि छात्रों को केवल एक से डेढ़ माह में पूरी तरह से हम मेकअप आर्टिस्ट की सभी विधाओं में पारंगत बना देते हैं। भारत के मेकअप आर्टिस्ट सबसे बेहतर व विश्व स्तरीय बने यही हमारी चाहत है। अब तक हमने भारत समेत अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्रिटेन, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश आदि देशों के छात्रों को मेकअप आर्टिस्ट की कला सिखाई है। वर्ष 2000 से इस क्लासेस की शुरुआत हुई थी, तब केवल वर्ष में दो बार ही कोर्स सिखाया जाता था, लेकिन अब बीते 10 वर्षों से नियमित क्लासेस चालू है। हम छात्रों को सबसे सुंदर -खूबसूरत व बेहतर मेकअप सीखने की गारंटी देते हैं। इसके अलावा निरंतर सेमिनार, फैशन शो, आदि कार्यक्रम करते रहते हैं। जिससे  हमारा प्रचार – प्रसार भी हो जाता है और हमारी वेबसाइट, ईमेल एवं सम्पर्क नंबर के जरिये लोग जुड़ते जाते हैं।

 

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