हमारी संस्कृति हमें बताती है, ‘मातृदेवो भव, पितृदेवो भव, आचार्यदेवो भव’-माता, पिता एवं आचार्य (गुरू) ये देवता स्वरूप हैं। इसमें...
महर्षि दयानंद हिंदी को आर्य भाषा कहते थे। आर्य समाज, लाहौर ने सन 1936 में प्रथम आर्य भाषा सम्मेलन किया,...
वेद को खोने-भुलाने से यह देश भी भूल गया- हमें ही विजयी होना है और विशुद्ध होना है। पराजित अनायास...
यह एक बड़ा भारी भ्रम है कि राजनीति का धर्म से कोई संबंध नहीं है। राजनीति का जन्म ही धर्म...
स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर... स्वातंत्र्यवीर और संघटक... साहित्यिक एवं समाजसुधारक... जैसे भविष्यद्रष्टा व्यक्तित्व को केवल राजनीतिक स्वार्थवश भारत में हमेशा...
यूं तो हमारा देश पुरातन काल से ही ॠषियों, मुनियों, मनीषियों, समाज सुधारकों व महापुरुषों का जनक रहा है जिन्होंने...
वह बहार बीत गई जब, गुलाब के फूलों की सुंदर शोभा दिखाई देती थी। अब तो गुलाब में बिना पत्तों...
7 अप्रैल 1875 को मुंबई में ऋषि दयानंद ने पहली आर्य समाज स्थापित की थी, जिसे आज 144 वर्ष हो...
आर्य समाज एक सामाजिक संगठन है। इसके संस्थापक स्वामी दयानंद जी ने अपने समय की रूढ़ियों, कुरीतियों और अंधविश्वासों के...
किसानों की समस्या को दूर करने एवं कृषि से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लिए केंद्रीय बजट 2019-20 में...
आंतरिक मामले में आर्य समाज भले ही निर्बल हो रहा हो परंतु बाह्य आपदाओं से निपटने में वह पूर्णरूपेण सशक्त...
आज की नारी समय की मांग के अनुरूप बनाने का प्रयास कर रही है। नगरीय, महानगरीय, भौतिकवादी और भूमंडलीय संस्कृति...
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