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देश 180 डिग्री बदल चुका है

देश 180 डिग्री बदल चुका है

by अमोल पेडणेकर
in दिसंबर २०१८, राजनीति, सामाजिक
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2014 व 2019 के बीच हम बहुत चल चुके हैं। विकास की नैया ने रफ्तार पकड़ ली है। इसलिए नरेंद्र मोदी की सिर्फ और सिर्फ आलोचना के बल पर कांग्रेस या अन्य विपक्षी दल मैदान में टिक नहीं पाएंगे। स्वयं नरेन्द्र मोदी यह घोषणा कर चुके हैं कि चार सालों मे भारत में 180 डिग्री परिवर्तन आया हैं। भाजपा नीत मोदी सरकार के ईमानदार प्रयासों को जनता बारीकी से देख रही है और वही भाजपा को 2019 में आश्चर्यजनक जीत दिलाएगी।

2019 के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं। ये चुनाव पिछले 2014 के चुनावों से कुछ भिन्न होंगे। भिन्न इसलिए कि दोनों चुनावों के दरमियान बहुत कुछ बदला है। याद करें कि 2014 में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रति जनता में कितना आक्रोश था। क्या ऐसा कोई आक्रोश अब भाजपा के प्रति दिखाई देता है? ‘ना’ यही इसका सामान्य उत्तर है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के प्रति जनभावनाओं में आया यह सब से बड़ा और मार्के का बदलाव है।

इस अंतर पर गौर करें तो 2014 की तुलना में 2019 के चुनाव भाजपा के लिए खुशखबरी लेकर ही आने वाले हैं। दूसरा और एक मुद्दा गौरतलब है। महंगाई हमारे हर चुनाव में बड़ा मुद्दा रही है। लेकिन, 2019 के चुनाव में यह कोई मुद्दा ही नहीं बनेगा। विरोधी खेमा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में उफान पर आस लगाए बैठा है।  परंतु, कांग्रेस का दुर्भाग्य है कि पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में उछाल को जनता नजरअंदाज कर रही है। अतः न महंगाई, न पेट्रो दामों में उछाल अब चुनावी मुद्दा बनता नजर आ रहा है। मोदी सरकार के पिछले सवा चार वर्षों के भरसक कार्यों का यह नतीजा है। जनसामान्य में सरकार के प्रति एक तरह के विश्वास का माहौल पैदा हुआ है। जनता और सरकार के बीच सौहार्द का ऐसा माहौल बहुत कम दिखाई देता है। इसका प्रतिफल 2019 में तो अवश्य ही मिलेगा।

2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी को मिले जनादेश ने सभी विरोधी दलों को अचंभित कर दिया था। कांग्रेस समझ नहीं पा रही थी कि, भाजपा को अपने बलबूते 282 और एनडीए को 334 सीटें कैसे मिलीं। देश की जनता ने अकेले भाजपा को ही इतना समर्थन दे दिया था कि वह बिना किसी सहयोग के भी अपनी सरकार बना सकती थी। फिर भी, उसने एनडीए के अपने साथियों को अपने साथ रखने का गठबंधन-धर्म निभाया। इससे भी दलगत स्तर पर विश्वास का वातावरण बना है।

जनता और दलगत स्तर पर बने इस माहौल को कांग्रेस और अन्य बिगाड़ने पर तुले हुए हैं। इसका नमूना है कांग्रेसी सांसद शशि थरूर का संघ और मोदी के बीच खाई निर्माण करने का बचकाना बयान। थरूर ने संघ के किसी तथाकथित सूत्र के हवाले से कहा है कि, ‘नरेंद्र मोदी शंकर की पिंडी पर बैठा बिच्छू है, जिसे हम न हाथ से हटा पाते हैं और न चप्पल से मार सकते हैं।’ संघ के कार्यों से अनभिज्ञ ही ऐसी बात कह सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसी बातों को कोई अहमियत नहीं देता। शशि थरूर व्यक्तिगत तौर पर चाहे जो अंटशंट सोच सकते हैं। उनकी सोच उन्हें ही लखलाभ। संघ का उससे कोई लेनादेना नहीं है। वैसे राजनीति का अलिखित नियम ही है कि चूंकि विपक्ष में हैं इसलिए सत्तारूढ़ दल के बारे में कभी अच्छी बात नहीं कहनी चाहिए। सत्तासीन की खाल खींचने के लिए विपक्षी खेमा सदा किसी न किसी सनसनीपूर्ण बात की ताक में रहता है। कई बार तो आव देखा न ताव कुछ भी कह दिया जाता है। शशि थरूर तो ऐसी बयानबाजी के लिए मशहूर हैं। उनकी धुप्पल देखिए, ‘मोदी सरकार दुबारा चुनी गई तो भारत ‘हिंदू पाकिस्तान’ हो जाएगा।’ लगता है, अकेले शशि थरूर ही नहीं, अन्य कांग्रेसी नेताओं की जबान भी फिसड्डी हो गई हैं। ये नेता या तो बौखला गए हैं, या वे भारतीय जनमानस का सही आकलन नहीं कर पा रहे हैं।

2014 के  चुनाव के पहले कांग्रेस, समाजवादी पार्टी बसपा और विरोधी खेमे के बड़े-बड़े नेता विश्वास के साथ कहते थे कि भाजपा नहीं जीतेगी। किसी भी सूरत में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। नरेंद्र मोदी के लिए उन्होंने असंसदीय भाषा तक का भरपूर उपयोग किया। बावजूद इसके नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के दावेदार बने। तब कपिल सिब्बल ने कहा था, ‘मोदी प्रधानमंत्री बने तो प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम हो जाएगी।’ लेकिन, आज प्रत्यक्ष में हम जब मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी की तुलना करते हैं तो दिखाई देता है कि नरेंद्र मोदी ने केवल भारत में ही नहीं, संपूर्ण विश्व में भारत की और प्रधानमंत्री पद की गरिमा बढ़ाई हैं।

एक अन्य बड़बोले और अखबारों की सुर्खियों में छा जाने वाले नेता हैं मणिशंकर अय्यर। उन्होंने कहा था, ‘चाय बेचने वाला कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता, उसको चाय बेचने के लिए जगह तो हम कांग्रेस वाले दे सकते हैं।’ मोदी को केंद्र में रख कर भाजपा ने जो प्रचार किया उसका भी कांग्रेस ने बार-बार मजाक उड़ाया। लेकिन, मुद्दे की बात यह है कि, मोदी पर उलजलूल आरोप करने और मजाक उड़ाने की कांग्रेस की रणनीति के कारण ही मोदी का नाम चमकता रहा। मोदी को ‘मौत का सौदागर’, ‘चाय वाला’ ‘मोदी प्रधानमंत्री बने तो प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम होगी’ आदि तीर-तुक्के छोड़ कर उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया गया।

मोदी की जितनी आलोचना की गई, उतनी ही जनता के मन में मोदी के प्रति उत्सुकता बढ़ गई। मोदी कैसे व्यक्ति हैं? गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने कौन से विकास कार्य किए हैं? इसे लोग  जानना चाहते थे। धीरे-धीरे मोदी के गुजरात में किए गए विकास कार्यों की जानकारी पूरे देश को होने लगी। नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास का अपना पक्ष प्रभावी ढंग से संपूर्ण देश के सम्मुख रखा। पूरे देश को तब पता चला कि मोदी ने लगातार तीन बार जीत कर गुजरात का किस तरह विकास किया। भारतीय जनता पार्टी ने उनकी संगठन क्षमता देखी, उनके असाधारण वक्तृत्व देखा और उन्हें प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया।

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने में जिस तरह उनके विकास कार्य का योगदान है, उसी तरह नरेंद्र मोदी के प्रति सम्पूर्ण देश में उत्सुकता निर्माण करने का श्रेय कांग्रेस को है। यह कहने में भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि नरेंद्र मोदी को केंद्र में लाने और मोदी का नाम प्रचारित करने में सब से बड़ी भूमिका तो कांग्रेस की ही रही है। नरेंद्र मोदी की आलोचना के कारण ही वे जनचर्चा का विषय बन गए। 2014 के चुनाव के दरमियान नरेंद्र मोदी के संदर्भ में एक प्रश्न उठाया गया था कि, क्या नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो भारत की छवि (आइडिया ऑफ इंडिया) कायम रहेगी? भाजपा के बारे में भी यही प्रश्न बार-बार उठाया जाता था। नरेंद्र मोदी सरकार ने सिद्ध कर दिया है किस तरह सब को, देश के हर वर्ग को और  हर क्षेत्र को साथ लेकर विकास कार्य सम्पन्न हो सकता है। इस कारण कांग्रेस का यह सवाल यूं ही व्यर्थ हो गया। देश की जनता इस बात को जानती है।

नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद भी कहा था कि, ‘मैं तो अपने लिए कुछ नहीं करूंगा, न किसी से बदला लेने की नीयत से व्यवहार करूंगा।’ उनका यह आश्वासन विरोधियों के  लिए भी था, पूरे देश के लिए भी था। नरेंद्र मोदी देश के विकास और सुशासन के लिए सबसे सहयोग से इच्छुक थे। परंतु, विरोधी खेमा नरेंद्र मोदी की आलोचना में ही मशगूल रहा। नरेंद्र  मोदी सवा चार वर्षों में ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र लेकर काम करते रहे। अब तक 18,000 से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचाने का कार्य मोदी सरकार ने किया है। इन 18,000 में से पंद्रह हजार से ज्यादा गांव पूर्व भारत में हैं। कांग्रेस के राज में पूर्व भारत उनके ‘वोट बैंक’ की राजनीति में फिट नहीं बैठा था। इस कारण पूर्व भारत को कांग्रेस ने साठ साल की राजनीति में वंचित ही रखा था। नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व भारत में सिर्फ बिजली पहुंचाई ऐसा नहीं है, पूर्व भारत को देश से जोड़ने की कनेक्टिविटी के हर मार्ग पर तेज गति से काम किया है। इसका प्रभाव आज सारा देश देख रहा हैं।

कांग्रेस के साठ साल के शासन में गरीबों के नाम पर बैंकों का सिर्फ राष्ट्रीयकरण हुआ; लेकिन बैंक के दरवाजे गरीबों के लिए कभी खुले नहीं। मोदी सरकार में 32 करोड़ जनधन खाते खोलने का काम किया है। उज्ज्वला योजना से करोड़ों गरीब माता-बहनों को धुंआमुक्त जिंदगी, बेहतर स्वास्थ्य देकर उनमें विश्वास जगाने का काम मोदी सरकार ने किया है। यही माता- बहनें जो कांग्रेस के कार्यकाल में 9 सिलेंडर या 12 सिलेंडर इस चर्चा में खोई रहती थीं। 80,000 करोड़ रुपयों से ज्यादा खर्च करके बरसों से अटकी हुई 99 सिंचाई योजनाओं को पूरा करने का काम किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों के मन में विश्वास निर्माण करने का काम किया है। कांग्रेस के कार्यकाल में एलईडी बल्ब 330 से 400 रुपये में बिकता था, आज वही एलईडी 40 से 45 रुपए तक पहुंच गया है। देश के सैकड़ों गांवों, प्रमुख शहरों की सड़कों पर एलईडी  बल्ब  लग चुके हैं। इस कारण नगरपालिकाओं के खर्च में बड़ी बचत हो रही है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने काले धन के खिलाफ बड़ी मुहीम  छेड़ी है। काले धन से देश को बचाने के लिए मोदी सरकार ने जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है उसके कारण 90 हजार करोड़ रुपये बचाने का काम हुआ है। ढाई लाख से ज्यादा नकली कंपनियां सील कर दी गई हैं। सवा दो लाख से ज्यादा नकली कंपनियां आज भी सरकार की नजर में हैं। आने वाले दिनों में उनको भी ताले लगने की संभावना है।

भारतीय सेना देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने का जज्बा रखती है, उस सेना के  पराक्रम की सराहना करने का ब़ड़प्पन कांग्रेस में नहीं है। इसी कारण कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कह कर सेना को अपमानित करने का काम कर रही है। देश की जनता कभी भी उन्हें माफ नहीं करेगी।

कांग्रेस अफवाहें उड़ाने, झूठ फैलाने, झूठ को प्रचारित करने के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग कर रही है। कांग्रेस और विरोधी खेमे के लोग प्रचारित कर रहे हैं कि भाजपा आरक्षण खत्म कर देगी, दलितों पर अत्याचार रोकने वाला कानून खत्म करेगी इत्यादि। इन बातों से लेकर गुजरात में उत्तर भारतीयों के खिलाफ नफरत की भावना फैलाने का काम ये लोग जोरशोर से कर रहे हैं। कांग्रेस की राजनीति दलितों, पीड़ितों, शोषितों, वंचितों और गरीबों को भावनात्मक ब्लैकमेल करने की है। कांग्रेस कामगार, किसान, दलित के दुखों की चिंता किए बिना, उनकी समस्याओं के समाधान की चिंता किए बिना, देश में अराजकता फैला कर चुनाव जीतने का शॉर्टकट ढूंढने का प्रयास कर रही है। रफायल विवाद को छेड़ कर सत्य को रौंदा जा रहा है। बार-बार चीख-चीख कर देश को गुमराह करने का प्रयास हो रहा है। देश की सुरक्षा से जुड़े हुए विषयों पर इस प्रकार का घिनौना खेल कांग्रेस कर रही है। पर यह खेल खेलने वाली कांग्रेस को भारतीय जनता कभी माफ नहीं करेगी।

नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो स्वतंत्रता के बाद जन्मे हैं। शायद इसी कारण आज की समस्या को ठीक तरह से समझ रहे हैं। देश की जनता से संवाद स्थापित करने का, उनके मन में विश्वास निर्माण करने का काम नरेंद्र मोदी अपने विकास कार्यों से कर रहे हैं। इसके विपरीत राहुल गांधी परिवार के बलिदान की दुहाई दे रहे हैं। हिंदुओं के धर्माचार्य को दिवाली के दिन जेल में डालने वाले कांग्रेसी, आज वोटों के लिए मंदिर जा रहे हैं। अपने आप को जनेउधारी हिंदू कह रहे हैं। यह कांग्रेस की चालाकी न समझे इतनी देश की जनता नासमझ नहीं है। हां, कांग्रेस की इस नौटंकी से देश की जनता अपना मनोरंजन जरूर करवा रही है।

देश की जनता को कांग्रेस का यह नकारात्मक चेहरा देखने का अवसर मिला है। देश के विकास के प्रति कांग्रेस नकारात्मक भाव है। देशहित छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ मोदी विरोध की राजनीति कांग्रेस कर रही है। नकारात्मक राजनीति ने मोदी विरोधी कांग्रेस और विपक्ष खेमे को घेर रखा है। उन सब का चेहरा खुल कर जनता के सामने आ रहा है। कांग्रेस का एक ही मंत्र है, या तो सत्ता में हम रहेंगे, नहीं रहे तो देश को फिर अस्थिर कर देंगे। देश में अफवाहों का साम्राज्य रहेगा। देश का युवा, चाहे सवर्ण हो, दलित हो, मुसलमान हो इन सभी युवाओं को अपने भविष्य की चिंता है। देश का सजग नागरिक भी आज की आधुनिक दुनिया में रहना चाहता है।

2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की भाषण शैली ने ही युवाओं को प्रभावित किया था। भारतीय जन-जन के हदय को झंकृत किया था। नरेंद्र मोदी का संवाद भारत के मतदाताओं को ईमानदार लगा था। इसी कारण संपूर्ण देश ने जातिवाद से ऊपर उठ कर देश के विकास के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया था। उसी नरेंद्र मोदी ने गत सवा 4 सालों में अपने वादों के प्रति ईमानदार रहते हुए देश में सुशासन और विकास लाने का भरपूर प्रयास किया है। इन ईमानदार प्रयासों को देश की जनता अत्यंत बारीकी से देख रही है। वह देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय के रूप में बढ़ते विश्वास को महसूस कर रही है। वही जनता देश हित में, देश के भविष्य के लिए आश्चर्यजनक और आशादायी निर्णय 2019 के चुनाव मे अपने चुनाव के अधिकार के माध्यम से देगी।

 

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