मिजाज क्यों बदला मोदी विरोधियों का
सिर्फ खामोश ही नहीं हुए, हर ऐरे-गैरे और पिद्दी से पिद्दी मोदी विरोधी नेता के ऊल-जुलूल बयान बढ़-चढ़कर छापने और दिखाने वाले मीडिया के एक बड़े वर्ग ने अपने सुर क्यों बदल लिए?
सिर्फ खामोश ही नहीं हुए, हर ऐरे-गैरे और पिद्दी से पिद्दी मोदी विरोधी नेता के ऊल-जुलूल बयान बढ़-चढ़कर छापने और दिखाने वाले मीडिया के एक बड़े वर्ग ने अपने सुर क्यों बदल लिए?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निष्ठावान स्वयंसेवक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता तथा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सांसद गोपीनाथ राव मुंडे की दुर्घटना में हुई मृत्यु से सारे देश में शोक छा गया।
विचार शक्ति को बधिर करने वाला कोई प्रश्न जब सामने आता है तो उसे ‘यक्ष प्रश्न’ कहा जाता है। यक्ष प्रश्न का एक प्रसंग महाभारत में मिलता है। धर्मराज युधिष्ठिर की सत्यता की परीक्षा लेने के लिए यक्ष ने उनसे कठिन से कठिन प्रश्न पूछे।
रमेश आज बहुत खुश था। वह अपने कमरे में अखबारों का ढेर लगाए एक-एक कर सबको पलटने में मशगूल था। अखबारों में अपनी तस्वीरों को देख-देख कर मन ही मन वह इठलाए जा रहा था। आखिर आज वो क्यों न इठलाए? उस पर चारों ओर से खुशियों की बरसात जो हो रही थी।
कुछ फिल्मी कलाकार भारी मतों से जीतते हैं, तो कुछ हार जाते हैं। भारतीय लोकतंत्र को अब इसकी आदत हो गई है। जनता के प्रेम से जीते फिल्मी कलाकारों का हार्दिक अभिनंदन; और जो नहीं जीत सके वे अपने क्षेत्र के मतदाताओं के सतत संपर्क में रहकर अगले लोकसभा चुनावों की तैयारी करें।
सोलहवीं लोकसभाके चुनाव में हारी हुई राजनीतिक पार्टियों की कुंठा और अवसाद के अब कुछ कम होने की आशा हम सब कर सकते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि इस चुनाव ने इतिहास रचा है।
वर्षा ऋतु सभी को समृद्ध करने वाला है। सभी उसकी आतुरता से प्रतीक्षा करते हैं। हम बचपन से सुनते हैं जब आसमान में बादल छाते हैं तो मोर नाचते हैं।
नियति इंसान के सामने कभी-कभी काफी उलझी हुई पहेलियां रख देती है। उसके पास दया नहीं होती। नियति ऐसे प्रतिभावान लोगों को संसार से अचानक उठा लेती है, जो समाज को अपने से लगते हैं; जिनकी अनुभव संपन्नता का, विद्वत्ता का समाज और देश को लाभ हो सकता है।