मेरा एकात्म विश्ववंद्य भारत
मेरे प्रवास में एक बार पहाड़ों पर स्थित एक पुराने मंदिर में दर्शन करने के लिए जाना तय हुआ। हम...
मेरे प्रवास में एक बार पहाड़ों पर स्थित एक पुराने मंदिर में दर्शन करने के लिए जाना तय हुआ। हम...
आइये, हम सब छोटे-बड़े, धनिक और गरीब सब इस दीपोत्सव में सम्मिलित हों। फिर किसी भी प्रकार के अंधकार को...
भारत ईश्वर की प्रिय भारतभूमि है । इसलिए भारत का जीवितकार्य संभ्रमित विश्व का मार्गदर्शक अर्थात् गुरुहै। जहां स्वार्थ, स्पर्धा...
नए पुरानों में समन्वय निर्माण करते हुए, समिति कार्य में औपचारिकता या संस्थागत या उद्योग-गत भाव निर्माण होने से बचते...
अन्य देशों में एकात्म भावना के संस्कार नहीं होने के कारण क्या हो सकता है यह रूस के उदाहरण से...
कुरुक्षेत्र की युद्धभ्ाूमि। धीरगंभीर आवाज में संदेश दिया गया ‘तस्माद् योगी भवार्जुन’। ५ हजार से भी अधिक वर्ष पूर्व का...
वि श्व में भारत ही ऐसा देश है जहां स्त्री को ‘मंगलानारायणी मां सप्तशक्तिधारिणी या जगत की आदिशक्ति’ के रूप...
महिला घर में, समाज में, कार्यस्थल में, धार्मिक, शैक्षिक, राजनीतिक संस्थानों में असुरक्षित है। स्थान, समय, रिश्ता, जाति, स्तर, इसका...
सं स्कृत में प्रसिद्ध कहावत है, ‘संगीताद् भवति संस्कार :। ’ केवल मानवी जीवन में ही नहीं अपितु पशु -पक्षी,...
उदात्त, महन्मंगल मातृसंकल्पना का धनी एकमेव देश विश्व में है- वह है अपना भारत। स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी ने स्वतंत्रता देवी...
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