जल प्रबंध की हमारी श्रेष्ठ प्राचीन परंपरा
हमारा देश किसी समय ‘सुजलाम्, सुफलाम्’ था, विश्व के अर्थतंत्र का सिरमौर था, क्योंकि हमारा जल व्यवस्थापन अत्यंत ऊँचे दर्जे का था। इसकी विकसित तकनीक हमें अवगत थी। इसकी विस्मृति का हमें आज खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।