मुख्य मीडिया की भूमिका निभा रहा सोशल मीडिया

Continue Readingमुख्य मीडिया की भूमिका निभा रहा सोशल मीडिया

सोशल मीडिया जैसा अभिव्यक्ति का माध्यम मुख्य मीडिया को तो आईना दिखा ही रहा है, साथ ही सामाज को जागरूक और सशक्त भी बना रहा है। लेकिन मुख्य धारा की मीडिया को मूल रूप में आना होगा। उसे अपने राष्ट्र धर्म और समाज धर्म के उद्देश्यों का पालन करते हुए पुनः अपनी सार्थकता सिद्ध करनी होगी।भारत के संविधान के अनुच्छेद १९(१) के तहत प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अर्थात अपने भावों और विचारों को व्य्क्त करने का हर नागरिक को अधिकार है। इसके तहत कोई भी व्याक्ति न सिर्फ विचारों क

जिंदगी को गाते शायर ‘हस्ती’

Continue Readingजिंदगी को गाते शायर ‘हस्ती’

हस्तीमल ‘हस्ती’ के रचनात्मक योगदान के जिक्र के बगैर पिछले चार दशक के हिन्दी गज़ल के विकास को पूरी तरह रेखांकित नहीं किया जा सकता। हस्तीजी ऐसे शायर हैं, जो सच्चाई को गुनगुनाते हैं, समय को पहचानते हैं, वर्तमान, भूत और भविष्य के आर-पार खड़े हैं। खुद चिराग बन के जल वक्त के अंधेरे में, भीख के उजालों से रोशनी नहीं होती।  उपरोक्त पंक्तियां ही बयां कर देती हैं, गज़लकार के इरादे। इरादे इतने बुलंद हैं, तभी तो हरे राम समीप अपने आलेख ‘परम्परा और आधुनिकता के सेतु गज़लकार’ में लिखते हैं कि हस्तीम

उद्योग केंद्रित नीतियों की आवश्यकता

Continue Readingउद्योग केंद्रित नीतियों की आवश्यकता

आर्थिक सुधारों की दृष्टि से नोटबंदी, जीएसटी, करवंचना रोकने और कैशलेस लेनदेन बढ़ाने जैसे कठोर उपाय एक ही कालखंड में आए और इससे समाज में हड़बड़ी का माहौल निर्माण हो गया। नए प्रश्न निर्माण हुए। इससे पार पाने के लिए उद्योग केंद्रित नीतियों की आवश्यकता है। औद्योगिक क्षेत्र में स्वस्थ स्पर्धा, विश्वास का माहौल और प्रशासनिक संस्कृति का निर्माण हो तो इन समस्याओं से निपटा जा सकेगा।   किसी भी समाज की सम्पन्नता में उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। व्यवसायी समाज की आवश्यकता को पहचान कर उसे पूरा करने के लि

भरोसे की लक्ष्मण रेखा

Continue Readingभरोसे की लक्ष्मण रेखा

यौन शोषण के ज्यादातर मामलों में दोषी इतना नजदीकी होता है कि बच्चे की बात पर ध्यान ही नहीं दिया जाता या उसे संबंधित व्यक्ति से दूर रहने की सलाह देकर मामले की इतिश्री कर दी जाती है। इससे बच्चे कुंठित हो जाते हैं और हर जगह अपने आपको असुरक्षित मानने लगते हैं।   दुनिया भर के तमाम धर्मग्रंथों तथा वैज्ञानिक शोधों में भले ही लाख विरोधाभास दिखें पर एक बात तो सांकेतिक रूप से हर जगह से उभर कर आती है कि मनुष्य इस धरती का सब से नवीनतम प्राणी है। अगर सनातन धर्म की पुस्तकों तथा वर्तमान ज्ञात विज्ञान की ही बात कर

भाजपा-रजनीकांतः‘विन-विन सिच्युएशन’

Continue Readingभाजपा-रजनीकांतः‘विन-विन सिच्युएशन’

जयललिता के निधन के बाद अन्ना-द्रमुक दो गुटों में बिखर गई। इनमें से पन्नीरसेलवम का एक बड़ा गुट भाजपा के अनुकूल है। यदि वह साथ में आए तो भाजपा-रजनीकांत गठजोड़ को बहुत बल मिल सकता है। दिल्ली का समर्थन तो उन्हें होगा ही। इस तरह भाजपा-रजनीकांत ‘विन-विन सिच्युएशन’ (दोनों का लाभ, किसी की हानि नहीं) में होंगे। भाजपा के लिए रजनीकांत दक्षिणायन की सीढ़ी बन सकते हैं। तमिलनाडु की राजनीति पुनः चर्चा में है। अन्ना-द्रमुक की नेता जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की राजनीति में बहुत उलटफेर हुआ है। उनके चले जाने

जिंदगी को गाते शायर ‘हस्ती’

Continue Readingजिंदगी को गाते शायर ‘हस्ती’

हस्तीमल ‘हस्ती’ के रचनात्मक योगदान के जिक्र के बगैर पिछले चार दशक के हिन्दी गज़ल के विकास को पूरी तरह रेखांकित नहीं किया जा सकता| हस्तीजी ऐसे शायर हैं, जो सच्चाई को गुनगुनाते हैं, समय को पहचानते हैं, वर्तमान, भूत और भविष्य के आर-पार खड़े हैं|

End of content

No more pages to load