ध्यान योग का अभिनव प्रयोग: प्रेक्षाध्यान
प्राचीन ग्रंथ खंगालकर प्रेक्षाध्यान को खोज लाकर, उसका पुनरुद्धार कर, उसमें नए प्रयोग जोड़कर उसे वर्तमान युगानुकूल बनाकर आचार्य श्री तुलसी और आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने संपूर्ण मानव समाज का जो हित किया है, वह अनन्य है, अतुलनीय है। ध्यान की इस विशिष्ट पद्धति के अनंत लाभ हैं। शर्त सिर्फ यह है कि इसे उचित पद्धति से साधा जाए।