आर्य समाज का विस्तार

Continue Readingआर्य समाज का विस्तार

आर्य समाज की यह मान्यता है और सही मान्यता है कि वैदिक धर्म के अनुायियों के पास समस्त मानव जाति में उत्थान और कल्याण के लिए विशेष संदेश है और इसका अधिकाधिक प्रचार करना उसका दायित्व है। इस भावना से प्रेरित होकर और अपने उच्च एवं श्रेष्ठ मिशन में आस्था रख कर आर्य जन न केवक्ष भारत में ही अपितु भारत से बाहर भी जन कल्याण का कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार कार्य समाज आंदोलन अपने विश्व स्वरूप का परिचय दे रहा है।

धर्म और राष्ट्र चेतना की ललकार आर्य समाज

Continue Readingधर्म और राष्ट्र चेतना की ललकार आर्य समाज

1857 के  स्वतंत्रता संग्राम के बाद अनेक सामाजिक नेताओं एवं संतों ने राष्ट्र एवं समाज जागरण की चेतना पूरे देश में फिर से जगाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। ब्रिटिश साम्राज्य और ईसाइयत के बढ़ते प्रभाव को रोकने के साथ-साथ हिंदू समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली संगठन तैयार करना यह भी इसके पीछे एक मुख्य उद्देश्य था।

राम मंदिर परसियासी दांवपेच

Continue Readingराम मंदिर परसियासी दांवपेच

विहिंप और संतों ने राम मंदिर को लेकर प्रत्यक्ष आंदोलन चुनाव तक स्थगित कर दिया है। इसलिए भी कि केंद्र ने अविवादित और अधिग्रहीत 67 एकड़ जमीन मूल मालिक याने राम जन्म भूमि न्यास को लौटाने के लिए अदालत में आवेदन किया है। इससे विरोध-प्रतिरोध के बावजूद किसी बड़े हंगामे…

विपक्ष मोदीजी से क्यों चिढ़ता है?

Continue Readingविपक्ष मोदीजी से क्यों चिढ़ता है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासन काल में ऐसे-ऐसे साहसिक निर्णय किए हैं, जो भारतीयत्व के स्वाभिमान को जागृत करते हैं। देश ने श्रेष्ठता की राह पकड़ ली है। ऐसे में मतदाताओं का कर्तव्य हो जाता है कि इस साल के महाचुनाव में वे मोदीजी का साथ दें।

चुनाव : राष्ट्र और परिवार के बीच

Continue Readingचुनाव : राष्ट्र और परिवार के बीच

2014 का चुनाव परिवर्तन का मात्र एक आगाज था, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव तो 2019 है। इस चुनाव में दो प्रवृत्तियों में से एक को चुनना है। एक राष्ट्रपरिवार से जुड़ी है, जबकि दूसरी परिवारवाद, बाजारवाद से जुड़ी है। इसमें मतदाता चूके तो सब कुछ रेत की तरह हाथ से…

परिवारवाद बनाम राष्ट्रवाद

Continue Readingपरिवारवाद बनाम राष्ट्रवाद

भारत में पूरे साल भर चुनाव का उत्सव कहीं ना कहीं होते ही रहता है। लेकिन, आम चुनाव को तो महाउत्सव के रूप में देखना होगा। इस महाउत्सव के नगाड़े अब बजने लगे हैं। लोकसभा का यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस के साथ अन्य दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।…

End of content

No more pages to load